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मलयालम इंडस्ट्री यौन शोषण केस: 17 इस्तीफों पर बोलीं पार्वती, जवाबदेही का वक्त आया तो बच निकले...

मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के हालात पर बनी हेमा कमिटी की रिपोर्ट ने सभी को शॉक कर दिया है. इस बीच एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (AMMA) के प्रेजिडेंट, सीनियर एक्टर मोहनलाल और पूरी एसोसिएशन ने सामूहिक तौर पर इस्तीफा भी दे दिया. पार्वती ने इन इस्तीफों पर सवाल उठाए और इस कदम को 'कायरतापूर्ण' बताया.

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पार्वती, मोहनलाल
पार्वती, मोहनलाल

मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के हालात पर बनी हेमा कमिटी की रिपोर्ट ने सभी को शॉक कर दिया है. इस रिपोर्ट के बाद और भी एक्ट्रेसेज अपने साथ हुई सेक्सुअल हैरेसमेंट की घटनाएं शेयर कर रही हैं और मलयालम इंडस्ट्री सवालों के घेरे में आ गई है. 

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इस बीच एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (AMMA) के प्रेजिडेंट, सीनियर एक्टर मोहनलाल और पूरी एसोसिएशन ने सामूहिक तौर पर इस्तीफा भी दे दिया. साउथ की पॉपुलर एक्ट्रेस पार्वती ने अब मोहनलाल और AMMA के इस्तीफे पर सवाल उठाए हैं और इस कदम को 'कायरतापूर्ण' बताया है. 

पार्वती ने की AMMA के इस्तीफे की आलोचना 
मलयालम सिनेमा में इस समय महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को उठाने में वुमन इन सिनेमा कलेक्टिव (WCC) का बड़ा रोल है, जिसकी रिक्वेस्ट पर केरल सरकार ने हेमा कमिटी का गठन किया था. WCC की फाउंडिंग मेंबर पार्वती ने अब कहा है कि AMMA का इस्तीफा, 'जवाबदेही से भागने की एक कोशिश है'. 

जर्नलिस्ट बरखा दत्त से बात करते हुए पार्वती ने कहा, 'मैंने जब ये सामूहिक इस्तीफे की खबर सुनी तो मेरा पहला रिएक्शन था- 'कितना कायरतापूर्ण है ये'. ये उनकी कितनी कायरतापूर्ण हरकत है कि मीडिया के सामने जवाबदेही के समय वो अपने पदों से हट गए. ये झट से बच निकलने का तरीका है. इसकी वजह से सारी जिम्मेदारी फिर से महिलाओं पर आ गई है कि वे इस मुद्दे और बहस को आगे बढ़ाएं. ये कितना शानदार होता अगर वो कम से कम राज्य सरकार और बाकी पक्षों के साथ, इस मुद्दे पर कोई रास्ता निकालने का इरादा दिखाते.' 

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AMMA कमिटी और केरल सरकार पर भड़कीं पार्वती
पार्वती ने AMMA के इस्तीफे को लेकर कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए और अपना गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने कहा, 'ये वही एग्जीक्यूटिव कमिटी है जिसने 2017 के सेक्सुअल असॉल्ट केस के मुख्य आरोपी का वापस अपने बीच स्वागत किया था, जब केस चल रहा था. ये वही एग्जीक्यूटिव कमिटी है, जिसने दावा किया कि ऐसी कोई चीज (इंडस्ट्री में सेक्सुअल हैरेसमेंट) होती ही नहीं, जबतक इनके खुद के खिलाफ आरोप नहीं लगे. और सरकार की तरफ से ये बहुत गैरजिम्मेदारी भरी चीज थी कि ऐसे बयान आए, जैसे- 'अगर महिलाओं को शिकायत है तो उन्हें सिर्फ एक FIR करवानी चाहिए और नाम बताने चाहिए.'' 

पार्वती ने कहा कि इस तरह के बयान फिर से महिलाओं पर ही ये जिम्मेदारी डाल देते हैं कि महिलाएं ही नाम उजागर करें, (आरोपियों को) शर्मिंदा करें और इसके बाद जो हो खुद झेलें. 

पार्वती ने आगे कहा, 'मेरा सवाल हमेशा ये रहा है कि आपने न्याय का ऐसा क्या सबूत दिया है जो आप चाहते हैं कि हम ही नाम सामने लाएं और शर्मिंदा करें? इसके बाद हमारे साथ क्या होगा... हमारे करियर, जिंदगियों, कानूनी फीस और मेंटल हेल्थ इशू का क्या होगा? किसी को इस बात से फर्क नहीं पड़ता. क्यों बार-बार इसकी जिम्मेदारी महिलाओं पर ही डाल दी जाती है कि हम उन समस्याओं से डील करें जो हमारी वजह से नहीं पैदा हुई हैं?' 

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बता दें, मलयालम इंडस्ट्री में मची उथल-पुथल के बीच, मोहनलाल ने एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (AMMA) के प्रेजिडेंट पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे ने सभी को शॉक कर दिया था. इस एसोसिएशन में मोहनलाल के साथ 17 सदस्यों की एक एग्जीक्यूटिव कमिटी भी थी और सभी ने सामूहिक तौर पर इस्तीफा दे दिया. हाल ही में मलयालम इंडस्ट्री के जिन पुरुषों पर सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप लगे हैं उनमें से कुछ AMMA के सदस्य भी थे. 

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