रेटिंगः 4 स्टार
डायरेक्टरः ब्रायन सिंगर
कलाकारः जेनिफर लॉरेंस , माइकेल फासबेंडर, जेम्स मैक्वॉय और सोफी टर्नर
दुनिया खतरे में है, उसे बचाना है. उसे बचा सकते हैं तो सिर्फ कुछ सुपरहीरो . यह कहानी हॉलीवुड की हर दूसरी फिल्म की होती है लेकिन उसका ट्रीटमेंट और ग्राफिक्स के कमाल के जरिये हर बार ऐसा लगता है जैसे कुछ नया देख रहे हैं और अच्छी फिल्म की यही खासियत है. फिर हॉलीवुड ने पिछले कुछ महीनों में जिस तरह बॉक्स ऑफिस पर हल्ला बोला है, उसने बॉलीवुड की पेशानी पर जरूर बल डाल दिए होंगे. एक्स-मैन एपोकैलिप्स इसी तरह की फिल्म है. जिसमें ऐक्शन और म्यूटेंट सुपरहीरोज की भरमार है, और लगभग ढाई घंटे की फिल्म देखने के बाद ऐसा लगता है कि जैसे फिल्म अभी तो शुरू हुई थी.
'एन सबाह नूर' नाम का एक म्यूटेंट है जो खुद को खुदा मानता है. वह अपार शक्तियों का स्वामी है और वह अपने चार साथियों के साथ दुनिया पर अपनी बादशाहत कायम करना चाहता है. लेकिन जब वह अपार शक्तियां हासिल कर रहा होता है तो कुछ ऐसा होता है कि वह चिरनिद्रा में सो जाता है. वह 1983 में जागता है और देखता है कि दुनिया बिल्कुल बदल चुकी है. उसे लगता है कि मानवता अपनी दिशा ही खो चुकी है, औऱ वह इसे नष्ट करके दोबारा बनाने का फैसला करता है. वह अपने साथ चार म्यूटेंट साथियों को लेता है जिनमें मैगनीटो भी होता है. वह एक्स मैन के संस्थापक चार्ल्स जेवियर्स का साथ चाहता है ताकि वह दुनिया के सभी लोगों के मस्तिष्क पर कब्जा कर सके. म्यूटेंट सुपरहीरो उससे मुकाबला करते हैं.
इस मुकाबले में शानदार फाइट सीन नजर आते हैं. आंखों से आग फेंकने वाला सायक्लोप्स है तो किसी भी रूप को धर लेने वाली मिस्टीक, दिमागी ताकत रखने वाली जीन ग्रे है तो चुटकियों में एक जगह से दूसरी जगह पहुंच जाने वाला नाइटक्रॉलर भी है. सुपरसोनिक स्पीड वाला क्विकसिल्वर और दिमागी ताकत रखने वाली जीन ग्रे सरप्राइज पैकेज हैं. लेकिन वुल्वरिन के फैन्स का भी खास ख्याल रखा गया है और ह्यू जैकमैन अपने स्टील के पंजों के साथ ऐक्शन करते दिखेंगे. अभी तक आपने महानायकों के बारे में सुना होगा. लेकिन एक्स मैन में महा-खलनायक नजर आएगा. ऑस्कर इसाक ने नूर का किरदार निभाया है, और वह किरदार पूरी फिल्म में छाया रहता है. फिल्म के पहले सीन से लेकर अंत तक नूर का खौफ फिल्म में नजर आता है.
फिल्म की कहानी एकदम टाइट है, और एक के बाद एक कैरेक्टर्स आते रहते हैं और अपने साथ बहाते लेते चलते हैं. हालांकि बीच-बीच में मैग्नीटो और जेविर्यस के अतीत के बारे में भी दिखाया जाता है. कुछ कैरेक्टर्स को लेकर पिछले पार्ट मिस कर चुके दर्शकों को थोड़ी उलझन हो सकती है. वैसे भी हॉलीवुड में एक सुपरहीरो का जमाना अब गुजरे समय की बात लगता है. तभी तो चाहे बैटमैन वर्सेज सुपरमैन हो या फिर कैप्टेन अमेरिकाः सिविल वार या एवेंजर्स में ढेरों सुपरहीरो नजर आए थे. एक्स-मैनः एपोकैलिप्स भी ऐसी ही फिल्म है. इसमें कोई दो राय नहीं कि एक्स मैन के फैन्स, मार्वल कॉमिक्स कैरेक्टर के दीवानों और थ्री डी में हैरतअंगेज सीन और ऐक्शन देखने वाले शौकीनों के लिए यह फिल्म परफेक्ट वॉच है.