एक्टरः सुरवीन चावला, सुशांत सिंह और जय भानुशाली
डायरेक्टरः विशाल पांड्या
ड्यूरेशनः 2 घंटा, 19 मिनट
रेटिंगः 1
एक नेता है. मंदार नाम है. मुंबई पर राज करता है. उसकी बीवी है, बच्चे हैं. समर्थक हैं. गुंडे हैं. और है एक रखैल. सोनिका नाम की. सोनिका मजबूरी में मंदार के पास आई और अब उसकी चेरी बनकर रह गई. मंदार जब राजनीति में बिजी होता है, तब सोनिका फोटोग्राफी की क्लास करती है. यहां उसकी मुलाकात अक्षय से होती है. दोनों में प्यार हो जाता है. फिर मंदार का खूनी पंजा. सोनिका का पलटवार. साजिशें. उलझनें. वगैरह वगैरह. इन सबके बीच में एक स्टड दिखने की कोशिश करता गोवा का पुलिस वाला. पति परमेश्वर को उसकी बदतमीजियों के लिए ठिकाने लगाने को आतुर बीवी. और स्टोरी को उलझाने के लिए एक भूत भी क्योंकि नायिका को होता है मतिभ्रम.
मतिभ्रम से याद आया. ये फिल्म और इसका डायरेक्शन भी इसी बीमारी का शिकार है. फिल्म की शुरुआत महान टरंटीनो की फिल्म किल बिल की याद दिलाती है. ताबूत फोड़कर नायिका बाहर आती है. फिर वह एक-एक कर बदला भी लेती है. मगर उसमें इतनी ताकत, हिम्मत और सूझबूझ कहां से आती है. ये कोई नहीं बताता. शायद हिंदी फिल्म के दर्शकों को अति समझदार मान सब उन्हीं पर छोड़ दिया जाता है.
मंदार के रोल में सुशांत सिंह ने उम्दा एक्टिंग की है. उन्हें अरसे बाद पर्दे पर देखना अच्छा लगा. जय भानुशाली गुड्डे की तरह भावहीन लगे हैं. जब डायरेक्टर ने उन्हें भूत बनाकर वापस लाया, तो रही सही छीछालेदर भी पूरी हो गई. वैसे भी उनके हिस्से गाने वाने ही आए हैं. वह हर सीन में क्यूट दिखने की भयानक कोशिश करते हैं. सुरवीन चावला पर ही पूरी फिल्म का फोकस है. उनकी एक्टिंग ठीक है. पर फुटेज के हिसाब से परफॉर्मेंस प्रभावित नहीं करती.
फिल्म के गाने पहले से ही हिट हैं. मगर फिल्म में उनकी टाइमिंग हैरान करती है. कोई सीरियस सीन चल रहा है और पेल दिया बीच में लव सॉन्ग. ये देखकर फिर यकीन होता है कि प्रॉड्यूसर पब्लिक को मूरख समझते हैं. सेक्स, नंगी पीठ, बदला, रेप और आशिकी नुमा गाने. पब्लिक तो बिलबिला के देखने आएगी. आएगी और गाएगी आज फिर तुमपे प्यार आया है.
पर हमको नहीं आया. कहानी कमजोर है. एक्टिंग ज्यादातर लोगों की एवरेज है और डायरेक्शन भी बिखरा हुआ. डायरेक्टर साहब का जब मन होता, कट बोल देते और आगे पीछे का सीक्वेंस जोड़ देते. जनता काफी खर्च हुई ये समझने में कि अभी अभी जो सीन दिखा रहे हैं, वह भूत काल का है, या वर्तमान काल का.
बहुत ही फुर्सत में हैं. बड़े पर्दे पर हिंदी सिनेमा का सात्विक सेंसर्ड संभोग देखने को बेकरार हैं या फिल्म की स्टार कास्ट में किसी के फैन हैं, तभी हेट स्टोरी 2 देखने जाएं.