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Stree 2 Review: जोक्स, हॉरर और सस्पेंस के डोज से मिलकर बनी है राजकुमार राव-श्रद्धा कपूर की 'स्त्री 2'

राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की फिल्म 'स्त्री 2' आज रिलीज हो गई है. स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर ये फिल्म सिनेमाघरों में आई है. क्या इसमें पहले की तरह हॉरर और कॉमेडी का बैलेंस वाला तड़का है या फिर ये डल राइड है? फिल्म देखने जाने से पहले हमारा रिव्यू पढ़ लें.

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'स्त्री 2' के एक सीन में श्रद्धा कपूर
'स्त्री 2' के एक सीन में श्रद्धा कपूर
फिल्म: स्त्री 2
3.5/5
  • कलाकार : राजकुमार राव, श्रद्धा कपूर, पंकज त्रिपाठी, अभिषेक बनर्जी, अपारशक्ति खुराना
  • निर्देशक : अमर कौशिक

राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की जोड़ी की जरूरत इंडस्ट्री और ऑडियंस को कितनी है, ये बात हमें कभी पता नहीं चलती अगर दोनों की फिल्म 'स्त्री' 2018 में रिलीज न होती. ये फिल्म आई और दर्शकों के बीच छा गई. हॉरर-कॉमेडी जॉनर में बनी बॉलीवुड की सबसे पॉपुलर फिल्मों में से एक 'स्त्री' में बढ़िया जोक्स थे, लेकिन साथ ही डर का डोज भी था. प्रोड्यूसर दिनेश विजान के हॉरर यूनिवर्स की इस फिल्म का सीक्वल आ गया है और जिसमें आपको हॉरर और कॉमेडी का डबल डोज मिलने वाला है.

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क्या है स्त्री 2 की कहानी?

'स्त्री 2' की शुरुआत वहीं से होती है जहां 'स्त्री' का अंत हुआ था. चंदेरी में विक्की (राजकुमार राव), बिट्टू (अपारशक्ति खुराना) और रुद्र भैया (पंकज तिवारी) बाकी गांववालों के साथ रह रहे हैं. आज भी यहां स्त्री के चर्चे हैं. लेकिन लोग अब उसके डर में नहीं जी रहे, बल्कि मेलों में उसकी गाथा सुनाई जा रही है और नाटक किया जा रहा है. बच्चे स्त्री का नाम लेकर खेल रहे हैं और एक दूसरे को डरा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ जंगल में एक बड़े विस्फोट के बाद कोई ऐसा चंदेरी में आ गया है, जो फिर से यहां रहनेवालों का जीना मुहाल करने वाला है.

धीरे-धीरे चंदेरी में रहने वाली लड़कियों ने इसे छोड़ना शुरू कर दिया है. किसी ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि वो लड़कियां अपनी मर्जी से गांव नहीं छोड़ रही हैं, बल्कि गायब हो रही हैं. उनके पीछे 'सरकटा' नाम का एक राक्षस है. वहीं दूसरी तरफ लड़कियों के जाने से विक्की के कूल डेडी (अतुल श्रीवास्तव) को अपने बेटे के 'अकेलेपन' की चिंता सताने लगी है. बेनाम अनजान लड़की (श्रद्धा कपूर) जो स्त्री से चंदेरी वासियों को बचाने आई थी, उसके प्यार में आज भी विक्की पागल है. वो पल-पल उसके बारे में सोचता है और इंतजार में है कि किसी दिन तो वो वापस आएगी. इस बीच जब सरकटा भूत विक्की और उसके दोस्तों के पास पहुंचता है. तब उस लड़की को वापस लौटना ही पड़ता है. अब सभी मिलकर सरकटे भूत का सामना करेंगे.

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फिल्म देखकर आएगा मजा या है ये सजा?

