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Naaz Joshi Story: मामा ने कराया गैंग रैप, मांगी भीख, दर्द से भरी है एक ट्रांसजेंडर के इंटरनेशनल ब्यूटी क्वीन बनने की कहानी

नाज जोशी ने ब्यूटी वर्ल्ड में भारत का परचम दुनियाभर में लहराया है. नाज ने 8 ब्यूटी पीजेंट्स का ताज अपने नाम किया है. वे भारत की पहली ट्रांसजेंडर इंटरनेशनल ब्यूटी क्वीन हैं. लेकिन नाज जोशी के लिए ये जर्नी कितनी मुश्किल रही, आइए जानते हैं उनके स्ट्रगल की कहानी.

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नाज जोशी
नाज जोशी

'मैंने तो लड़का पैदा किया था, छक्का नहीं', जरा सोचिए जब किसी की मां अपने बच्चे को ये कहकर साथ रखने से इनकार कर दे तो उसपर क्या बीतेगी? इस दर्द को भारत की पहली ट्रांसजेंडर इंटरनेशनल ब्यूटी क्वीन नाज जोशी बखूबी जानती हैं. नाज जोशी ने लड़के के रूप में जन्म लिया, लेकिन बाद में पता चला कि वो ट्रांसजेंडर हैं. लड़के से लड़की बनने की नाज की जर्नी इतनी दर्दनाक है कि सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो सकते हैं. 

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कौन हैं नाज जोशी?

नाज जोशी ने ब्यूटी वर्ल्ड में भारत का परचम दुनिया भर में लहराया है. नाज ने 8 ब्यूटी पीजेंट्स का ताज अपने नाम किया है. इनमें 7 इंटरनेशनल ब्यूटी कॉम्पीटीशन है और एक नेशनल पीजेंट. लेकिन नाज जोशी के लिए ये जर्नी बिल्कुल भी आसान नहीं थी.

नाज जोशी का दिल्ली में जब जन्म हुआ तो डॉक्टर्स ने उनके पेरेंट्स को बधाई देते हुए कहा था- मुबारक हो बेटा हुआ है. लेकिन नाज की मां की बेटा पैदा करने की खुशी ज्यादा दिन तक नहीं रह पाई. नाज जैसे-जैसे बड़ी हुईं, वो लड़कियों की तरह सजने-संवरने लगीं. नाज शरीर से लड़का थीं, लेकिन उनके हावभाव और तौर-तरीके लड़कियों जैसे थे. ये देखकर लोगों ने नाज के पेरेंट्स को ताने देने शुरू कर दिए. घरवालों को जब पता चला कि नाज ट्रांसजेंडर हैं तो उन्होंने लोगों के तानों से बचने के लिए अपने दिल के टुकड़े को खुद से दूर कर दिया. 

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नाज जोशी का हुआ था गैंग रेप

नाज जोशी को उनके पेरेंट्स ने मुंबई में मामा के घर रहने भेज दिया. नाज की देखभाल के लिए उनके पेरेंट्स ने मामा को 12 हजार रुपये भी दिए. लेकिन मामा ने सारे पैसे खुद खा लिए. मामा मुंबई में एक छोटे से कमरे में 6 बच्चों के साथ रहता था. ऐसे में मामा ने 10 साल की उम्र में ही नाज को ढाबे पर काम करने के लिए छोड़ दिया.  

नाज पहले ढाबे पर काम करतीं, फिर घर जाकर पढ़ाई करती थीं. लेकिन ढाबे पर काम करने की वजह से वो पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाती थीं. एक दिन नाज जब ढाबे पर काम करके घर लौटीं तो मामा के बच्चे दोस्तों संग दारू पार्टी कर रहे थे. उन्होंने नाज को भी ड्रिंक करने को कहा, लेकिन नाज ने मना कर दिया. तब उन्होंने नाज को कोल्ड ड्रिंक में कुछ ऐसा मिलाकर दिया कि उसे पीते ही नाज बेहोश हो गईं. नाज को बेहोशी की हालत में एहसास हो रहा था कि उनके साथ कुछ हो रहा है, लेकिन क्या हो रहा है, वो इस बात को समझ नहीं पा रही थीं. नाज की जब आंख खुली तो वो अस्पताल में थीं. उन्हें दर्द का एहसास हो रहा था. मामा के बेटे और उसके दोस्तों ने नाज जोशी का गैंग रेप किया था. इसके बाद 11 साल की नाज को मामा ने अस्पताल में ही छोड़ दिया था. 

