एक्ट्रेस शर्लिन चोपड़ा को अश्लील कंटेंट सार्वजनिक तौर पर पोस्ट करने के आरोपों के बीच बॉम्बे हाई कोर्ट से थोड़ी राहत मिली है. मुंबई पुलिस की साइबर सेल में शर्लिन के खिलाफ वुमन एक्ट और इनफॉरमेशल टेक्नोलॉजी एक्ट की धाराओ के तहत FIR दर्ज की गई थी. मुंबई सेशन कोर्ट से सहयोग ना मिलने के बाद एक्ट्रेस ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अब उन्हें हाई कोर्ट से राहत मिल गई है और अग्रिम जमानत दे दी गई है. मगर उन्हें भविष्य में साइबर सेल पर हाजरी लगानी पड़ेगी. इसके अलावा बॉम्बे कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च को होगी.
हाईकोर्ट के निर्देशानुसार शर्लिन चोपड़ा को इनवेस्टिगेशन ऑफिसर के समक्ष 15, 16 और 17 मार्च को हाजिर होना पड़ेगा. अगर चोपड़ा को मामले में अरेस्ट किया जाता है तो उन्हें 25 हजार रुपये के पर्सनल बॉन्ड और एक या दो स्योरिटीज के दर्ज पर ही राहत मिलेगी. मामले की बात करें तो साल 2020 में रिटारर्ड कस्टम ऑफिसर मधुकर केनी ने अपनी शिकायत में कहा था कि शर्लिन चोपड़ा फ्री वेबसाइट्स पर अश्लील कंटेंट पोस्ट करती हैं जो गलत है. अगर गूगल पर शर्लिन का नाम डाला जाए तो स्क्रीन पर अश्लील वीडियो आते हैं. शख्स ने वो वीडियोज डाउनलोड कर एक पेन ड्राइव में डाल पुलिस को भी सौंपा था.
शर्लिन ने कहा खुद हैं सत्त्वाधिकार उल्लंघन की शिकार
चोपड़ा के वकील की तरफ से इस मामले में कहा गया था कि शर्लिन ने किसी को भी इस बात की इजाजत नहीं दी है कि उनके आर्टिकल्स को पब्लिश करे. जिस वीडियो की बात की जा रही है वो सब चुराए हुए हैं. शर्लिन चोपड़ा के वकील द्वारा ये भी कहा गया कि मामले की चांच में वे पुलिस की सहायता करने के लिए तैयार हैं.