गणतंत्र दिवस के मौके पर देशभक्ति की भावना हर हिंदुस्तानी के दिल में होती है. इसी को बढ़ाते हुए हर साल बॉलीवुड के एक्टर्स और डायरेक्टर, आर्मी के जज्बे और हिंदुस्तानी जवानों के बलिदान की कहानी लेकर आते हैं. देशभक्ति वाली फिल्मों की बात हो रही है, तो इसमें सबसे पहला नाम अक्षय कुमार का ही आता है. काफी वक्त के बाद एक बार फिर अक्षय कुमार अपनी देशभक्तिपूर्ण फिल्म के साथ सिनेमाघरों में लौट आए हैं. ये फिल्म है 'स्काई फोर्स'.
क्या है फिल्म की कहानी?
'स्काई फोर्स' की कहानी भारत के इतिहास से जुड़े एक जाबाज सिपाही के बारे में है, जिसने न सिर्फ अपने वतन के लिए अपनी जिंदगी को दांव पर लगा दिया था बल्कि अपने साथियों की जान को भी बचाया. और तो और एयर फोर्स द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले फाइटर जेट्स में भी बदलाव करवाए. ये कहानी है स्क्वाड्रन लीडर टी के विजय (वीर पहाड़िया) जो इंडियन एयर फोर्स का यंग और जोश से भरा पायलट है. विजय नियमों से चलने में ज्यादा विश्वास नहीं करता. उसके अंदर कुछ करने, कुछ नया सीखने और अपने देश का झंडा ऊंचा करने की ललक है.
इसमें उसका साथ देते हैं उसके विंग कमांडर कुमार ओम आहूजा (अक्षय कुमार). कमांडर के. आहूजा के लिए विजय उनके छोटे भाई जैसा है. विजय के साथ आहूजा की अच्छी दोस्ती है. साथ ही विजय की पत्नी गीता (सारा अली खान) को आहूजा ने वादा किया है कि वो विजय का हमेशा ख्याल रखेगा और उसे कुछ नहीं होने देगा. 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच मुठभेड़ के दौरान भारत की तरफ से मिशन स्काई फोर्स को अंजाम दिया गया. इस मिशन में विजय के साथ कुछ ऐसा हुआ, जिसने हमारे इतिहास को ही बदल दिया.
असल जिंदगी के हीरो को सलाम
'स्काई फोर्स' की कहानी भारत के बहादुर स्क्वाड्रन लीडर रहे Ajjamada Boppayya Devayya MVC की असली कहानी पर आधारित है. देवैया ने अपनी जान को जोखिम में डालकर 1965 में पाकिस्तानी एयर फोर्स से टक्कर ली थी. उनके गायब होने के बाद उनके विंग कमांडर रहे ओ पी तनेजा ने उन्हें ढूंढने और अपने जज्बे के लिए सम्मान दिलाने में अपनी जिंदगी लगा दी थी. इसी असल जिंदगी के हीरोज को 'स्काई फोर्स' के मेकर्स और एक्टर्स ने सलाम करने की कोशिश की है. दिनेश विजान और अमर कौशिक के प्रोडक्शन हाउस मैडॉक्स फिल्म्स ने जियो स्टूडियो की ज्योति देशपांडे के साथ मिलकर 'स्काई फोर्स' को बनाया है.
परफॉरमेंस और डायरेक्शन
अक्षय कुमार को पहली बार एयर फोर्स के जवान के रोल में देखा गया है. एक्टर अलग-अलग फिल्मों में आर्मी के जवान का रोल निभा चुके हैं. लेकिन फिर उन्हें 'स्काई फोर्स' में देखना काफी रिफ्रेशिंग एक्सपीरिएंस था. उन्होंने अपने के. आहूजा के किरदार को काफी अच्छे से निभाया है. वीर पहाड़िया से इस फिल्म से अपना एक्टिंग डेब्यू किया है. अपने छोटे-से रोल में वो ठीक थे. सारा अली खान के साथ उनकी केमिस्ट्री भी अच्छी रही. इसके अलावा निमरत कौर, शारद केलकर, वरुण बदोला, मोहित चौहान समेत अन्य एक्टर्स ने अपने रोल्स को सही से निभाया है.
'स्काई फोर्स' का स्क्रीनप्ले ठीक है. इसमें आपको फाइट जेट्स के बीच लड़ाइयां देखने को मिलती हैं. ये लड़ाइयां आपके दिल की धड़कनों को तेज भी करती हैं और आपको अपनी सीट से चिपकाए भी रखती हैं. तो वहीं फिल्म इमोशनल भी भरपूर है. हालांकि बीच में ये बोरिंग होती है और बहुत-सी चीजें आपको उतनी जोरदार तरीके से महसूस नहीं होती जितनी से होनी चाहिए थी. डायरेक्टर अभिषेक अनिल कपूर और संदीप केवलानी ने इस फिल्म को बहुत सिंपल तरीके से बनाया है. इसमें कोई ओवर द टॉप डायलॉगबाजी नहीं है. हालांकि हवा में दिखाया गया एक्शन काफी ड्रामेटिक है, जो फिल्म के फेवर में काम करता है.
इसका म्यूजिक काफी बढ़िया है. कई सीन्स को फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक बेहतर बनाता है. बी प्राक की आवाज में माये और विशाल मिश्रा की आवाज में क्या मेरी याद आती है, ये दोनों गाने ही आपके दिल को छूते हैं और आपकी आंखों को नम करते हैं.