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सेक्स वर्कर के तौर पर किया काम

अस्पताल में नाज जोशी पर जब किन्नर की नजर पड़ी, तो वो उन्हें किन्नर समाज की गुरू मां के पास ले गए. नाज पढ़ना चाहती थीं, लाइफ में कुछ करना चाहती थीं, लेकिन किन्नर समाज की गुरू मां ने उनसे कहा कि पैसे से बड़ा कुछ नहीं होता, पहले पैसे कमाओ. उस दौरान नाज को लड़कियों की तरह सजाकर उनसे सड़कों पर भीख मंगवाई गई. पैसों के लिए उनसे बार में डांस करवाया गया, सेक्स वर्कर के तौर पर काम करवाया गया. इन सब से जो कमाई हुई, नाज ने उससे 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की. 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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लेकिन नाज को ये सब करना अच्छा नहीं लगता था. वो डिप्रेशन का शिकार होने लगी थीं. नाज की जिंगदी जब अंधेरे की गुमनामी में खोने लगी, तो फेसबुक के जरिए उनकी मुलाकात एक कजिन सिस्टर से हुई. कजिन सिस्टर ने नाज की मदद की. उन्होंने दिल्ली के  एनआईएफटी में नाज का एडमिशन करवाया. दिल्ली में जन्मीं नाज जोशी को तकदीर एक बार फिर उसी शहर ले आई थी. लेकिन इस बार उनकी जिंदगी काफी अलग थी. नाज ने एनआईएफटी में फैशन डिजाइनिंग की डिग्री ली और टॉप भी किया. 

नाज ने बताया कि एनआईएफटी में उनके तीन साल काफी अच्छे गुजरे. उन्हें काफी दोस्त मिले, जिनके साथ वो खूब पार्टियां करती थीं. मेकअप करती थीं, सजती-संवरती थीं. उनको कैंपस प्लेसमेंट मिली और बिग डिजाइनर के साथ 25 हजार रुपये की सैलरी पर पहली नौकरी करने का मौका भी मिला. 

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सर्जरी से बदला जेंडर

लेकिन नाज जोशी ये समझ ही नहीं पाती थीं कि वो लड़का हैं या फिर लड़की. वो डिप्रेशन में जा रही थीं. इस दौरान उनकी नौकरी भी छुट गई. डॉक्टर ने कहा कि वो अपने जेंडर को लेकर भी डिप्रेशन का शिकार हो रही हैं, उन्हें सर्जरी करा लेनी चाहिए. लेकिन सर्जरी के लिए नाज के पास पैसे नहीं थे. ऐसे में मजबूरी में उन्हें गे मसाज पार्लर में नौकरी करनी पड़ी. पैसों के लिए उन्होंने सेक्स वर्कर के तौर पर भी काम किया. जब नाज के पास अच्छी रकम जमा हो गई, तो उन्होंने अपनी सर्जरी कराकर अपना जेंडर चेंज करा लिया. वो लड़के से लड़की बन गईं. 

लेकिन नाज को तो ऊंचाइयां छूनी थी. ऐसे में एक दिन उनकी मुलाकात एक फेमस फोटोग्राफर से हुई. वो ट्रांसजेंडर सेक्स वर्कर का फोटो शूट करना चाहता था. नाज उसके लिए परफेक्ट थीं. नाज ने दिल्ली की सड़कों पर लड़कियों की तरह सजकर बोल्ड फोटोशूट कराया. इस फोटोशूट के बाद उन्हें एक मैगजीन कवर पर फीचर किया गया. इस तरह नाज को कई अच्छे ऑफर्स मिलने लगे. उन्हें एक ट्रांसजेंडर मॉडल के रूम में फैशन शो में वॉक करने के लिए बुलाया गया, लेकिन नाज से इंप्रेस होकर उन्हें पहली ट्रांसजेंडर शो स्‍टॉपर बना दिया गया. जो कभी नहीं हुआ था, वो नाज जोशी ने कर दिखाया था. उन्हें इसके लिए 30 हजार रुपये मिले थे. 

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ब्यूटी पीजेंट में लहराया परचम

इस तरह मॉडलिंग से नाज ब्यूटी पीजेंट्स का हिस्सा बनीं. नाज जोशी इंडिया की पहली इंटरनेशनल ट्रांसजेंडर ब्यूटी क्वीन्स बन गईं. नाज ने मिस वर्ल्ड डायवर्सिटी ब्यूटी पीजेंट का खिताब लगातार 3 बार जीता. इतना ही नहीं नाज इंडिया की पहली ट्रांसजेंडर कवर मॉडल भी बनीं. नाज जोशी की जिंदगी कांटों से भरी रही, लेकिन उन्होंने कांटों के बीच हमेशा फूल की तरह खिलने में यकीन रखा. उन्होंने कभी हार नहीं मानी और परेशानियों का सामना करते हुए जिंदगी में आगे बढ़ती गईं. 

नाज जोशी ने अंत में सभी को यही मैसेज दिया कि जिंदगी में कभी हारना नहीं. गिर जाओ तो उठकर फिर खड़े होना. बदलाव आपसे शुरू होगा, इसलिए हमेशा कुछ ऐसा करो जो किसी ने ना किया हो. आप करोगे तभी लोग आपको फॉलो करेंगे. समाज को कुछ अच्छा दो और परेशानियों का सामना करते हुए बढ़ते चले जाओ. 
 

 

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