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Movie Review: घिसी-पिटी है 'रॉकी हैंडसम'

आज 'रॉकी हैंडसम' रिलीज हो गई है. फिल्म के प्रोड्यूसर जॉन अब्राहम और डायरेक्टर निशिकांत कामत दोनों ही फिल्म में एक्टिंग करते नजर आ रहे हैं. आइए जानें कैसी है फिल्म...

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डायरेक्टरः निशिकांत कामत
कलाकारः जॉन अब्राहम, दिव्या चलवाड़, निशिकांत कामत और शरद केलकर
रेटिंगः
1.5 स्टार

बॉलीवुड का इतिहास रहा है कि गोवा का नाम आते ही ड्रग्स और गुंडों की दुनिया सामने आ जाती है. यानी बॉलीवुड गोवा को दूसरा मेक्सिको बनाकर पेश करने की कोशिश करता है. यहां के लोगों का बोलने का ढंग अलग होता है और कुछ ज्यादा स्टाइलिश या सिरफिरे होते हैं. यह बॉलीवुड का वह घिसा-पिटा आइडिया है जो कई दशकों से लागू हो रहा है. रॉकी हैंडसम में भी गोवा की पृष्ठभूमि कुछ इसी तरह की कहानी बुनने की कोशिश की गई है. जिसमें ना एक्टिंग की धार है और ना ही डायरेक्शन और राइटिंग का कमाल. फिल्म 2010 की कोरियन फिल्म 'द मैन फ्रॉम नोव्हेयर' से प्रेरित है. लेकिन यह किसी भी तरह से वैसी इन्टेंसिटी नहीं लिए हुए है और हमेशा की तरह बॉलीवुड ने अपना दिमाग ज्यादा लगाकर अच्छी-खासी फिल्म को घिसे-पिटे अंदाज में पेश कर दिया.

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कहानी में कितना दम
जॉन अब्राहम गोवा में रहता है. रहस्यमय किस्म का इनसान है. वह बहुत ही अलग-थलग जीवन जीता है. उसकी पड़ोसन नतालिया कौर है. उसकी बेटी दिव्या चलवाड़ है. बच्ची और जॉन में दोस्ती होती है. मां ड्रग्स के चक्कर में फंस जाती है और सजा उस बच्ची को भुगतनी पड़ती है. जब जॉन को पता चलता है तो वह माफिया निशिकांत कामत और उसके भाई से बदला लेने के लिए निकल पड़ता है. कहानी बहुत कमजोर है. कैरेक्टर्स के बीच कनेक्शन उस तरह का नहीं बन पाता है. डायरेक्टर ने सारी मेहनत सिर्फ एक्शन सीन फिल्माने में लगाई है, और कहानी, कैरेक्टर मेकिंग तथा ट्रीटमेंट के मामले में फिल्म बहुत ही कमजोर रही है. यह कुल मिलाकर हॉलीवुड और कई विदेशी फिल्मों का मिक्स्चर नजर आती है.

स्टार अपील
इस फिल्म की खास बात यह है कि इसके प्रोड्यूसर-डायरेक्टर दोनों ही फिल्म में एक्टर हैं. प्रोड्यूसर जॉन अब्राहम एक्शन सीन करने के लिए एकदम परफेक्ट हैं. अच्छी बॉडी है. ढेरों ऐब्स भी हैं. लड़ते हुए जमते भी हैं. उन्हें फिल्म में ज्यादा कुछ नहीं बोलना है और सिर्फ एक्शन ही करना है. वह एक बार फिर कबीर बनकर आए हैं. निशिकांत कामत ने ठीक एक्टिंग की है और कहीं तो वह ओवर एक्टिंग भी हो जाती है. वह कोशिश करें कि कैमरे के पीछे ही रहें, उसमें ही जमते हैं. दिव्या भी नाओमी के रोल में ठीक है. शरद केलकर अच्छे हैं. श्रुति हासन को अब कुछ सॉलिड करने के बारे में सोचना चाहिए, वर्ना वह गेस्ट अपियरेंस तक सिमटकर रह जाएंगी.

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कमाई की बात
फिल्म में सिर्फ बड़े स्टार के तौर पर जॉन अब्राहम हैं. म्यूजिक भी कोई अपना जगह नहीं बना सका है. सिर्फ 'रॉक द पार्टी' सॉन्ग को छोड़कर. फिल्म का बजट लगभग 30 करोड़ रु. बताया जाता है. छुट्टियों वाला वीकेंड है. इसलिए फिल्म के लिए काफी अहम है. फिर एक्शन प्रेमियों के लिए इसमें काफी मसाला है, हां फिल्म कोई बहुत बड़ा कारनामा बॉक्स ऑफिस पर कर सकेगी, इसमें संदेह है क्योंकि नएपन का नितांत अभाव है.

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