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Movie review: विद्या बालन के लिए देखिए 'कहानी 2'

वि‍द्या बालन और अर्जुन रामपाल की सस्पेंस थ्रि‍लर फि‍ल्म 'क‍हानी 2' रि‍लीज हो गई है. अगर आप वि‍द्या बालन के फैन हैं तो इस मूवी को देखने जा सकते हैं...

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वि‍द्या बालन
वि‍द्या बालन

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'कहानी 2' का पहली 'कहानी' से कोई ताल्लुक नहीं है, सिवाय इसके कि इस फिल्म के निर्देशक सुजॉय घोष हैं. मुख्य किरदार में विद्या बालन और अर्जुन रामपाल हैं. यह मूवी एक सस्पेंस थ्रिलर है और फिल्म के प्रति उत्सुकता पैदा करने के लिये ये तीन वजह काफी हैं.

'कहानी' की कहानी
कहानी है विद्या सिन्हा की जो कोलकाता के पास एक छोटे से शहर चंदनपुर में अपनी बेटी के साथ ख़ुशनुमा जीवन बिता रही है. विद्या की बेटी चल फिर नहीं सकती है फिर भी मां-बेटी खुश हैं. मां की सिर्फ ये तमन्ना है कि उसकी बेटी का इलाज हो जाए और वो एक बार फिर से चलने लगे. अपनी बेटी के इलाज के लिए विद्या उसे अमेरिका ले जाने की तैयारी करती है और तभी एक दिन विद्या की बेटी मिनी किडनैप हो जाती है. उसी दौरान विद्या का एक्सीडेंट हो जाता है और वो कोमा में चली जाती है.
इसके बाद एंट्री होती है सब इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह. इसके बाद शुरू होता है विद्या सिन्हा और दुर्गा रानी सिंह के बीच का खुलासा. परत पे परत खुलती है और आखिरकार मां अपनी बेटी से मिल पाती है या नहीं ये आपको मूवी देखने के बाद पता चलेगा.

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स्क्रीनप्ले
फिल्म की शुरुआत बेहद दिलचस्प तरीके से शुरू होती है और इंटरवल तक स्टोरी आपको बांध कर रखने में कामयाब होती है. लेकिन इंटरवल के बाद कहानी की रफ्तार थोड़ी धीमी हो जाती है.

कमजोर कड़ी
लेखक सुजॉय घोष और सुरेश नायर का क्लाइमेक्स थोड़ा सा बोझिल है. ये एक सस्पेंस थ्रिलर है इसलिए फिल्म के बारे में ज्यादा बताना गलत होगा लेकिन पहली 'कहानी' की तुलना में 'कहानी 2' का क्लाइमेक्स थोड़ा कमजोर और फिल्मी लगता है.

अभिनय
अभिनय के मामले में विद्या बालन 'कहानी 2' की जान हैं. हर एक सीन उन्होंने बखूबी निभाया है और कुछ जगहों पर वो यकीन दिला देती हैं कि वो अदाकारा नहीं बल्कि दुर्गा रानी सिंह हैं. अर्जुन रामपाल ने भी बेहद नेचुरल काम किया है और विद्या को अच्छा सपोर्ट दिया है. जुगल हंसराज और बाकी सभी कलाकार अपने किरदारों में फिट रहे हैं.

फिल्म की मजबूत कड़ी
पतन बसु की सिनेमेटोग्राफी, सुब्रता बारीक का प्रोडक्शन डिजाइन और बैकग्राउंड म्यूजिक लाजवाब है. निर्देशक सुजॉय घोष एक बार फिर कोलकाता और केलिंगपॉंग को कहानी में किरदार बनाने में सफल होते हैं. कुल मिलाकर 'कहानी 2' पहली 'कहानी' के मुकाबले थोड़ी कम है लेकिन फिर भी अपनी छाप छोड़ने में कामयाब होती है.

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