तालिबान के काबुल (अफगानिस्तान) पर कब्जा करने के बाद से वहां स्थिति ठीक नहीं है. लोग डरे हुए हैं. काफी लोग तो देश छोड़कर चले भी गए हैं. वहां की सबसे बड़ी पॉप स्टार अर्याना सईद ने भी देश छोड़ दिया है. सोशल मीडिया पर उन्होंने इसके बारे में बताया था.
अब उन्होंने काबुल छोड़ने के वक्त के डरवाने और दर्द भरे अनुभव के बारे में बताया है. उन्होंने रॉयटर्स को कहा- '14 अगस्त को एक कॉल आया था, जिसमें वार्निंग दी गई थी कि तालिबान काबुल पर कब्जा कर रहा. जब तालिबान ने पिछली बार 1996 से 2001 तक सत्ता संभाली थी, तो उन्होंने महिलाओं के काम और स्कूल पर बैन लगा दिया था.'
बता दें कि अर्याना और उनके मंगेतर हसीब सैयद ने कॉमर्शियल फ्लाइट में 15 अगस्त की रिजर्वेशन कराई, जिस दिन तालिबान काबुल में घुसा, अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से हटने के बाद.
अर्याना ने कहा कि भीड़भाड़ वाली कॉमर्शियल फ्लाइट ने कभी उड़ान नहीं भरी. साथ ही अर्याना ने एयरपोर्ट पर गोलियों की आवाज से दहशत के सीन के बारे में बताया. वो और उनके मंगेतर एयरपोर्ट से निकल गए क्योंकि उन्हें डर था कि तालिबानी फाइटर उन्हें पहचान लेंगे. इसलिए वो काबुल में रिश्तेदारों के पास पहुंचे. अगले दिन, उन्होंने सुना कि तालिबानी फोर्स उनके पड़ोस में घर-घर तलाशी ले रही है.
अर्याना फिर से एयरपोर्ट चली गईं. उन्होंने अपना चेहरा पूरी तरह ढक लिया, केवल आंखे दिख रही थीं. वो हसीब के छोटे चचेरे भाई के साथ गईं ताकि लगे कि ये एक फैमिली आउटिंग है. पॉप स्टार ने इस बारे में कहा- 'हमें रास्ते में तालिबान के पांच चेकप्वॉइंट मिले. एक ने हमारी गाड़ी रोकी और जैसे ही उन्होंने मुझे छोटे लड़के के साथ देखा उन्होंने कहा जाओ. सैयद दूसरी कार में थे और यूएस पहुंचने वालों में सबसे पहले थे.'
अर्याना ने कहा कि एयरपोर्ट पर हसीब को एक अफगानी ने पहचाना. उसने एक अमेरिकी अधिकारी से कहा, "ये अफगानिस्तान की एक बहुत फेमस पॉप स्टार के मंगेतर हैं और आपको उन्हें अंदर जाने देना चाहिए क्योंकि अगर तालिबानी इन्हें पकड़ लेते हैं, तो वे इन्हें मार डालेंगे."
हसीब को अंदर जाने दिया गया और उन्होंने अर्याना से कॉन्टैक्ट किया. हसीब के रिलेटिव उन्हें एयरपोर्ट ले गए. दोनों ने 17 अगस्त को एक अमेरिकी सैन्य विमान से उड़ान भरी. जो पहले दोहा, कतर में लैंड हुआ. 19 अगस्त को वे अमेरिका पहुंचे. कपल ने मंगलवार को एम्स्टर्डम के रास्ते इस्तांबुल के लिए रवाना होने की प्लानिंग की.
अर्याना ने कहा- 'मैं लकी थी कि अफगानिस्तान से बाहर निकल आई, लेकिन बाकी बचे हुए लोगों का क्या जो वहां है? बता दें कि काबुल से वो केवल उन्हीं कपड़ों के साथ निकली थी जो उन्होंने पहन रखे थे. '
आखिर में उन्होंने कहा- 'पिछले 20 सालों से, मेरा मतलब है, इतनी सारी लड़कियां और इतनी सारी महिलाएं, स्कूल गईं, उन्होंने शिक्षा प्राप्त की. उनमें से बहुत सी स्कूल टीचर, डॉक्टर हैं... इतनी सारी उपलब्धियां. ये सब ऐसे कैसे खत्म हो सकता है?'