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फिल्‍म समीक्षा: 'शूटआउट एट वडाला'

संजय गुप्ता ने लगभग आठ साल बाद फिर से डायरेक्शन की कमान संभाली है. उनकी फिल्म में एक्शन, सेक्स, आइटम सांग और ड्रामा हर तरह का मसाला मौजूद है. आइए जानते हैं 'शूटआउट एट वडाला' में क्या है खास.

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बजट: लगभग 45 करोड़ रु.
डायरेक्टर: संजय गुप्ता
कलाकार: जॉन अब्राहम, कंगना रनोट, अनिल कपूर, सोनू सूद और तुषार कपूर.

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डायरेक्टर संजय गुप्ता ने आठ साल बाद धमाकेदार वापसी की है. वे एक कंप्लीट एंटरटेनर के साथ दर्शकों के सामने हैं. फिल्म में ड्रामा है. एक्शन है. रोमांस है. रोमांच है. तालियां खींचने वाले डायलॉग हैं. दिलचस्प संगीत है. सुंदर हसीनाएं हैं और जबरदस्त परफॉर्मेंसेस हैं. फिल्म गैंगस्टर ड्रामा है और 1980 के दशक के मुंबई की अंडरवर्ल्ड वार और पुलिस एनकाउंटर से जुड़ी है. फिल्म डोंगरी टू दुबई नाम की हुसैन जैदी की किताब पर आधारित है. फिल्म पर संजय गुप्ता की छाप साफ है.

कहानी में कितना दम
खूनखराबा और जबदस्त एक्शन से भरपूर शूटआउट वडाला की कहानी बहुत टाइट नहीं है. मनोहर (जॉन) कॉलेज स्टुडेंट है और हत्या के मामले में उसे बेवजह फंसा दिया जाता है. जेल में उसकी मुलाकात शेख मुनीर (तुषार कपूर) से होती है. मनोहर जेल से भाग जाता है और मुंबई में अपना गैंग बना लेता है. बेशक फिल्म की कहानी किताब से प्रेरित है, लेकिन इस पर जबरदस्त मसाले की परत चढ़ा दी गई है. एक तरफ मन्या और उसका गैंग है, दूसरी ओर पुलिस ऑफिसर अनिल कपूर और उनके लोग हैं तो एक ओर मुंबई पर राज करने का सपना पाले मनोज वाजपेयी औऱ सोनू सूद हैं. कहानी में कई लूप होल हैं. डायलॉग भी कभी-कभार अतियश्योक्तिपूर्ण हो जाते हैं.

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स्टार अपील
जॉन अब्राहम ने मन्या सुर्वे बनकर ऐसा रोल किया है जिसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा. मनोहर के रूप में उनकी सादगी और मन्या के रूप में एंग्री यंगमैन का किरदार काबिलेतारीफ है. ईमानदार पुलिस अधिकारी अनिल कपूर, माफिया सरगना मनोज वाजपेयी और सोनू सूद ने अच्छा काम किया है. कंगना रनोट को जितना रोल मिला है, उसमें उन्होंने अपना बेस्ट देने की कोशिश की है. तुषार कपूर भी जमे हैं. फिल्म में ढेरों किरदार हैं, और कई तो वेवजह ही लगते हैं. अगर किरदार कुछ कम होते तो भी फिल्म पर खास फर्क नहीं पड़ता.

कमाई की बात
फिल्म में शुरू से आखिरी तक जॉन नजर आते हैं. फिल्म पूरी तरह से जॉन के कंधों पर है. जॉन ने पहले इतनी बड़ी जिम्मेदारी नहीं उठाई है. यह देखना दिलचस्प होगा कि फिल्म को वे कहां तक लेकर जाते हैं. गैंगस्टर्स की कहानियां पसंद करने वाले दर्शकों को फिल्म जरूर पसंद आएगी. वैसे भी संजय गुप्ता का सधा हुआ डायरेक्शन, जबरदस्त एक्शन और तीन-तीन आइटम बालाएं ऐसी चीज हैं जो फिल्म को एक बार देखने के लिए मजबूर तो करती ही हैं. फिल्म पैसा वसूल है. अगर आप मसाला फिल्मों के शौकीन हैं, तो यह फिल्म आपके लिए ही है.

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