scorecardresearch
 

FILM REVIEW: आगाज अच्छा लेकिन अंजाम गड़बड़ है 'वेलकम बैक' में

साल 2007 में रिलीज हुई फिल्म 'वेलकम' के 8 साल के बाद उसी फिल्म की अगली किश्त रिलीज होने को तैयार है.

Advertisement
X
आगाज अच्छा लेकिन अंजाम गड़बड़ है 'वेलकम बैक' में
आगाज अच्छा लेकिन अंजाम गड़बड़ है 'वेलकम बैक' में

फिल्म का नाम: वेलकम बैक

Advertisement

डायरेक्टर: अनीस बज्मी

स्टार कास्ट: जॉन अब्राहम, अनिल कपूर, नाना पाटेकर, परेश रावल, नसीरुद्दीन शाह, डिंपल कपाड़िया, श्रुति हसन ,शाईनी आहूजा

अवधि: 153 मिनट

सर्टिफिकेट: U/A

रेटिंग: 2.5 स्टार

साल 2007 में रिलीज हुई फिल्म 'वेलकम' के 8 साल के बाद उसी फिल्म की अगली किश्त रिलीज होने को तैयार है. अनीस बज्मी ने उस वक्त के कुछ किरदारों को एक बार फिर से इस फिल्म में लिया है और बहुत से नए एक्टर्स भी इस फ्रेंचाइजी से जुड़े हैं. आज भी वेलकम जब टीवी पर आती है तो देखने की दिलचस्पी बरकरार रहती है, अब क्या उस फिल्म का अगला हिस्सा भी दर्शकों द्वारा सराहा जाएगा? आइये समीक्षा करते हैं.

कहानी
यह कहानी है उदय (नाना पाटेकर), उसके भाई मजनू (अनिल कपूर), बहन संजना(श्रुति हसन) और होने वाले दामाद अज्जु भाई उर्फ अजय बारसी (जॉन अब्राहम) की. फिल्म में वांटेड भाई (नसीरुद्दीन शाह) और उनके बेटे (शाईनी आहूजा) भी उदय और मजनू के ऊपर राज करते हैं.

Advertisement

अब एक तरफ अज्जु भाई और संजना की लव स्टोरी है तो वहीं दूसरी तरफ उदय, और मजनू, महारानी (डिंपल कपाड़िया) की बेटी चांदनी (अंकिता श्रीवास्तव) के प्रति अपना प्रेम दर्शाने लगते हैं. इन्हीं सबके बीच में डॉक्टर घुंघरू (परेश रावल) भी अपनी तमाम प्रकार की जिद पर अड़े रहते हैं. फिर अनीस बज्मी की स्टाइल में फिल्म को अंजाम दिया जाता है .

स्क्रिप्ट, अभिनय और संगीत
फिल्म की स्क्रिप्ट परिस्थियों पर आधारित होने वाली कॉमेडी से भरपूर है. इंटरवल के पहला हिस्सा बेहतरीन दिखता है, पेट पकड़कर हसने तक की नौबत आ जाती है लेकिन इंटरवल के बाद लगता है की कहानी कहीं और ही खो गई है. अनीस बज्मी सेकंड हाफ में कहीं भटके से लगते हैं, काफी हिली डुली सी कहानी लगने लगती है. वैसे फिल्म के वन लाइनर्स और कॉमिक टाइमिंग काफी बेहतरीन थी. फिल्म में एक अंताक्षरी का सीक्वेंस है जो ठहाके मारकर हसने पर विवश कर ही देता है. फिल्म का सेकंड हाफ काफी निराशाजनक है. और श्रुति हसन के साथ साथ जॉन अब्राहम के फिल्म में होने की वजह भी काफी अर्थहीन दिखाई दे रही थी.

अभिनय के मामले में अनिल कपूर, नाना पाटेकर ,राजपाल यादव और परेश रावल ने उत्कृष्ट अभिनय का प्रदर्शन किया है, वहीं जॉन अब्राहम की एक्टिंग सराहनीय है. नसीरुद्दीन शाह के अभिनय में कहीं ना कहीं ऐसा लग रहा था की उन्हें खुलकर कहने का मौका नहीं दिया गया, काफी बंधे बंधे से दिखाई पड़ते हैं. वहीं शाईनी आहूजा का वेलकम बैक हुआ है, लेकिन अंकिता श्रीवास्तव की जगह और अच्छी कास्टिंग की जा सकती थी. कहीं ना कहीं अक्षय कुमार की कमी फिल्म में खल जरूर रही थी.

Advertisement

फिल्म के गीतों का जमावड़ा पहली वाली 'वेलकम' की ही तरह रखा गया है, एक तरफ जॉन और श्रुति के बीच लव सांग, तो वहीं पूरे परिवार का 'तूती बोले वेडिंग दी' गीत भी दर्शाया जाता है. वैसे एक-दो गीत ऐसे हैं, जिनकी कोई जरूरत नहीं थी, और उनकी वजह से फिल्म की अवधि काफी बढ़ जाती है.

क्यों देखें
अगर आप जॉन, अनिल, परेश, नसीरुद्दीन शाह जैसी बड़ी स्टार कास्ट और परिस्थितियों पर आधारित कॉमेडी के दीवाने हैं, तो यह फिल्म जरूर देखें.

क्यों ना देखें
नो एंट्री, वेलकम जैसी फिल्में आज भी टीवी पर आते ही आपका मनोरंजन करती हैं, बेहतर है वेलकम बैक के भी टीवी पर आ जाने तक का इन्तजार कर सकते हैं.


Live TV

Advertisement
Advertisement