ब्रिटिश सिंगर और गीतकार दुआ लीपा पर हाल ही में यहूदियों का विरोध करने का आरोप लगा था. दुआ ने इजराइल और फिलिस्तीन के बीच हो रही जंग में फिलिस्तीन को सपोर्ट किया था, जिसके बाद उनकर यहूदी विरोधी होने का आरोप लगा. अब दुआ लीपा ने इस बारे में बात की है.
दुआ लीपा पर लगे आरोप
फॉक्स न्यूज के मुताबिक, दुआ लीपा एक संगठन को आड़े हाथ लेने जा रही हैं. इस संगठन ने एक न्यूज आउटलेट को पैसे देकर एक पूरे पेज पर विज्ञापन दुआ पर छपवाया था, जिसमें दुआ को फिलिस्तीनियों का सपोर्ट करने के ले एंटी-सेमिटिक यानी यहूदी विरोधी कहा गया था. दुआ ने कहा कि इस संगठन ने बेशर्मी से उनके नाम का इस्तेमाल अपने भद्दे कैंपेन को चलाने और गलतबयानी करने के लिए किया.
शनिवार के न्यूजपेपर में आए इस विज्ञापन में वर्ल्ड वैल्यूज नेटवर्क की हेड Rabbi Shmuley Boteach ने दुआ लीपा और मॉडल्स बेला और जीजी हदीद को तीन मेगा इन्फ्लुएंसर बताया, जिन्होंने इजराइल पर जातिय संहार (Ethnic Cleansing) और यहूदी राज्य को बदनाम करने का आरोप लगाया है. बेला हदीद ने फिलिस्तीनी लोगों ने प्रति सोशल मीडिया पर सपोर्ट जाहिर किया था.
— DUA LIPA (@DUALIPA) May 22, 2021
ट्विटर पर दुआ ने दी सफाई
शनिवार दोपहर को दुआ लीपा ने ट्विटर पर लगे गलत और भयानक आरोपों को खारिज किया और कहा कि वर्ल्ड वैल्यूज नेटवर्क ने उनकी बात को तोड़-मरोड़कर पेश किया है. दुआ ने लिखा, 'मैं आज के न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार में छपे वर्ल्ड वैल्यूज नेटवर्क के विज्ञापन में मुझपर लगे गलत और भयानक आरोपों को सरासर खारिज करती हूं. जब आप इजराइली सरकार के सामने फिलिस्तीनी लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा करते हैं तो आपको यही कीमत चुकानी पड़ती है.'
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उन्होंने आगे लिखा, 'मैं मानती हूं कि यहूदी, मुस्लाम और ईसाई - सभी को अपनी पसंद के राज्य में शांति से बराबर नागरिकों के रूप में रहने का अधिकार है. वर्ल्ड वैल्यूज नेटवर्क बेशर्मी से मेरे नाम का इस्तेमाल अपने भद्दे कैंपेन को चला रहे हैं और मैं कौन हूं और किसके साथ खड़ी हूं इसे लेकर गलतबयानी कर रहे हैं. मैं हर उस इंसान को सपोर्ट करती हूं जिसपर दबाव बनाया जा रहा है और हर तरह के रंगभेद को रिजेक्ट करती हूं.'
इजराइल और फिलिस्तीन के बीच जंग
मालूम हो कि इजराइल और फिलिस्तीन के बीच जंग की शुरुआत 10 मई से हुई थी, जब हमास के मिलिटेंट्स ने गाजा से जेरुसलम की तरफ लॉन्ग रेज रॉकेट फायर किए थे. इसके अलावा फिलिस्तीनी लोगों और इजराइल की पुलिस के बीच अल-अक्सा मस्जिद के कंपाउंड में क्लैश भी हुआ था. 11 दिनों तक चली इस जंग में 250 लोगों के मरने की खबर है, जिनमें से ज्यादातर फिलिस्तीनी हैं.