रामायण में सीता का किरदार कर घर घर में राज करने वालीं दीपिका चिखलिया का आज जन्मदिन है. दीपिका बताती हैं, जन्मदिन को लेकर उनका एक्साइटमेंट कभी उतना नहीं रहा है, लेकिन उनके परिवार वाले हमेशा प्लानिंग और सरप्राइज को लेकर उत्साहित रहते हैं.
इस साल दीपिका अपना जन्मदिन मुंबई से दूर बसे अलीबाग बीच में मना रही हैं. आजतक डॉट इन से बातचीत के दौरान दीपिका हमसे अपने जन्मदिन की प्लानिंग और उससे जुड़े किस्से शेयर करती हैं. दीपिका बताती हैं, इस साल मैं अपने परिवार संग अलीबाग आई हूं. यहीं वीकेंड तक सेलिब्रेट करने का प्लान है. मेरी कोशिश रहती है कि बर्थडे या एनीवर्सरी के मौके पर परिवार संग अपना वक्त बिताऊं. मैं मेरे बच्चे पति और मां यहां गेस्ट हाऊस में मुंबई की भीड़ से दूर रिलैक्स होने पहुंचे हैं.
अपनी यादगार जन्मदिन पर दीपिका बताती हैं, मैंने कभी जन्मदिन को लेकर उत्साह दिखाया नहीं. मैं ज्यादातर जन्मदिन के वक्त शूटिंग सेट पर ही रहा करती थी. सेट पर कई बर्थडे मनाए हैं. हां, मुझे याद है रामायण के बाद एक ऐसा जन्मदिन आया था, जिसे शायद कभी भूल नहीं पाऊं. हुआ यूं कि मैं तो शूटिंग पर बिजी थी और काम निपटा कर शाम को घर लौटने वाली थी, ताकि मां के साथ सेलिब्रेट कर सकूं.
दीपिका बताती हैं, जब घर पहुंची, तो देखा दरवाजा नहीं खुल रहा है. डोरबेल बजाने के बाद मां आईं, तो मैंने पूछा लॉक फंस गया है क्या. फिर जब के अंदर घुसी, तो नजारा ही कुछ और था. मेरा पूरा कमरा फुल के गुलदस्ते से भरा पड़ा था. इतने ज्यादा बुके हो गए थे कि दूसरे कमरे में भी कई फ्लावर्स को रखना पड़ा, वो भी भर गया. ऐसा मेरे साथ पहले कभी नहीं हुआ था. लोग गुलदस्ते भेजते थे, लेकिन वो भी गिनकर दस से पंद्रह होते होंगे. लेकिन उस साल की बात ही कुछ और थी. मैंने अपने सेक्रेटरी से कहा कि तुम एक काम करो, सारे गुलदस्तों से नाम निकालकर मुझे दे दो, ताकि मैं सबके नाम पढ़कर ही उन्हें शुक्रियाअदा करूं. ये गुलदस्ते इंडस्ट्री वालों समेत फैंस द्वारा भेजे गए थे. सीता के रूप में मिला वो प्यार था. तब अहसास हुआ कि इस किरदार के साथ कुछ तो मैजिकल हुआ है.
दीपिका कहती हैं, हालांकि घर की हालत देखकर मेरी मां थोड़ी परेशान जरूर हुई. उन्होंने कहा दीपिका तीन ही कमरे हैं और जिसमें से दो भर गए और मैं बेडरूम और किचन में इन्हें नहीं रखने दूंगी. मच्छर परेशान कर सकते हैं. सफाई को लेकर मां ने तो हाथ खड़े कर लिए थे. फिर हमने हाउस हेल्प की मदद ली, वो भी राजी नहीं थे. फिर उन्हें उस समय 500 रुपये एक्स्ट्रा देकर मैंने पूरे घर की सफाई करवाई थी.