scorecardresearch
 
Advertisement
एंटरटेनमेंट न्यूज़

14 जून सुशांत सिंह राजपूत के कमरे पर क्या हुआ? ताला तोड़ने वाले ने बताई पूरी कहानी

सुशाांत सिंह राजपूत
  • 1/15

बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत की गुत्थी लगातार उलझती चली जा रही है. हालांकि अब मामले की जांच सीबीआई के हाथ में है. सुशांत के केस में सबसे बड़ा सवाल जो लगातार सामने आता रहा है वो ये है कि किसी ने भी सुशांत की बॉडी को पंखे से लटकते नहीं देखा था. इस मामले जब आज तक ने सुशांत के कमरे का ताला तोड़ने वाले मोहम्मद रफी से बात की तो बहुत से नए तथ्य खुलकर सामने आए.

सुशाांत सिंह राजपूत
  • 2/15

रफी ने तफ्सील से बताया कि उस रोज क्या हुआ था. उन्होंने कहा, "मुझे एक बजे के करीब कॉल आया था. नाम पहले नहीं जानता था लेकिन अब पता चल रहा है कि उनका नाम सिद्धार्थ पीठानी है. एक बजकर पांच मिनट के आसपास कॉल आया था... कि अंदर कोई सो रहे हैं काफी देर से. फोन नहीं उठा रहे हैं. नॉक करने पर भी नहीं खोल रहे हैं. आप जल्द से जल्द आ जाइए."

सुशाांत सिंह राजपूत
  • 3/15

"मैंने उनसे कहा कि ठीक है. मैंने उनसे पता पूछा. मैंने कहा कि जिस दरवाजे का लॉक खोलना है उसका फोटो आप मेरे व्हाट्सएप नंबर पर भेज दीजिए. उन्होंने मुझे एक दूसरे खुले हुए दरवाजे का फोटो भेजा. मैंने कहा कि ये तो खुला हुआ दरवाजा है. जो दरवाजा लॉक्ड है उसका फोटो भेजिए. तो उन्होंने दूसरा फोटो भेजा."

Advertisement
सुशाांत सिंह राजपूत
  • 4/15

दूसरे ताले की तस्वीर भेजे जाने के सवाल पर रफी ने बताया कि वो मुझसे कह रहे थे कि ऐसा ही लॉक है. तब मैंने उनसे कहा कि जो लॉक असल में खोलना है उसकी तस्वीर मुझे भेजिए. इसके बाद उन्होंने मुझे उस दरवाजे के ताले की तस्वीर भेजी जिसके भीतर सुशांत सिंह राजपूत थे. मुझे देखकर पता चला कि वो कंप्यूटराइज्ड चाभी वाला लॉक है.

सुशाांत सिंह राजपूत
  • 5/15

रफी ने बताया, "वो ताला खोलना मुश्किल होता है. मैंने कहा कि पहुंच रहा हूं और फोटो की लेन देन करने तक एक बजकर 10 मिनट हो गया था. मैं छठी मंजिल पर पहुंचा. वो ड्युप्लेक्स फ्लैट है. उन्होंने मुझे बताया कि ये बेडरूम है जो लॉक है. मैंने लॉक देखा और टूल्स निलाकर उसे खोलने की कोशिश कर रहा था कि कैसे खुलेगा. मुश्किल लॉक था इसलिए वक्त लग रहा था. पांच-सात मिनट चले गए इसी सब में."

सुशाांत सिंह राजपूत
  • 6/15

"उनमें से किसी ने कहा कि इसे जल्द से जल्द खोलना है. क्योंकि जो अंदर हैं वो नॉक करने पर गेट नहीं खोल रहे हैं और फोन भी नहीं उठा रहे हैं. मैंने कहा कि अगर ताला अच्छे से खोलना है उसकी चाभी तैयार करके तो करीब-करीब एक घंटा लग जाएगा. अगर जल्दी खोलना है तो लॉक तोड़ना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि लॉक तोड़ दो चलेगा लेकिन जल्दी खोलो."

सुशाांत सिंह राजपूत
  • 7/15

"मैंने स्क्रू ड्राइवर और हथौड़ी से ताला तोड़ना शुरू किया. मुझे याद है कि जब मैं ताला तोड़ रहा था तो वो दरवाजे का ताला टूटने की आवाज कान लगाकर सुन रहे थे. उन्होंने मुझे कहा था कि अगर दरवाजा खुल जाएगा तो आप काम छोड़ देना. आप गेट खोलना मत. अगर अंदर से आवाज भी आएगी तो भी आप छोड़ देना."

