अगर आप कुछ हटकर देखना चाहते हैं, यानी बॉलीवुड की मसाला फिल्मों से कुछ अलग तो फाइंडिंग फैनी आप ही के लिए है. यह उन फिल्मों में से है जिनमें फिल्म का माहौल, समय, सीन और किरदार कलाकारों से ज्यादा अहम हो जाते हैं. फिल्म देखते समय आपको लगता है कि आप कुछ किरदारों को देख रहे हैं न कि दीपिका, अर्जुन या नसीरूद्दीन शाह को. होमी की फिल्मों की यह खूबसूरती होती है कि वे फिल्म की ऐसी सेटिंग रखते हैं जो अपने आप दिल में उतर जाती है. हल्की और गांव की जिंदगी वाली रफ्तार से चलने वाली यह फिल्म किसी किताब या कहानी को पढ़ने जैसी है. किरदार आते हैं, अपनी कमियों और खासियतों के साथ.
कहानी में कितना दम
एंजी (दीपिका पादुकोण) एक विधवा है. वो फ्रेडी (नसीरूद्दीन) की मदद करना चाहती है. फ्रेडी फैनी नाम के लड़की से प्यार करता है. लेकिन यह प्यार लगभग साढ़े चार दशक पुराना है. बस फिर दीपिका की सास डिंपल कपाड़िया, पेंटर पंकज कपूर और दीपिका का प्रेमी अर्जुन कपूर इस खोज में निकल पड़ते हैं. फिल्म बड़े ही हल्के-फुल्के अंदाज में आगे बढ़ती जाती है, अपने आप से दिल में उतरती जाती है. आसान और बहुत ही सहज दिखने वाले किरदार. जिनकी बातों में मस्ती है. लेकिन हर किसी की अपनी एक कहानी है. होमी ने फिल्म को खींचा नहीं है, बल्कि स्वाभाविक ढंग से चलने दिया है. टाइट एडिटिंग और गोवा के माहौल ने फिल्म को दिलचस्प बनाया है.
स्टार अपील
फिल्म में सभी ने अव्वल दर्जे की एक्टिंग की है. कहानी नसीरूद्दीन शाह के इर्दगिर्द बुनी गई है. उनकी एक्टिंग कमाल है. पंकज कपूर बतौर पेंटर धमाल हैं. दीपिका की सास के रोल में डिंपल बेमिसाल हैं. इनके बीच नई पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते दीपिका और अर्जुन कपूर भी अपने-अपने रोल में शानदार हैं. इस फिल्म के जरिये बॉलीवुड की दो पीढ़ियों की बेहतरीन ऐक्टिंग का जायका एक साथ लिया जा सकता है.
कमाई की बात
फिल्म का बजट लगभग 12-15 करोड़ रु. के बीच बताया जाता है. इसे खास तौर से मल्टीप्लेक्स पर फिल्म देखने जाने वाले दर्शकों के लिए बनाया गया है. जिसमें एक बड़ा हिस्सा युवाओं का है. ऐसे में इस अलग ढंग की प्रेम कहानी का रंग अगर युवाओं पर चढ़ा तो फिर क्या कहने. फिल्म को एक फायदा यह भी हो सकता है कि इसे इंग्लिश और हिंदी दोनों भाषाओं में रिलीज किया गया है. यानी दोनों जुबान के लोग इसका मजा ले सकते हैं.