निर्देशक: राजकुमार संतोषी
कास्ट: शाहिद कपूर, इलियाना डीक्रूज, पद्मिनी कोल्हापुरी और दर्शन जरीवाला
रेटिंग: 3 स्टार
ऐसा लगता है जैसे 'फटा पोस्टर निकला हीरो' के जरिए राज कुमार संतोषी यह आश्वस्त करना चाहते हैं कि शाहिद कपूर भी सलमान खान और अक्षय कुमार की तरह लोगों को रिझा सकते हैं. इस फिल्म में शाहिद थोड़े दबंग और थोड़े राउडी राठौर जैसा किरदार निभार रहे हैं. उनकी यह कोशिश फर्स्ट हाफ में इंटरवल तक रंग भी लाती है.
फिल्म छोटे शहर से आए विश्वास राव (शाहिद कपूर) की कहानी है, जो एक्टर बनना चाहता है. लेकिन गलती से उसे मुंबई का निडर पुलिसवाला समझ लिया जाता है, जिससे क्लाइमेक्स तक कनफ्यूजन से कॉमेडी क्रिएट होती है और कई तरह के ट्विस्ट आते हैं. फिल्म में इंटरवल तक बेहतरीन कॉमेडी की गई है. काफी अच्छे जोक्स हैं, जिन पर आपको खूब हंसी आएगी. हालांकि सेकेंड हाफ में कॉमेडी थोड़ी सुस्त हो जाती है. लेकिन कई जगह फिर से यह रफ्तार पकड़ लेती है और आप हंसने लगते हैं.
निर्देशक संतोषी ने 'फटा पोस्टर निकला हीरो' में 'घायल' और 'अंदाज अपना-अपना' जैसी अपनी ही फिल्मों की नकल की है. फिल्म के डॉयलॉग काफी फनी और स्मार्ट हैं.
शाहिद हमेशा ही डांस करने में माहिर रहे हैं. वे गानों में अपनी पूरी जान लगा देते हैं. खासकर 'तू मेरे अगल बगल...' में उन्होंने बेहतरीन डांस किया है. उनकी कॉमिक टाइमिंग भी बढ़िया है.
पद्मिनी कोल्हापुरी ने अपने किरदार के साथ पूरा इंसाफ किया है. वे फिल्म में एक ऐसी मां का रोल कर रही हैं, जो अपने बेटे को ईमानदार पुलिसवाला बनते हुए देखना चाहती है. फिल्म में डॉन का किरदार निभा रहे सौरभ शुक्ला प्रभावी हैं. आइटम गर्ल के तौर पर नरगिस फाखरी फिल्म में अपनी कोई पहचान नहीं बना पाई. सोशल वर्कर बनी इलियाना डीक्रूज कुछ गानों में अच्छी लगी हैं. हालांकि उनके पास फिल्म में करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं था.