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MBBS छोड़कर बना डायरेक्टर, बनाई एक बुढ़िया की कहानी, जीता कान्स में अवॉर्ड

डायरेक्टर चिदानंद एस. नायक की शॉर्ट फिल्म Sunflowers Were the First Ones to Know… को, 'बेस्ट शॉर्ट' का La Cinef अवॉर्ड मिला है. La Cinef के 26 साल के इतिहास में ये केवल दूसरी बार है जब किसी इंडियन फिल्म को ये अवॉर्ड मिला है.

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चिदानंद एस. नायक
चिदानंद एस. नायक

पिछले कई सालों से कान्स फिल्म फेस्टिवल में इंडियन सेलेब्स अपने फैशन के लिए ज्यादा चर्चा में रहते हैं, सिनेमा के लिए कम. मगर अब एक यंग इंडियन डायरेक्टर की फिल्म ने 'सिनेमा का मक्का' कहे जाने वाले कान्स फिल्म फेस्टिवल में बड़ा अवॉर्ड जीता है. 

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डायरेक्टर चिदानंद एस. नायक की शॉर्ट फिल्म Sunflowers Were the First Ones to Know… को, 'बेस्ट शॉर्ट' का La Cinef अवॉर्ड मिला है. La Cinef के 26 साल के इतिहास में ये केवल दूसरी बार है जब किसी इंडियन फिल्म को ये अवॉर्ड मिला है. इससे पहले 2020 में अश्मिता गुहा नेओगी की फिल्म Catdog को ये अवॉर्ड मिला था. 

क्या है La Cinef अवॉर्ड?
कान्स फिल्म फेस्टिवल के अंडर ही La Cinef एक फाउंडेशन है, जो इंटरनेशनल फिल्ममेकर्स की अगली पीढ़ी को तैयार और सपोर्ट करती है. 1998 में कान्स फिल्म फेस्टिवल के प्रेजिडेंट, फिल्म क्रिटिक Gilles Jacob ने इसकी शुरुआत की थी. फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) से आने वाले चिदानंद की फिल्म, इस साल दुनिया भर से आईं उन 18 फिल्मों में शामिल थी, जिन्हें ज्यूरी के सामने रखा गया. 

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कर्नाटक से चिदानंद ने लोककथा पर बनाई फिल्म 
चिदानंद कर्नाटक की बंजारा कम्युनिटी से आते हैं और उन्होंने अपनी जड़ों से जुड़ी एक लोककथा पर अपनी फिल्म बनाई है. इस कहानी में एक बूढ़ी औरत, सूरज उगने पर गांव में बांग देने वाला मुर्गा चुरा लेती है और दूसरे गांव चली जाती है. इसके बाद उस गांव में कभी सूरज नहीं उगता. 

फिल्म का टाइटल Sunflowers Were the First Ones to Know… इसी चोरी से जुड़ा है और इसका मतलब है 'सबसे पहले सूरजमुखी को खबर हुई...'. गांव में सूरज न उगने की कहानी थी, तो चिदानंद ने पुणे के एक गांव में, पूरी फिल्म रात में ही शूट की. 

डॉक्टरी छोड़कर डायरेक्टर बने चिदानंद 
ब्रूट इंडिया के साथ एक इंटरव्यू में चिदानंद ने बताया कि उन्होंने MBBS की पढ़ाई की है, मगर मेडिसिन में आगे करियर बढ़ाने की बजाय, उन्होंने फिल्ममेकिंग का पैशन फॉलो किया. फिल्ममेकिंग सीखने के लिए उन्होंने FTII जॉइन किया. चिदानंद ने बताया कि शुरुआत में उनके पेरेंट्स और करीब लोग इस बात से नाराज भी थे और उन्हें डाउट भी था कि उन्हें कभी कामयाबी मिलेगी या नहीं. 

उन्होंने बताया कि FTII ने बिना उन्हें पता चले La Cinef के लिए उनकी फिल्म सबमिट की थी. जब उनकी फिल्म शॉर्टलिस्ट हो गई, तो उन्हें कान्स से कॉल आया और तब उन्हें पता चला. रिपोर्ट्स बताती हैं कि चिदानंद अपनी फिल्म के फिल्म के डायरेक्टर ऑफ फोटोग्राफी सूरज ठाकुर,साउंड डिजाईनर अभिषेक कदम और प्रोडक्शन डिजाईनर प्रणव खोट के साथ कान्स में पहुंचे हैं. अवॉर्ड जीतने वाली शॉर्ट फिल्म की ये टीम अपने खर्चे पर फेस्टिवल में शामिल हुई है. 

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