आम आदमी पार्टी की पंजाब में बल्ले बल्ले हो गई है. बरसों पुरानी पार्टियों को पछाड़ AAP ने पंजाब की सियासत पर कब्जा जमा लिया है. इसी के साथ पंजाब के सीएम कैंडिडेट भगवंत मान की मेहनत रंग लाई. ये वही भगवंत मान हैं जिन्होंने राजनीति के लिए अपने परिवार का त्याग कर दिया था. वो ही भगवंत अब पंजाब की राजनीति में नया परचम लहराएंगे.
पंजाब का पूरा भार अपने कंधों पर उठाने के लिए भगवंत मान ने निजी जिंदगी में बड़े उतार चढ़ाव देखे. उनके इस फैसले की भी आलोचना की गई जब उन्होंने राजनीति को प्राथमिकता देते हुए परिवार को छोड़ने की ठानी. वे बुरी तरह ट्रोल हुए. इस रिपोर्ट में जानते हैं भगवंत की तलाक का किस्सा.
2015 में भगवंत मान का परिवार बिखर गया था. भगवंत मान का उनकी पत्नी इंदरजीत कौर से तलाक हुआ था. भगवंत मान के दो बच्चे हैं. वे लेकिन क्या आपको मालूम है उनके बच्चे उनसे बात नहीं करते. इसका खुलासा खुद भगवंत मान ने एक इंटरव्यू में किया था.
उनके मुताबिक, उनकी बच्चों से फोन पर बात नहीं होती. भगवंत ने खुद माना कि परिवार को समय न दे पाने के चलते उनकी पत्नी ने उनसे दूरी बना ली. फिर आपसी सहमति से दोनों का तलाक हुआ. भगवंत शादी टूटने के बाद पंजाब को ही अपना परिवार बताते हैं.
2015 में अपने तलाक को लेकर भगवंत ने फेसबुक पर पोस्ट लिखी थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि उन्होंने पंजाब को अपने परिवार के ऊपर चुना. राजनीति के लिए वे पत्नी से अलग हो रहे हैं.
मान की ये बात लोगों को नागवार गुजरी थी. क्योंकि मान की एक्स वाइफ ने उनके पॉलिटिकल करियर की नींव रखने में अहम भूमिका निभाई थी. वे उनकी कई पॉलिटिकल रैलियों का हिस्सा बनी थीं. हर मोड़ पर उन्होंने भगवंत मान का साथ दिया था. कई लोगों ने भगवंत मान के तलाक को राजनीति से जोड़ने को पब्लिसिटी स्टंट बताकर उनकी आलोचना की थी.
भगवंत मान ने साल 2011 में राजनीति में एंट्री की थी. राजनीति में आने से पहले भगवंत मान को आपने कई मशहूर कॉमेडी शोज में देखा होगा. वे द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज में नजर आए थे. वे पंजाबी फिल्मों में भी काम कर चुके हैं.
भगवंत मान की पहली कॉमेडी एलबम जगतार जग्गी के साथ थी. 10 साल साथ काम करने के बाद उनकी ये जोड़ी टूट गई थी. इसके बाद उनकी पार्टनरशिप राणा रणबीर संग बनी. भगवंत की सेकंड एलबम कुल्फी गरमा गरम काफी बड़ी हिट रही थी.