'द कश्मीर फाइल्स' की रिलीज के बाद सिनेमाघरों में जिस तरह की आंधी आई थी, उसकी उम्मीद किसी भी ट्रेड पंडित या फिल्म प्रोड्यूसर ने नहीं की थी. एक छोटे बजट में बनी इस फिल्म ने कोरोना के बाद थिएटर्स में एक तरह से इतिहास रच दिया था. इस फिल्म की सक्सेस के आगे कई बड़ी फिल्में धराशायी हो गई थीं. ठीक ऐसी ही कुछ उम्मीद डायरेक्टर राजकुमार संतोषी ने अपनी फिल्म गांधी वर्सेज गोडसे से लगाई थी. फिल्म की रिलीज के पहले संतोषी कई बार इसकी तुलना द कश्मीर फाइल्स को मिले रिस्पॉन्स से कर रहे थे. उन्हें पूरा भरोसा था कि उनकी यह फिल्म कुछ कमाल करेगी.
संतोषी के भरोसे के विपरीत फिल्म बॉक्स ऑफिस पर पहले हफ्ते ही फ्लॉप साबित कर दी गई. आखिर इसमें क्या कमी रह गई. जब हमने संतोषी से इसका कारण जानना चाहा, तो उन्होंने इसकी सबसे बड़ी वजह पठान को बताया. संतोषी के अनुसार फिल्म की रिलीज टाइमिंग भी सही नहीं थी.
शायद रिलीज टाइमिंग गलत थी
आजतक डॉट इन से बातचीत के दौरान संतोषी बताते हैं, गांधी वर्सेज गोडसे से मुझे बहुत उम्मीदें थी. लगा था कि फिल्म कोई बदलाव तो जरूर लाएगी. दरअसल फिल्म की रिलीज की टाइमिंग गलत हो गई थी. मुझे फिल्म की पब्लिसिटी पर भी थोड़ा ज्यादा फोकस करना चाहिए था. जिसका मलाल रहेगा.
पठान की हवा ऐसी चली कि मेरी फिल्म...
संतोषी आगे बताते हैं, दरअसल उस वक्त शाहरुख खान की पठान भी रिलीज को तैयार थी. उस फिल्म की इतनी हवा चली कि हमारी फिल्म उसमें कहीं गुम सी हो गई. इतना ही नहीं, उन्होंने फिल्म के प्रमोशन, पब्लिसिटी में लार्ज स्केल पर काम किया था. आप ही देखें न, उस वक्त हर जगह केवल पठान पर ही बहस होती रही. लोग केवल उसके कलेक्शन, गानों में इतने बिजी हो गए कि मेरी फिल्म देख ही नहीं पाए. एक सुपरस्टार के फिल्म लाने के बाद मामला बहुत हाईप हो गया था. उम्मीद से ज्यादा ही हाईप क्रिएट हो गया था, हालांकि शाहरुख की इससे पहले की दो तीन फिल्में इतनी अच्छी नहीं चली थीं. उन्होंने इसकी पब्लिसिटी में अपना काफी जोर लगा दिया था. खैर यह तो इंडस्ट्री में होता रहता है.
बता दें, थिएटर्स में गांधी वर्सेज गोडसे और पठान एक साथ 25 जनवरी को रिलीज की गई थी. पठान ने जहां पहले ही दिन बॉक्स ऑफिस पर बंपर कमाई की शुरुआत कर दी थी, तो वहीं गांधी वर्सेज गोडसे का रिस्पॉन्स बहुत ही ठंडा रहा. रिलीज के बाद फिल्म का बज ज्यादा नहीं बन पाया, नतीजतन फिल्म कब थिएटर से उतर गई, किसी को अंदाजा भी नहीं था. वहीं पठान ने कई हफ्तों तक सिनेमाघरों पर रूल किया था.