इंद्राणी मुखर्जी का नाम आप सभी ने कभी न कभी तो सुना ही होगा. शीना बोरा मर्डर केस साल 2015 में बड़ी ब्रेकिंग न्यूज बना था. एक यंग और टैलेंटेड लड़की की हत्या का ये मामला न्यूज चैनल्स के लिए सनसनीखेज खबर थी. ऐसे में इसके चर्चे सालों तक हुए. इसी केस में इंद्राणी को आरोपी मानकर मुंबई पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था और फिर उन पर जांच हुई. अब शीना बोरा मामले पर नेटफ्लिक्स नई डॉक्यूमेंट्री सीरीज लेकर आया है, जिसका नाम है 'द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी: द बरिड ट्रूथ'.
क्या है सीरीज की कहानी?
इस डॉक्यूमेंट्री सीरीज में शीना बोरा की मौत के मामले की हर परत के बारे में बात की गई है. सीरीज की शुरुआत इंद्राणी मुखर्जी और शीना बोरा की तस्वीरों से होती है. बताया जाता है कि शीना, इंद्राणी की छोटी बहन थी. लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती जाती है तो बताया जाता है कि शीना का सच कुछ और ही था और वो इंद्राणी की बहन नहीं बल्कि बेटी थी. 4 एपिसोड की ये सीरीज और भी कई बड़े ट्विस्ट एंड टर्न्स से भरी हुई है.
सीरीज में इस मामले को लेकर इंद्राणी की बेटी विधि, उसके बेटे मिखाइल, उसके दूसरे पति संजीव खन्ना के दोस्त, पत्रकार विद्या, सीनियर पत्रकार राजदीप सरदेसाई, रिटायर हुए पुलिस अफसर वाई पी सिंह, इंद्राणी के वकील रंजीत संगले और इंद्राणी मुखर्जी ने खुद बात की है. सभी अपने पहलू सामने रखते नजर आ रही है. ऊपर से सिंपल दिखने वाली ये कहानी अंदर से काफी उलझी हुई है. जैसे-जैसे इसके नए पहलू सामने आते हैं वैसे वैसे ये और दिलचस्प होती जाती है.
मेकर्स ने किया कमाल
सीरीज के मेकर्स उराज बहल और सहाना लेवी ने काफी बढ़िया काम किया है. वो आपको इस मामले की गहराई तक लेकर जाते हैं. आपके सामने डार्क सीक्रेट का खुलासा करते हैं. मेकर्स के काम की तारीफ करनी बनती है क्योंकि ऐसे मामले की हर डीटेल को इकट्ठा करना और फिर उसे डॉक्यूमेंट्री में डालकर दुनिया के सामने रखना काफी मुश्किल काम है. ये सीरीज आपको अपनी सीट से जोड़े रखती है. अगर आप इस केस के बारे में भी जानते हैं तो भी ये आपको अपने साथ बांधे रखती हैं. और अगर आप इसके बारे में नहीं जानते तो ये आपको हर मोड़ पर हैरान करती है.
सीरीज को आखिरी तक देखने में ये समझ नहीं आता कि किसकी बात पर विश्वास किया जाए और किसपर नहीं इस बात का फैसला ये आपको नहीं करने देती.
म्यूजिक और बाकी चीजें
सीरीज को जोएल क्रास्टो ने बैकग्राउंड स्कोर दिया है, जो कि काफी बढ़िया है. वहीं जॉन डब्लू रटलैंड की सिनेमैटोग्राफी कमाल है. सीरीज की शुरुआत मुंबई के उल्टे फ्रेम से होती है. इसमें शहरों के नाम भी उल्टे दिखाए जाते हैं और फिर वो सीधे होते है. सिनेमैटोग्राफर की ये डीटेल काफी इम्प्रेसिव है. इसके अलावा सीरीज की एडिटिंग भी काफी अच्छे से की गई है. इस सीरीज को आपको जरूर देखना चाहिए.