scorecardresearch
 

Movie Review: रीयल से रील का कठिन सफर है 'बॉलीवुड डायरीज'

यह फिल्मों में हाथ आजमाने के लिए बहुत सारी दिक्कतों का सामना करते हुए मायानगरी मुंबई आने की कोशिश करते हैं और उनके साथ क्या घटनाएं घटती हैं इस विषय पर आधारित है 'बॉलीवुड डायरीज'

Advertisement
X
फिल्‍म 'बॉलीवुड डायरीज'
फिल्‍म 'बॉलीवुड डायरीज'

फिल्म का नाम: बॉलीवुड डायरीज
डायरेक्टर: के डी सत्यम
स्टार कास्ट: आशीष विद्यार्थी, रायमा सेन, सलीम दीवान, करुणा पाण्डेय, विनीत कुमार सिंह
अवधि: 2 घंटा 02 मिनट
सर्टिफिकेट: U/A
रेटिंग: 2.5 स्टार

Advertisement

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री यानी बॉलीवुड में बनने वाली फिल्मों से प्रेरित होकर कई सारे छोटे-छोटे गांव शहर के लोग फिल्मों में हाथ आजमाने के लिए बहुत सारी दिक्कतों का सामना करते हुए मायानगरी मुंबई आने की कोशिश करते हैं, और उनके साथ क्या घटनाएं घटती हैं, इसी बात को 'बॉलीवुड डायरीज' में दिखाने की कोशिश की गई है.

कहानी
यह कहानी इमली (रायमा सेन), विष्णु श्रीवास्तव (आशीष विद्यार्थी) और रोहित गुप्ता (सलीम दीवान) की है. इमली, कोलकाता में एक वेश्यावृति में लिप्त लड़की है जो अपनी बेटी मिली के साथ रहती है और उसका बॉलीवुड में जाकर हिरोइन बनने का सपना है. वहीं 52 साल की उम्र के विष्णु श्रीवास्तव, कॉलेज में थिएटर ग्रुप से जुड़े थे लेकिन शादी के बाद छत्तीसगढ़ के भिलाई में अपने परिवार के साथ रहते हैं और बेटी की शादी के बाद एक्टिंग में फिर से हाथ आजमाने का सपना पूरा करना चाहते हैं. दिल्ली में रहने वाला रोहित, हिंदी फिल्मों का बड़ा भक्त है जो एक कॉल सेंटर में काम करता है और मुंबई के प्रोड्यूसर्स से फिल्मों में काम देने के लिए समय समय पर विनती करता रहता है. अब क्या इमली, विष्णु और रोहित का सपना पूरा हो पायेगा? इसकी जानकारी आपको फिल्म देखकर ही मिल पाएगी.

Advertisement

स्क्रिप्ट
फिल्म की कहानी तो काफी प्रेरणाप्रद है. इंटरवल से पहले तक सब कुछ सही रफ्तार में रहता है लेकिन इंटरवल के बाद धीरे-धीरे फिल्म बढ़ती है. तीनो किरदारों की कहानी को एक साथ पर्दे पर दिखा पाने में मेकर कमजोर रह गए हैं. सामंजस्य की कमी दिखाई पड़ती है जो बेहतर हो सकती थी. फिल्म के राइटर डायरेक्टर, के डी सत्यम ने इसके पहले 'गट्टू' फिल्म बनाई थी जिसकी कई फिल्म समारोहों में चर्चा भी हुई थी लेकिन इस बार बेहतरीन कॉन्‍सेप्ट के रहते हुए फिल्म थोड़ी फीकी रह गई है. स्क्रीनप्ले और बेहतर हो सकता था.

अभिनय
फिल्म में सबसे उम्दा अभिनय आशीष विद्यार्थी ने किया है, 52 साल के विष्णु के किरदार को उन्होंने जीवंत कर दिया है. साथ ही रायमा सेन ने भी दिल में अरमान लिए हुए इमली का किरदार बखूब निभाया है. सलीम दीवान ने एक स्ट्रगलिंग एक्टर के रूप में अच्छा काम किया है. करुणा पाण्डेय और विनीत कुमार सिंह का भी छोटा लेकिन अच्छा अभिनय है.

संगीत
फिल्म का संगीत सबसे बेहतरीन है, ख़ासतौर पर इसका गीत 'मन का मिरगा'..पूरी फिल्म में यह समय-समय पर भावनाओं के हिसाब से आता रहता है. बैकग्राउंड स्कोर भी ठीक है.

क्यों देखें
स्ट्रगल की दास्तान आपको पसंद है, रील और रीयल लाइफ के विषय की तरफ झुकाव है, तो यह फिल्म जरूर देखें.

Advertisement
Advertisement