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फिल्‍म समीक्षा: 'यह जवानी है दीवानी'

यारों का टशन, धमाल रोड ट्रिप, ग्रेट इंडियन वेडिंग. 'यह जवानी है दीवानी' में हर वह मसाला है, जो अकसर बॉलीवुड में फिल्मों को नए कीर्तिमान स्थापित करने में मदद करता आया है. दोस्तों की मस्ती होती है और आखिर फिल्म में रिश्तों और प्यार की कसक सुनाई देने लगती है.

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फिल्म: 'यह जवानी है दीवानी'
कलाकार: रणबीर कपूर, दीपिका पादुकोण, कल्कि केकलन और आदित्य रॉय कपूर.

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यारों का टशन, धमाल रोड ट्रिप, ग्रेट इंडियन वेडिंग. फिल्म में हर वह मसाला है, जो अकसर बॉलीवुड में फिल्मों को नए कीर्तिमान स्थापित करने में मदद करता आया है. दोस्तों की मस्ती होती है और आखिर फिल्म में रिश्तों और प्यार की कसक सुनाई देने लगती है. 'वेक अप सिड' के साथ बॉलीवुड में कामयाब दस्तक देने के बाद अयान मुखर्जी जीवन के अलग-अलग रंगों को इस नई फिल्म में लेकर आए हैं.

फिल्म का टेक्सचर औऱ मेकिंग काफी हद तक युवाओं को फोकस में रखकर की गई है. फिल्म में प्रीतम चक्रबर्ती का म्युजिक इसकी यूएसपी कहा जा सकता है. 'घाघरा', 'बदतमीज दिल', 'कबीरा' और 'दिल्ली वाली गर्लफ्रेंड' जैसे गाने फिल्म में मन लगाए रखते हैं. फर्स्ट हाफ पानी की तरह बहता है, सेकंड हाफ में अयान थोड़े से उलझते नजर आते हैं. लेकिन अंत आते-आते दर्शकों को फिर अपने साथ ले लेते हैं. रणबीर और कल्कि फिल्म की जान हैं तो दीपिका इसमें चार चांद लगाती हैं.

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कहानी में कितना दम
कॉलेज के चार दोस्त एंबीशस बनी (रणबीर कपूर), शर्मिली-पारंपरिक नैना (दीपिका), उलझी हुई पर्सनेलिटी वाला अवी (आदित्य रॉय कपूर) और धाकड़-बिंदास अदिती (कल्कि केकलन) रोड ट्रिप पर निकलते हैं और जिदंगी से जुड़े हर रोमांच का भरपूर लुत्फ लेते हैं. इत्तेफाक से नैना भी इस ट्रिप में उनके साथ आती है. पढ़ाकू और चश्मिश टाइप की नैना इस ट्रिप से कई सबक सीखती है. फिर ट्रिप सीरियस नोट पर खत्म होता है. दोस्त अलग होते हैं और फिर आगे चलकर मिलते हैं.

फिल्म को कुछ-कुछ 'दिल वाले दुलहनिया ले जाएंगे' और 'जिंदगी मिलेगी न दोबारा' की तर्ज पर बुना गया है. सेकंड हाफ देखने के लिए कुछ पेशंस चाहिए और फिल्म का अंत बिलकुल नए अंदाज से किया गया है. लेकिन फिल्म की कहानी में चौंकाने वाले सीन कम हैं हंसाने वाले ज्यादा. फिल्म बहुत ही सहज और काफी हद तक ऑडियंस के मन-माफिक चलती है.

स्टार अपील
रणबीर कपूर हर फिल्म के साथ निखरते जा रहे हैं. डायलॉग राइटर ने भी काफी मेहनत की है क्योंकि बातें एकदम से युवा वर्ग को खुद से कनेक्ट कर लेती हैं और सिनेमा हॉल में जमकर तालियां बजती हैं. जैसेः नैना की मां कहती है-जो लड़कियां ज्यादा आजाद होती हैं वह प्रेगनेंट हो जाती है.

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बनी का यह कहना, फ्लर्ट सेहत के लिए अच्छा होता है, जैसे योगा, कमाल के हैं. दीपिका नैना के रोल में जमी हैं. आदित्य कपूर भी अच्छे लगते हैं. कमाल हैं तो कल्कि केकलन. अभी तक बोर और रटे-रटाए से रोल करने वाली कल्कि ने अपना नया पहलू सामने पेश किया है. उनका दारू वाला ऐक्ट तो धमाल है. फिल्म मुख्य रूप से इन्हीं चार कैरेक्टर्स के इर्द-गिर्द बुनी गई है.

कमाई की बात
एंटरटेनमेंट और एनर्जी से भरपूर यह फिल्म पैसा वसूल है. रणबीर-दीपिका की कैमेस्ट्री रंग लाई है. दोनों प्रेम फरमाते अच्छे लगते हैं. दीपिका-रणबीर का मीठा-सा लिप किस सीन भी दर्शकों को खीचने का काम करेगा. रणबीर की युवा वर्ग में अपील की वजह से फिल्म के बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद की जा सकती है. खास यह कि फिल्म युवा वर्ग को ध्यान में रखकर बनाई गई है, मौसम छुट्टियों का है, पहले दिन पहले शो में ही लगभग हाउस फुल जैसा माहौल था. इसलिए फिल्म के बॉक्स ऑफिस पर अच्छी-खासी छलांग लगाने की उम्मीद की जा सकती है.

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