'स्कैम 1992' के बाद हंसल मेहता 'स्कैम 2003' लेकर हाजिर हो चुके हैं. हम बात कर रहे हैं Sony Liv के नये वेब शो की. 'स्कैम 2003', देश में हुए सबसे बड़े घोटालों में से एक है. ये स्कैम इतना बड़ा था कि इसने पूरे हिंदुस्तान की न्याय व्यवस्था को हिला दिया था. इस कहानी को हंसल मेहता ने OTT प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की है. चलिए जानते हैं कि वो अपनी इस कोशिश में कितने कामयाब हुए हैं.
कहानी 'स्कैम 2003' की
'स्कैम 2003' कहानी है कर्नाटक के एक मीडिल क्लास फैमिली में पैदा हुए अब्दुल करीम तेलगी (गगन देव रियार) की. तेलगी के पिता इंडियन रेलवे में कर्मचारी थे. पिता के निधन के बाद उसके परिवार की आर्थिक हालत खराब हो जाती है. मुश्किल हालातों में किसी तरह वो अपनी ग्रेजुएशन पूरी करता है. पढ़ा-लिखा होने के बावजूद उसे नौकरी नहीं मिलती है और वो ट्रेन में फल बेच कर जिंदगी का गुजरा करने लगता है. एक दिन ट्रेन में उसकी मुलाकात एक ऐसे सेठ से होती है, जो उसे मुंबई आने का ऑफर देता है.
छोटे से घर में रहने वाले तेलगी लाइफ को लेकर बड़े-बड़े सपने देखता था. बस इन्हीं सपनो को पूरा करने के लिए वो सेठ के कहने पर मुंबई पहुंच जाता है. मुंबई में वो सेठ के होटल में काम करता है. तेलगी के पास पैसे नहीं थे, लेकिन दिमाग बहुत था. होटल में काम करते-करते वो दुबई का रास्ता पकड़ लेता है.
दुबई में 7 साल तक रहने के बाद वो बीवी-बच्चों की खातिर इंडिया आ जाता है. हिंदुस्तान आने के बाद तेलगी फर्जी कागजात पर युवकों को दुबई भेजने का काम शुरू करता है. पर पकड़ा जाता है. जेल पहुंचने पर उसकी मुलाकात ऐसे अपराधी से होती है, जो उसी की तरह खुराफाती है. दोनों जेल से बाहर आने के बाद फेक स्टैम्प पेपर्स बेचने का काम शुरू करते हैं. तेलगी को पता है कि इस काम में रिस्क है, लेकिन अमीर बनने की जिद में वो हर रिस्क से खेल जाता है. हालांकि, कोई भी बिजनेस सरकारी कर्मचारी और नेताओं के बिना बड़ा नहीं होता. तेलगी भी अपने धंधे में इन लोगों की मदद लेता है और आगे बढ़ता जाता है. बस... बस... पूरी कहानी जान लोगे क्या. बाकी स्टोरी जानने के लिए सीरीज देखनी पड़ेगी.
क्यों देखनी चाहिए सीरीज?
'स्कैम 2003' में 10 एपिसोड हैं. अभी सिर्फ 5 एपिसोड स्ट्रीम हुए हैं. बाकी के 5 एपिसोड नवंबर में रिलीज होंगे. इन एपिसोड को देखने के बाद इतना कहा जा सकता है कि ये सीरीज उन वेब शोज में से है, जिसे Miss नहीं करना चाहिए. एक गरीब इंसान देखते ही देखते देश को 30 हजार करोड़ का चूना लगा देता है. इसे टीवी पर देखना दिलचस्प लगता है. पहले एपिसोड की शुरुआत तेलगी के नार्को टेस्ट होती है. पहला ही सीन आपको आगे स्टोरी देखने के लिए मजबूर कर देता है.
गहराई को समझते हैं हंसल मेहता
जब 'स्कैम 2003' का ट्रेलर रिलीज हुआ था, तब हर किसी के मन में यही सवाल था कि इस स्टोरी में हंसल मेहता कितनी गहराई तक जाकर काम करेंगे. सीरीज ने सभी सवालों का जवाब दे दिया है. हंसल जब भी किसी स्टोरी में घुसते हैं, उसकी चीड़-फाड़ कर देते हैं. 'स्कैम 2003' के साथ भी उन्होंने यही किया. सीरीज में उन्होंने एक भी प्वॉइंट ऐसा नहीं छोड़ा है, जहां आपको कहानी की गहाराई ना दिखती हो. कहानी की डेप्थ में जाकर उसे बनाने के लिए उनकी जितनी तारीफ करें कम है.
बेहतरीन है डायरेक्शन
सीरीज का निर्देशन तुषार हीरानंदानी ने किया है. बतौर डायरेक्टर उन्होंने काफी बेहतरीन काम किया है. सीरीज में आपको 20 से 40 साल पहले वाला मुंबई शहर ही नजर आता है. उन्होंने हर कैरेक्टर को बारीकी से पेश से किया है. फेक स्टैम्प हो या चलती ट्रेन में फर्जी वाड़ा करना, तुषार ने छोटे से छोटे सीन और कहानी के साथ न्याय किया है.
छा गए गगन देव रियार
तेलगी के किरदार में गगन देव रियार आपको सरप्राइज करते हैं. उन्होंने अपने रोल को इतने दमदार तरीके से निभाया कि देखकर जैसे वो कहानी को घोल कर पी गए हैं. सीरीज में गगन हुबबू तेलगी को कॉपी करते दिखे. एक एक्टर के तौर पर उन्होंने बिल्कुल एहसास नहीं कराया कि वो रोल निभा रहे हैं. उन्होंने किरदार ऐसे ट्रीट किया, जैसे वो खुद उस पल को जी रहे हैं.
अगर आपको रियल लाइफ थ्रिलर स्टोरीज देखना पसंद है, तो तेलगी की कहानी आपके लिए है.