अली जफर पाकिस्तानी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के सबसे बढ़िया सिंगर्स और एक्टर्स में से एक हैं. उन्होंने सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि हिंदुस्तान में भी खूब कमाया. यहां तक कि अली ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत बॉलीवुड की फिल्मों से की ही थी. आज अली जफर अपना 40वां जन्मदिन मना रहे हैं. ऐसे में हम आपको बता रहे हैं अली जफर की जिंदगी और करियर के बारे में खास बातें.
अली जफर का जन्म 18 मई 1980 को पाकिस्तान के लाहौर के एक पंजाबी परिवार में हुआ था. उनके माता-पिता कनवल अमीन और मोहम्मद जफरुल्ला ने पंजाब यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे. अली के दो भाई हैं, जिनका नाम ज़ैन और दान्याल है. जफर ने पाकिस्तान के गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ लाहौर और नेशनल कॉलेज ऑफ आर्ट्स से अपनी पढ़ाई की है.
अली जफर ने अपने करियर की शुरुआत बतौर स्केच आर्टिस्ट की थी. इसके बाद उन्होंने पाकिस्तानी सीरियलों में का किया. साल 2003 में अली जफर ने अपनी पहली म्यूजिक एल्बम हुक्का पानी को रिलीज किया था. यह एल्बम जबरदस्त हिट हुई थी और इसका गाना छन्नो उनका बेस्ट सॉन्ग बना था. इस एल्बम के लिए अली जफर को बेस्ट एल्बम और बेस्ट मेल आर्टिस्ट जैसे अवॉर्ड्स मिले थे. इतना ही नहीं छन्नो के रीमेक हिमेश रेशमिया और प्रीतम ने भी बॉलीवुड के लिए बनाए थे.
इसके बाद साल 2006 में अली जफर ने मस्ती नाम से अपनी दूसरी एल्बम को रिलीज किया था. इस एल्बम का गाना देखा पाकिस्तान का सबसे महंगा म्यूजिक वीडियो साबित हुआ था. इस गाने को बनाने के लिए 10 मिलियन रुपये खर्च किए गए थे. इतना ही नहीं हॉलीवुड फिल्म Wall Street: Money Never Sleeps में इस गाने को इस्तेमाम भी किया गया था. इसी के साथ अली, नुसरत फतेह अली खान, आतिफ असलम और स्ट्रिंग्स के बाद चौथे पाकिस्तानी आर्टिस्ट बन गए थे, जिनका गाना किसी हॉलीवुड फिल्म में लिया गया हो.
साल 2010 में अली जफर ने बॉलीवुड फिल्म तेरे बिन लादेन से अपना फिल्मी डेब्यू किया था. डायरेक्टर अभिषेक शर्मा की बनाई इस फिल्म में अली ने एक पाकिस्तानी पत्रकार की भूमिका निभाई थी. इस फिल्म को भारतीय दर्शकों ने खूब पसंद किया था. हालांकि यह पाकिस्तान में बैन हो गई थी. बताया जा है कि अली जफर को अपने बेहतरीन डेब्यू के बाद 40 प्रोजेक्ट्स के ऑफर मिले थे.
तेरे बिन लादेन में अपने काम के लिए अली जफर को IIFA अवॉर्ड्स, स्क्रीन अवॉर्ड्स, जी सिने अवॉर्ड्स, फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में बेस्ट मेल डेब्यू समेत सनी अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेशन मिला था. वह पहले पाकिस्तानी एक्टर थे जिन्हें 2011 में उनकी फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए ऑस्ट्रेलिया में हुए इंडियन फिल्म फेस्टिवल बुलाया गया था. इसके बाद अली जफर ने लव का द एन्ड, मेरे ब्रदर की दुल्हन, चश्मे बद्दूर, टोटल सियप्पा और डियर जिंदगी में काम किया था.
यह अली जफर के जीवन का वह वक्त था जब उनकी इमेज पर दाग लगा था. #MeToo में अली का नाम आने के बाद उन्हें जोरदार धक्का लगा था. अली जफर के ऊपर एक पाकिस्तानी सिंगर मीशा शफी ने शारीरिक शोषण का आरोप लगाया था. मीशा ने सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट लिखा था. हालांकि इन आरोपों को अली ने साफ नकार दिया था और कहा था कि वह इसे कानूनी ढंग से सुलझाएंगे.
बाद में अली जफर ने मीशा शफी के खिलाफ एक बिलियन रुपये का मानहानि का केस भी दाखिल करवाया था. इस केस के अंत में साबित हुआ कि अली जफर पर लगे सभी आरोप झूठे थे. मीशा शफी और उनके वकील निघत दाद ने 8 अन्य लोगों के साथ मिलकर अली के खिलाफ साजिश रची थी. ऐसे में सभी को दोषी करार देते हुए आरोपी ठहराया गया था.
अली जफर अपनी एल्बम रिलीज करने के अलावा बॉलीवुड की फिल्मों के लिए भी गाने गाए हैं. साल 2014 में आई अपनी बॉलीवुड फिल्म टोटल सियप्पा के साउंडट्रैक को अली ने खुद कंपोज किया था. इसके अलावा वह कोक स्टूडियो पाकिस्तान में ढेरों बढ़िया गाने जैसे अल्लाह हू, रॉकस्टार, जान-ए-बहारां, जूली संग अन्य गए चुके हैं. उन्होंने फवाद खान के सीरियल जिंदगी गुलजार है के लिए भी साउंडट्रैक बनाया था, जिसके लिए उन्हें ढेरों अवॉर्ड्स भी मिले थे.
फोटोज: @ali_zafar / Instagram
अली जफर ने अपनी मंगेतर आयेशा फाजिल संग 2009 में शादी की थी. आयेशा, बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान की दूर की रिश्तेदार हैं. दोनों की शादी पाकिस्तानी के लाहौर में हुई थी. अली और आयेशा ने साल 2010 में अपने बेटे का स्वागत किया था और साल 2015 में उन्हें एक बेटी हुई थी.