ड्रग्स केस में बॉलीवुड एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती को बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. जमानत देते हुए जज ने कहा कि कानून के सामने हर कोई बराबर है. जबकि एनसीबी की तरफ से दलील दी गई थी कि सेलिब्रिटी और रोल मॉडल के खिलाफ सख्ती बरती जानी चाहिए ताकि यंग जनरेशन के लिए उदाहरण पेश किया जा सके और वो इस तरह के अपराध से बचें.
रिया की जमानत याचिका पर बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान एनसीबी की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) ने अपनी दलील रखी और रिया की तरफ से वकील सतीश मानशिंदे पेश हुए. ASG ने रिया की बेल का विरोध करते हुए कहा कि सेलिब्रिटी और रोल मॉडल्स के खिलाफ सख्ती से पेश आना चाहिए ताकि यंग जनरेशन के लिए उदाहरण पेश किया जा सके और वो ऐसे काम करने से बचें.
एएसजी की इस दलील पर जस्टिस कोटवाल ने कहा कि मैं इससे सहमत नहीं हूं. कानून के सामने हर कोई समान है, किसी सेलिब्रिटी या रोल मॉडल को विशेषाधिकार नहीं दिया जाता है. इसी तरह जब ऐसे लोग कोर्ट के सामने हैं तब ही उन्हें समान रूप से ही देखा जाता है. हर केस उसके तथ्यों के हिसाब से देखा जाता है, न कि आरोपी के स्टेटस के हिसाब से. इस तरह लंबी बहस के बाद रिया को जमानत मिल गई.
हालांकि, रिया की जमानत का सबसे बड़ा आधार बना उनके घर से ड्रग्स बरामद न होना. एनसीबी की जांच में रिया या सुशांत सिंह राजपूत के घर से ड्रग्स की बरामदगी नहीं है. NCB ने कहा है कि रिया ने अपना क्रेडिट कार्ड सैमुअल मिरांडा को दिया था, जिसने दस हजार रुपये निकाल कर 5 ग्राम बड खरीदा. इस पर रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानशिंदे ने कहा कि इससे साबित होता है कि रिया ने सीधे तौर पर ड्रग्स नहीं खरीदे. यही रिया की जमानत का आधार बना.