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Movie Review: जानिए कितना मनोरंजन कर पाएगी 'बेवकूफियां'...

नूपुर अस्‍थान के निर्देशन में बनी 'बेवकूफियां' यशराज बैनर की एक और अच्‍छी फिल्‍म है. वैसे तो इस बैनर की ख्‍याति ही बड़ी तादाद में बेहतर फिल्‍में देने की रही है. सच कहूं, तो रोमांस व कॉमेडी से भरपूर इस फिल्‍म में रुपहले पर्दे पर बड़ी खूबसूरती से कई रंग बिखेरे गए हैं. हालांकि पट‍कथा कुछ खास दमदार नहीं है.

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फिल्‍म के एक सीन में सोनम कपूर
फिल्‍म के एक सीन में सोनम कपूर

फिल्‍म: बेवकूफियां
रेटिंग: 2 स्‍टार
कलाकार: सोनम कपूर, आयुष्‍मान खुराना, ऋषि कपूर
निर्देशक: नूपुर अस्‍थाना
नूपुर अस्‍थान के निर्देशन में बनी 'बेवकूफियां' यशराज बैनर की एक और अच्‍छी फिल्‍म है. वैसे तो इस बैनर की ख्‍याति ही बड़ी तादाद में बेहतर फिल्‍में देने की रही है. सच कहूं, तो रोमांस व कॉमेडी से भरपूर इस फिल्‍म में रुपहले पर्दे पर बड़ी खूबसूरती से कई रंग बिखेरे गए हैं. हालांकि पट‍कथा कुछ खास दमदार नहीं है.

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मोहित (आयुष्‍मान खुराना) और मायरा (सोनम कपूर) दिल्‍ली के युवा कपल हैं. मोहित एक एयरलाइंस कंपनी में काम करता है, पर मंदी की चपेट में आने के बाद उसकी नौकरी छूट जाती है. बाद में उसके सामने पैसे की तंगी की समस्‍या बनी रहती है. यहां तक कि उसके क्रेडिट कार्ड की लिमिट भी पूरी तरह खत्‍म हो जाती है. अपने पुराने फर्म में वह सीनियर एक्‍जीक्‍यूटिव था. इस वजह से इससे निचले दर्जे की नौकरी के लिए वह खुद को तैयार नहीं कर पाता है.

इसके विपरीत, मायरा की कमाई अच्‍छी-खासी है. वह मोहित को कर्ज चुकता करने के लिए अपनी ओर से रुपये उधार देती है. पर मोहित कभी भी जॉब खोजने के लिए सीरियस नजर नहीं आता है. इस बुरे वक्‍त में मायरा उसकी कुछ इस तरह मदद करती है, जिससे यह जोड़ा एक बार फिर खुशहाल हो जाता है.

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इस फिल्‍म में तीसरा सबसे अहम किरदार है मायरा के पिता वीके सहगल (ऋषि कपूर) का. वे सरकारी सेवा में हैं. वे हमेशा बड़े-बड़े नामों का इस्‍तेमाल करके अपने जानने वालों को प्रभावित करने की कोशिश करते रहते हैं. उन्‍हें इस विचार से ही नफरत है कि उनकी बेटी एक बेहद साधारण लड़के से शादी करने की चाहत रखे.

'बेवकूफियां' फिल्‍म में आप सिर्फ वही पाएंगे, जो आपको इसके ट्रेलर व पोस्‍टरों में नजर आता है. फिल्‍म में इससे ज्‍यादा कुछ भी नहीं है. ऋषि कपूर का अभिनय काफी दमदार है, जो फिल्‍म की नैया पार लगाने की कोशिश करते नजर आते हैं. मेरे नजरिए से, वही इस फिल्‍म में असली स्‍टार हैं...

इसमें कोई दो राय नहीं है कि फिल्‍म में सोनम कपूर ने काफी अच्‍छी एक्टिंग की है. आयुष्‍मान खुराना भी कुल मिलाकर ठीक-ठाक ही नजर आते हैं, पर एक कमजोर पटकथा पर बनी फिल्‍म में इन दोनों के पास करने के लिए कुछ खास नहीं था. रघु दीक्षित का संगीत भी निराश करता है. रोमांटिक-कॉमेडी फिल्‍म में बेहतर संगीत का होना भी बेहद जरूरी होता है.

बेहतर होगा कि थिएटर में जाकर इस फिल्‍म को देखने की बजाए इसकी DVD का ही इंतजार कर लिया जाए...

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