रेटिंगः 3.5 स्टार
डायरेक्टरः आर. बाल्की
कलाकारः अमिताभ बच्चन, धनुष और अक्षरा हासन
आर. बाल्की बॉलीवुड के उन चुनिंदा फिल्म डायरेक्टरों में से हैं, जिनकी कोशिश लीक से हटकर फिल्म बनाने की होती है, ऐसी फिल्म जिसमें नई कहानी हो, अच्छा संगीत हो और मनोरंजन का हर पहलू हो. फिर चाहे वह चीनी कम रही हो या फिर पा. षमिताभ भी उसी कड़ी में एक नाम है. फिल्म की कहानी एकदम नई है. फिल्म के अंदर फिल्मों के जुनून को ही एक अलग अंदाज में पेश किया है. अमिताभ बच्चन और धनुष की जुगलबंदी कमाल की है. अक्षरा हासन भी इन दो स्टार्स के साथ निखरकर आई हैं. यह बाल्की का एक और मजेदार प्रयोग है.
कहानी में कितना दम
अमिताभ एक पियक्कड़ है. कभी मुंबई हीरो बनने के लिए आया यह शख्स अपनी आवाज की वजह से मात खा जाता है. धनुष एक मूक-वधिर है जिसमें बॉलीवुड का जबदस्त कीड़ा है. वह ऐक्टर बनना चाहता है. उसकी मुलाकात अक्षरा से होती है, और वह उसकी मदद करने का फैसला करती है और अमिताभ की आवाज और धनुष को मिलाकर षमिताभ बनाती है. फिर कई उतार-चढ़ाव और अहम का टकराव होता है. पूरी फिल्म बढ़िया है लेकिन सेकंड हाफ में कहानी कहीं-कहीं थोड़ी खींची हुई लगती है. एडिटिंग थोड़ी टाइट होती तो जायका बढ़ जाता. वैसे इस तरह की कहानी सिर्फ बाल्की ही कर सकते थे.
अमिताभ बच्चन की ऐक्टिंग के लिए कुछ भी कहना कम होगा. फिर उन्हें बाल्की जैसे डायरेक्टर का साथ मिल जाए तो उनकी कलाकारी को चार चांद लग जाते हैं. अमिताभ का पियक्कड़ अंदाज कमाल है. वे 72 साल की उम्र में भी जिस तरह के रिफ्रेशिंग अंदाज में नजर आते हैं, वह धमाल है. उनकी आवाज तो खास मायने रखती ही है और बाल्की ने फिल्म में इसका भरपूर इस्तेमाल करके अपनी समझदारी का ही परिचय दिया है. रांझणा वाले धनुष भी कमाल हैं. छोटे शहर के लड़के का रोल हो तो धनुष के हाथ पूरी तरह खुल जाते हैं. अमिताभ के साथ उनकी यह ट्यूनिंग खूब जमी है. अक्षरा ने अच्छी शुरुआत की है, अच्छी लगी हैं और रोल में फिट बैठी हैं.
कमाई की बात
'षमिताभ' की सबसे बड़ी खासियत इसके कलाकारों की ऐक्टिंग है. उनके आगे फिल्म की कहानी भी गौण हो जाती है. फिल्म का बजट 40 करोड़ रु. बताया जाता है. बड़ी स्टारकास्ट है और वर्ड ऑफ माउथ भी काफी काम करेगा. वैसे जब बॉलीवुड अक्सर रीमेक और बिना सिर-पैर की फिल्मों में उलझा नजर आता है, उस दौर में बाल्की एकदम फ्रेश आइडिया के साथ आए हैं. जाहिर तौर पर फिल्म सिंगल स्क्रीन थिएटर्स के माफिक बहुत ज्यादा नहीं है लेकिन अमिताभ, धनुष और बाल्की के कॉम्बिनेशन की वजह से षमिताभ को एक बार देखना तो बनता है.