The Fame Game Review: ग्लैमर वर्ल्ड में हर रोज हजारों-लाखों लोग स्टार बनने का सपना लेकर आते हैं. कुछ कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ जाते हैं. वहीं कुछ अपनी गलियों में वापस लौट जाते हैं. तारों की चमचमाती इस दुनिया के कई काले सच भी हैं. हंसते-मुस्कुराते चेहरे के पीछे कई राज हैं. जो अकसर चका-चौंध की दुनिया में दफ्न नजर आते हैं. कई बार फिल्मी दुनिया में शोहरत और कामयाबी की बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है. बस जो ये कीमत चुकाना जानता है. वो स्टार बनने का ख्वाब देख सकता है और जो नहीं. वो अपने रास्ते पर आगे बढ़ सकता है. इस छोटी सी कहानी को आसान शब्दों में समझने के लिये 'द फेम गेम' को थोड़ा करीब से समझते हैं.
क्या है कहानी?
'द फेम गेम' की कहानी की शुरूआत फिल्म इंडस्ट्री की टॉप एक्ट्रेस अनामिका (माधुरी दीक्षित) से होती है. अनामिका सिनेमाजगत की मशहूर एक्ट्रेस हैं, जो अपनी खूबसूरती और अदाकारी से लाखों-करोड़ों दिलों पर राज करती हैं. अनामिका के पास नाम, शोहरत और दौलत सब है. एक्ट्रेस की प्रोफेशनल लाइफ जितनी अच्छी और सुलझी हुई है. पर्सनल लाइफ उतनी अनसुलझी. दुनिया के लिये अनामिका एक कामयाब और स्ट्रॉन्ग एक्ट्रेस है, लेकिन सच्चाई इससे काफी अलग है.
बाहर से हंसती-खेलती अनामिका अंदर से टूटी हुई है. उसके दुख की सबसे बड़ी वजह उसका पति निखिल (संजय कपूर) है. निखिल एक प्रोड्यूसर है, जो अपनी बीवी के पैसे पर ऐश भी करता है और उसकी कामयाबी से जलता भी है. कहानी में ट्विस्ट तब आता है. जब अनामिका की जिंदगी में उसके पुराने प्रेमी मनीष खन्ना (मानव कौल) की एंट्री होती है. अनामिका अपने पति को आर्थिक परेशानी से निकालने के लिये इंडस्ट्री के सुपरस्टार मनीष खन्ना के साथ फिल्म करने के लिये भी रेडी हो जाती है. एक वक्त पर मनीष और अनामिका की जोड़ी को लोग काफी पसंद करते थे. यही वजह है कि फैंस उन्हें पर्दे पर दोबारा देखना चाहते हैं. कहानी में सब कुछ परफेक्ट चल रहा होता है. तभी अचानक फिल्म इंडस्ट्री की पॉपुलर एक्ट्रेस अनामिका रातों-रात गायब हो जाती है.
अनामिका के गायब होते ही घर और बाहर दोनों जगह हड़कंप मच जाता है. यहीं से कहानी में कई फ्लैशबैक भी चलते हैं. इस बीच अनामिका और उसके बच्चों के बीच के रिश्ते की सच्चाई दिखती है. अनामिका और उसके पति का सच सामने आता है. कई ऐसी बातें पता चलती हैं, जो चौंकाती हैं.
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माधूरी ओटीटी डेब्यू
अब सवाल है कि 90 के दशक की धक-धक गर्ल माधुरी दीक्षित का ओटीटी डेब्यू कैसा रहा है. माधुरी दीक्षित बॉलीवुड की बेहतरीन डांंसर में से एक हैं. उन्हें एक्सप्रेशन क्वीन भी कहा जाता है. पर अफसोस 'द फेम गेम' में वो ज्यादा स्ट्रॉन्ग नजर नहीं आईं. कहने को वो सीरीज की लीड एक्ट्रेस थीं, लेकिन स्क्रीन पर सबसे कम समय उन्हें ही दिया गया. एक मजबूत कहानी के साथ माधुरी से बहुत कुछ कराया जा सकता था. पर अफसोस मेकर्स माधुरी के टैलेंट का यूज करने में असफल रहे.
सीरीज के अन्य कलाकार जैसे संजय कपूर, मानव कौल, राजश्री देशपांडे, मुस्कान जाफरी, सुहासिनी मुले ·और लक्षवीर सरन अपने किरदार के साथ जस्टिस करते दिखाई देते हैं. लंबे समय बाद संजय कपूर और माधुरी की जोड़ी को साथ देखना अच्छा लगा.
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सीरीज का वीक पॉइंट क्या है?
जब पता चला कि 'द फेम गेम' में माधुरी दीक्षित, मानव कौल और संजय कपूर जैसे स्टार्स हैं, तो एक्साइटमेंट काफी बढ़ गया था. लग रहा था कि कुछ बेहतरीन और अलग देखने को मिलेगा. पर 'द फेम गेम' की कहानी देख कर आपको फैशन और हीरोइन जैसी मूवी की याद आती है. स्टोरी लाइन कुछ-कुछ शाहरूख खान की फिल्म फैन से भी मिलती है. इसके साथ ही स्क्रीन पर माधुरी और मानव की जोड़ी अनफिट लगती है.
क्यों देखनी चाहिये द गेम फेम?
सीरीज देखने की सबसे बड़ी वजह माधुरी दीक्षित रहीं. 'द फेम गेम' देख कर समझ आता है कि माधुरी दीक्षित में अभी भी एक चार्म बरकरार है. डांस के साथ-साथ वो एक्टिंग में काफी एक्सपेरिमेंट कर सकती हैं. अगर आप माधुरी दीक्षित के फैन हैं, तो श्री राव, बिजॉय नांबियार और करिश्मा कोहली द्वारा निर्देशित सीरीज देख सकते हैं.
ये थी हमारी साइड बाकी आप सीरीज देख कर अपनी राय बता सकते हैं.