फिल्म 'स्त्री 2' को डायरेक्टर अमर कौशिक ने ही बनाया है, जिन्होंने 2018 में 'स्त्री' का निर्देशन किया था. इस फिल्म में अमर कौशिक ने हर उस चीज को डाला है, जिसने स्त्री को हिट बनाया था. रहस्यमयी जगहों से लेकर चंदेरी गांव और डरावना भूत इस फिल्म में हॉरर से जुड़ा सबकुछ है. वहीं इसके किरदार वैसे ही मजेदार हैं, जैसे पहले थे. पहले सीन से ही कौशिक आपको चंदेरी की उसी दुनिया में वापस ले जाते हैं, जिसमें जाने का इंतजार आप पिछले 6 सालों से कर रहे थे. 

फिल्म का फर्स्ट हाफ कमाल है. एक पल ऐसा नहीं जाता जब आप हंस नहीं रहे हों या फिर सरकटे भूत को दोबारा देखने के खौफ में न हों. पिछली फिल्मों के हिंट आपको देखने और सुनने को मिलते हैं, जो आपके फन में और इजाफा करते हैं. विक्की और उसके दोस्तों की केमिस्ट्री साथ में इतनी कमाल है कि उन्हें देखते हुए आपका दिल खुश हो जाता है. फर्स्ट हाफ काफी क्रिस्प रखा गया है. हॉरर में कॉमेडी का डोज उसमें कमाल है. लेकिन सेकेंड हाफ में जब कहानी आगे बढ़ती हैं तो थोड़ी ढीली पड़ने लगती है.

सेकेंड हाफ की शुरुआत मजेदार है. उसमें कई बढ़िया एक्टर्स के कैमियो हैं, जो कहानी और दिनेश विजान के हॉरर-कॉमेडी यूनिवर्स में इजाफा करते हैं. हालांकि यही वो वक्त भी है जब आपको अमर कौशिक की फिल्म की कमियां भी नजर आने लगती हैं. राइटर नीरेन भट्ट ने 'स्त्री 2' की कहानी को फन रखने की कोशिश की है. लेकिन पिक्चर का क्लाइमैक्स थोड़ा बिखरा हुआ है. फिर भी अगर आप पिक्चर की कमियों को इग्नोर कर लेंगे, तो हंसी और हॉरर का डोज आपके साथ ही रहेगा.

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एक्टर्स ने किया कमाल

परफॉरमेंस की तो क्या ही बात की जाए. राजकुमार राव से बेहतर विक्की के किरदार को कोई निभा सकता है, तो मुझे भी बताइए, क्योंकि उनके अलावा किसी की भी इस रोल में कल्पना करना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है. चंदेरी का मसीहा विक्की एकदम कमाल है. मिस्ट्री गर्ल के रोल में श्रद्धा कपूर ने फिर अच्छा काम किया है. राजकुमार संग उनकी केमिस्ट्री भी अच्छी है. रुद्र भैया के रोल में पंकज त्रिपाठी और जना के किरदार में अभिषेक बनर्जी बेहद फनी हैं. दोनों ने अपने किरदारों को बढ़िया अंदाज में निभाया है. अपारशक्ति खुराना भी बिट्टू के रोल में सही हैं. सभी अपने रोल्स में ग्लव की तरह फिट होते हैं और आपको याद नहीं रहने देते कि पिछली पिक्चर को आए 6 साल हो गए हैं. 

इसके अलावा अतुल श्रीवास्तव, आकाश दभादे, मुस्ताक खान, सुनीता राजवार संग अन्य सपोर्टिंग कास्ट ने अपना काम अच्छे से किया है. 'स्त्री 2' में बढ़िया कैमियो हैं, जो आपका दिल भी खुश करेंगे और आपको शॉक भी करेंगे. पिक्चर में इस्तेमाल हुआ VFX भी इसके हिसाब से सही बैठा है. मूवी के गाने भी अच्छे हैं. कुल-मिलाकर 'स्त्री 2', डर और मजे की फन राइड है, जिसे देखकर आपको मजा आ जाएगा और रात में डरावने सपने भी आएंगे.

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