बॉलीवुड इंडस्ट्री में पिछले कुछ समय से पंजाबी गानों का क्रेज काफी तेजी से बढ़ा है. इस दौरान कई सारे पंजाबी सिंगर्स की पॉपुलैरिटी भी फैंस के बीच बढ़ी है. इसमें एक नाम हार्डी संधु का भी है.
हार्डी संधु के गाने आज लोगों की जुबां पर रहते हैं. उनकी फैन फॉलोइंग यूथ में तगड़ी है. 35 साल की उम्र में ही हार्डी ने वो मुकाम हासिल कर लिया है जिसके लिए लोगों को काफी संघर्ष करना पड़ता है. आइए हार्डी के जन्मदिन के मौके पर जानते हैं उनकी पर्सनल और फ्रोफेशनल लाइफ के बारे में कुछ बातें.
हार्डी संधु का जन्म 6 सितंबर 1986 को पंजाब के पटियाला में हुआ. वे उस दौरान सिंगिंग में कोई खास लगाव नहीं रखते थे. हालांकि उनके दिल में संगीत के लिए जगह भी थी और सम्मान भी था. उन्हें क्रिकेट में इंटरेस्ट था.
हार्डी संधु 22-23 साल की उम्र तक क्रिकेट में गहरी दिलचस्पी रखते थे और एक फास्ट बॉलर भी थे. रिपोर्ट्स की मानें तो साल 2004 की अंडर-19 क्रिकेट टीम का वे हिस्सा भी थे. मगर एक घटना ने उनके करियर और जीवन में बड़ा बदलाव ला दिया.
हार्डी संधू ने कई साल तक क्रिकेट खेला. उन्होंने पंजाब की तरफ से 3 प्रथम श्रेणी मैच भी खेले. मगर एक एक्सिडेंट के बाद से उन्हें क्रिकेट छोड़ना पड़ा और वे सिंगिंग में आ गए. उन्होंने साल 2007 में क्रिकेट को अलविदा कह दिया.
इसके बाद कुछ साल ब्रेक लेने के बाद उन्होंने सिंगिंग की तरफ अपना रुख किया. वे कोई प्रोफेशनली ट्रेंड सिंगर तो थे नहीं क्योंकि उनका बचपन क्रिकेट और खेल से ही जुड़ा हुआ था. मगर उन्होंने 18 महीने वोकल्स की ट्रेनिंग ली और वे सिंगिंग में आ गए.
उनका पहला एल्बम दिस इज हार्डी संधु साल 2011 में रिलीज हुआ. मगर करियर के शुरुआती 2 साल उन्हें काफी स्ट्रगल करना पड़ा. दो साल बाद उन्होंने साल 2013 में बी प्राक के साथ मिलकर 'सोच' गाना गाया. ये गाना सुपरडुपर हिट रहा.
इसके बाद तो उनके करियर ने रफ्तार पकड़ ली. नाह, क्या बात है, बैकबोन और तितलियां जैसे उनके गानों ने संगीत की दुनिया में तहलका मचा दिया और इनकी पॉपुलैरिटी का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि यूट्यूब पर इन वीडियोज को 500 मिलियन से भी ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं. साथ ही सिंगर अपने इस शानदार सफर में सफलता की सीढ़ियां चढ़ते ही जा रहे हैं.