सुशाांत सिंह राजपूत
  • 8/15

"मैंने लॉक तोड़ना शुरू किया और वो टूट गया. ताला टूटा और मैंने जैसे ही दरवाजा हल्का सा खोला तो उन्होंने मुझसे कहा कि बस. अब आप अपना सामान लो और जाओ. उन्होंने मुझे कुछ भी देखने नहीं दिया अंदर. वहां पर उस वक्त तीन से चार लोग थे. मैं बाकियों को जानता नहीं था. अब मीडिया में देखता हूं तो जानता हूं."

रफी ने कहा कि इतना पक्का कह सकता हूं कि जिन्होंने मुझे फोन किया था वो सिद्धार्थ पीठानी ही थे. क्योंकि उन्होंने मुझे व्हाट्सएप पर मैसेज किया था और वो प्रोफाइल उन्हीं की थी.

सुशाांत सिंह राजपूत
  • 9/15

रफी ने कहा, "पैसे की जो बात थी तो मैंने उनसे कहा था कि लॉकडाउन चल रहा है और अगर ऐसे में मैं किसी तरह आऊंगा और ये जो ताला है ये कंप्यूटराइज्ड है."

Advertisement
सुशाांत सिंह राजपूत
  • 10/15

"ये तोड़ना सबसे मुश्किल होता है. तो इसका चार्ज दो हजार रुपये तक होता है. उन्होंने मुझसे कहा कि पैसे की कोई दिक्कत नहीं है. आप बस जल्दी से जल्दी आइए. वो बहुत अर्जेंट में बुला रहे थे."

सुशांत सिंह राजपूत
  • 11/15

रफी ने बताया कि जब मैं ताला तोड़ रहा था तो मुझे वो लोग परेशान तो नहीं लग रहे थे. वो रिलैक्स थे. मुझे उन्हें देखकर बिलकुल नहीं लगा कि उन्हें किसी तरह का तनाव था. मुझे उन पर कोई शक नहीं हुआ. मुझे ये तक नहीं पता था कि अंदर है कौन. मुझे लगा कि कोई बुजुर्ग रिलेटिव या दोस्त होंगे अंदर. उनका निजी मामला था इसलिए मैं ये नहीं कह सकता था कि आप मुझे अंदर क्यों नहीं देखने दे रहे हैं. इस सवाल का जवाब तो वही दे सकते हैं कि उन्होंने मुझे भीतर क्यों नहीं देखने दिया."

सुशांत सिंह राजपूत
  • 12/15

"मैं डेढ़ बजे के करीब वहां से गया था और फिर करीब एक घंटे बाद सिद्धार्थ पीठानी के नंबर से मुझे पुलिस का कॉल आया कि आप जल्द से जल्द यहां आ जाओ. मैं वापस गया तो बेहिसाब मीडिया वाले बाहर खड़े हुए थे. पहले तो पुलिस वाले मुझे जाने नहीं दे रहे थे. फिर मैंने कहा कि मुझे बुलाया है कॉल करके. मैं ऊपर गया तो सुशांत की बड़ी सी फोटो लगी हुई थी."

सुशांत सिंह राजपूत
  • 13/15

"पहले मुझे नहीं पता था. जब मैं दूसरी बार में वहां गया हूं तब मुझे पता चला है कि जो ताला मैंने तोड़ा है उस कमरे के भीतर सुशांत सिंह राजपूत थे. मेरा बयान पुलिस के पास दर्ज है."

सुशांत सिंह राजपूत
  • 14/15

उन्होंने कहा, "मैं भी सुशांत सिंह राजपूत का बहुत बड़ा फैन हूं. उनकी धोनी और केदारनाथ फिल्में देखी हैं. बहुत अच्छी लगी थीं. मामला सीबीआई के पास गया है. इस मामले की जांच होनी चाहिए. मैं भी जानना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे उस दरवाजे के पीछे क्यों नहीं देखने दिया. "

सुशांत सिंह राजपूत
  • 15/15

" सीबीआई ने मेरा नंबर लिया है. उन्होंने कहा है कि वो मुझे बुलाएंगे. जब तक मैं बाहर आया तब शायद कोई कमरे में गया होगा. लेकिन मेरे सामने कोई उस कमरे के अंदर नहीं गया था. एक चीज मैं दावे से कह सकता हूं कि दरवाजा अंदर से लॉक था. क्योंकि दरवाजा नहीं खुल रहा था."

Advertisement
Advertisement
Advertisement