scorecardresearch
 

Review: 'मॉम' श्रीदेवी की दमदार एक्टिंग आपके दिल को छू लेगी

क्या 'इंग्लिश विंग्लिश' जैसा ही वेलकम मॉम को भी मिलेगा? क्या एक बार फिर से हवा हवाई गर्ल को अलग अवतार में सराहा जाएगा? आखिर कैसी बनी है यह फिल्म आइए फिल्म की समीक्षा करते हैं.

Advertisement
X
मॉम का पोस्टर
मॉम का पोस्टर

Advertisement

फिल्म का नाम: मॉम

डायरेक्टर: रवि उदयावर

स्टार कास्ट: श्रीदेवी, नवाजुद्दीन सिद्दिकी, अक्षय खन्ना, अदनान सिद्दिकी, सजल अली, अभिमन्यु सिंह

अवधि: 2 घंटा 27 मिनट

सर्टिफिकेट: U/A रेटिंग: 3 स्टार

'मॉम' श्रीदेवी की 300वीं फिल्म है. श्रीदेवी के करियर के लगभग पचास साल भी पूरे हो गए हैं. मां के मजबूत किरदार को एक अरसे से कई फिल्मों के में दिखाया जा रहा है. जैसे मदर इंडिया, मां या हाल ही में रिलीज हुई रवीना टंडन स्टारर 'मातृ'.

क्या 'इंग्लिश विंग्लिश' जैसा ही वेलकम इस फिल्म को भी मिलेगा? क्या एक बार फिर से हवा हवाई गर्ल को अलग अवतार में सराहा जाएगा? आखिर कैसी बनी है यह फिल्म आइए फिल्म की समीक्षा करते हैं.

कॉमेडी के नाम पर बोर करती है परेश रावल की 'गेस्ट इन लंदन'

कहानी: यह कहानी एक स्कूल से शुरू होती है. स्कूल में देवकी (श्रीदेवी) टीचर हैं. उसी स्कूल में देवकी की सौतेली बेटी आर्या (सजल अली) भी पढ़ती है. आर्या के साथ पढ़ने वाला एक स्टूडेंट मोहित, आर्या को अश्लील मैसेजेस भेजता है. देवकी इस बात से नाराज होकर मोहित को सजा देती है. आर्या अपनी सौतेली मां से बिल्कुल भी प्यार नहीं करती, जबकि देवकी को अपनी बेटी से बहुत प्यार है.

Advertisement

वैलेंटाइन्स डे की पार्टी में मोहित, आर्या के साथ रेप कर के उसे गटर में फेंक देता है. उसके बाद कोर्ट में केस जाता है और जीत मोहित की होती है. इस तरह के न्याय को देखकर देवकी एक डिटेक्टिव दयाशंकर कपूर उर्फ डी के (नवाजुद्दीन सिद्दिकी) के पास मदद के लिए जाती हैं. इसी बीच पुलिस अफसर मैथ्यू फ्रांसिस (अक्षय खन्ना) की एंट्री होती है. कहानी में ट्विस्ट टर्न्स आते हैं. क्या आर्या के आरोपियों को सजा मिल पाती है? क्या देवकी अपने मंसूबों में कामयाब हो पाती है? कैसे कहानी को अंजाम मिलता है, इसका पता आपको फिल्म देखकर ही चल पाएगा.

क्यों देखें फिल्म:फिल्म की कहानी नई तो नहीं है लेकिन उसको परोसने का ढंग नया है. कई सारे उतार-चढ़ावों को अच्छी तरह से दिखाया गया है.

फिल्म का स्क्रीनप्ले काफी क्रिस्प है. मुद्दा नया नहीं है लेकिन उस मुद्दे की तरफ दर्शकों का ध्यान जरूर जाएगा. डायरेक्टर रवि उद्यावर का डायरेक्शन के साथ-साथ सिनेमेटोग्राफी भी अच्छी है.

श्रीदेवी की एक्टिंग बहुत अच्छी है और बहुत ही उम्दा तरह से उन्होंने देवकी का किरदार निभाया है. जिम्मेदार मां और वाइफ का किरदार उन्होनें बहुत अच्छी तरह से निभाया है. इसके साथ-साथ नवाजुद्दीन सिद्दिकी एक बार फिर से सरप्राइज करते हुए नजर आते हैं. नवाज का लुक और लहजा दिलचस्प है. अक्षय खन्ना की भूमिका गजब और दिलचस्प है. वहीं सजल अली का काम काबिल-ए-तारीफ है. अभिमन्यु सिंह का काम भी अच्छा है. एक्टिंग के हिसाब से फिल्म बढ़िया है.

Advertisement

फिल्म के कई इमोशनल सीन्स हैं, जो आंखों में नमी भी लाते हैं. खास तौर पर श्रीदेवी और सजल के सीन्स. फिल्म के हिसाब से बैकग्राउंड स्कोर और लोकेशंस बेहतरीन हैं.

कमजोर कड़ियां:

कहानी को और ज्यादा बेहतर किया जा सकता था.

फिल्म का संगीत कुछ खास नहीं है. सेकंड हाफ में गाना फिल्म की रफ्तार को और कमजोर बना रहा था.

फिल्म का क्लाइमेक्स और ज्यादा बेहतर किया जा सकता था.फर्स्ट और सेकेंड हाफ में कहानी ड्रैग भी करती है, जिसकी वजह से आपका ध्यान स्क्रीन से हटकर अपने फोन और आस-पास के लोगों की तरफ भी जाने लगता है.

'इंग्लिश विंग्लिश' में जिस तरह से श्रीदेवी ने सबको सरप्राइज किया था, वैसी उम्मीद इस फिल्म से भी की जा रही थी. लेकिन यह काफी प्रेडिक्टेबल फिल्म है.

बॉक्स ऑफिस : फिल्म का बजट लगभग 40 करोड़ (30 करोड़ प्रोडक्शन और 10 करोड़ प्रोमोशन) है और इसे लगभग 1200 - 1400 स्क्रीन्स में रिलीज किया जाएगा. साथ ही हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगु और मलयालम भाषाओं में भी इसे रिलीज किया जाने वाला है. जी स्टूडियो का बहुत बड़ा बैक अप इस फिल्म के साथ है जिसकी वजह से इंटरनेशनल रिलीज भी बड़ी होने वाली है. फिल्म का ओपनिंग वीकेंड बढ़िया होने की उम्मीद है.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement