कांग्रेस पार्टी की पूरी सोशल मीडिया इमेज तैयार करने में एक्ट्रेस और पॉलिटिशियन रम्या का बहुत बड़ा योगदान माना जाता है. लेकिन कुछ साल पहले इस तरह की खबरें आईं कि वो पार्टी से खुश नहीं है इसलिए राजनीति से दूर जा रही हैं. हालांकि बाद में उन्होंने बताया कि उनके राजनीति से दूर जाने का कारण फिजिकल और मेंटल हेल्थ थी.
अब इंडिया टुडे के इवेंट, कर्नाटक राउंड टेबल में रम्या ने अपने राजनीतिक करियर और फिल्मों को लेकर बात की. उन्होंने बताया कि जिस दौर में वो राजनीति से दूर थीं, तब भी राहुल गांधी ने उन्हें बहुत सपोर्ट किया. रम्या ने फिल्मों पर बात करते हुए कहा कि अभी भी कन्नड़ फिल्में बनाना बहुत मुश्किल काम है.
कर्नाटक की तीनों बड़ी पार्टियों ने किया अप्रोच
रम्या अब कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की स्टार कैम्पेनर बनकर लौट रही हैं. कर्नाटक राउंडटेबल इवेंट में उन्होंने बताया कि भले वो कांग्रेस पार्टी से राजनीति में कमबैक कर रही हैं, लेकिन उन्हें राज्य की बाकी दोनों बड़ी पार्टियों ने भी अप्रोच किया था. रम्या ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने भी उन्हें इलेक्शन लड़ने का ऑफर दिया था. उन्हें जेडीएस से भी ऑफर थे लेकिन 'सेंट्रिस्ट और लिबरल' होने के नाते उन्होंने फिर कांग्रेस को ही चुना.
रम्या ने कहा कि कांग्रेस ने भी उन्हें इलेक्शन लड़ने का ऑफर दिया था. लेकिन वो अभी खुद को फिजिकली और मेंटली उतना फिट नहीं पा रही हैं कि डायरेक्ट एक्टिव पॉलिटिकल रोल में उतर सकें. उन्होंने कहा, 'कर्नाटक की राजनीति में महिलाओं को बहुत सीरियसली नहीं लिया जाता. मुझे यहां तक पहुंचने में मेहनत लगी.' रम्या ने कहा कि कांग्रेस में भी राहुल गांधी का सपोर्ट होने के बावजूद, ज्यादा लोगों ने नीचे गिराने की कोशिश की.
अब भी मुश्किल है कन्नड़ फिल्में बनाना
कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री 'सैंडलवुड' की क्वीन कही जाने वाली रम्या ने अपनी आखिरी फिल्म 2016 में की थी. फिल्मों की बात करते हुए रम्या ने कहा कि साउथ इंडिया में कई अलग-अलग भाषाएं हैं और अलग-अलग इंडस्ट्रीज हैं, इसलिए कोई 'साउथ फिल्म' कहता है तो थोड़ा खराब लगता है. लेकिन पिछले कुछ समय से साउथ में बनी फिल्मों की कामयाबी के बाद, अब उन्हें इस टर्म में ये अच्छा लगने लगा है कि कम से कम इन इंडस्ट्रीज की बात हो रही है.
KGF 2 और 'कांतारा' जैसी कन्नड़ फिल्मों कामयाबी पर बात करते हुए रम्या ने कहा कि कन्नड़ फिल्में बनाना अब भी आसान नहीं है. उन्होंने कहा, 'कन्नड़ फिल्मों को कोई ओटीटी प्लेटफार्म नहीं लेना चाहता. प्लेटफॉर्म्स कन्नड़ फिल्मों को तभी लेते हैं जब वो थिएटर्स में रिलीज हो चुकी हों. वो तमिल, मलयालम फिल्में खूब रिलीज करते हैं, लेकिन कन्नड़ नहीं करते. इसलिए कन्नड़ में फिल्म बनाना अब भी बहुत मुश्किल काम है.' आखिरी बार 2016 में बड़े पर्दे पर नजर आईं रम्या ने बताया कि कन्नड़ फिल्म 'उत्तर कांड' से वो बड़े पर्दे पर भी वापसी कर रही हैं.