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सपना चौधरी के अंदर छ‍िपा दर्द, बोलीं- भगवान किसी लड़की को स्टेज परफॉर्मर न बनाए

सपना कहती हैं, लोग आपको आपके काम के हिसाब से जज करना शुरू कर देते हैं. अगर कोई मुर्दाघर में काम कर रहा है, तो उससे डरने लगते हैं. ऐसा ही मेरे साथ हुआ था. मैं जब डांस करती थी, तो लोग मेरे कैरेक्टर पर सवाल उठाते थे.

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सपना चौधरी
सपना चौधरी

हरियाणवी क्वीन सपना चौधरी (Sapna Choudhary) अपने डांस की बदौलत हर दिल अजीज बन चुकी हैं. आज वो जिस मुकाम पर हैं, वहां तक पहुंचने के लिये उन्होंने काफी मेहनत की है. शायद यही वजह है कि अतीत पर बात करते हुए सपना दुखी हो जाती हैं. aajtak.in से बातचीत के दौरान सपना ने उनके संघर्ष के दिनों का वो सच बताया है, जिसके बारे में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता. 

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वो नहीं मिला जिसकी हकदार थीं
करियर पर बात करते हुए सपना कहती हैं, मैं जितना डिजर्व करती थी. वो मुझे नहीं मिल पाया है. अभी बहुत आगे जाना है. मैं रुकने वालों में से हूं नहीं. मैं अपना हक लेकर रहूंगी. मैंने हमेशा अपने काम को ही पूजा माना है. लोग मुझे जानते हैं और प्यार करते हैं, क्योंकि मैं सपना चौधरी हूं. मुझे पहचान करियर से मिली है. यह पहचान मुझे बहुत प्यारी है, जिसे कभी खोना नहीं चाहूंगी.

सपना आगे कहती हैं कि ये जर्नी मेरे लिए कभी आसान रही ही नहीं. मैंने बहुत सहा और देखा है. जब शुरू में काम करती थी, तो लोगों की गालियां सुनी हैं. जिसका जो मन करता था, वो उस नजर से देख लेता था. अपने आपको साबित करने में वक्त लगता है. मुझे बहुत वक्त लगा. मैंने इस दौरान बस अपने काम को शिद्दत से किया. बाकी सभी उम्मीद छोड़ चुकी थी. लोग जो बोलते थे, वो एक कान से सुन दूसरे कान से निकाल देती थी. देर रात सफर किया करती थी. लोग नीची निगाहों से देखते थे. कई लोग कहते थे कि ये लड़की हमारा कल्चर खराब कर रही है. ये डांस करती है, हमारे बच्चे इसी से सीखते हैं. मैं तो आज भी बोलती हूं कि भगवान किसी लड़की को स्टेज परफॉर्मर न बनाए. क्योंकि हमने वो चीजें अंदर बैठा ली हैं, जिसकी कभी कल्पना नहीं की जा सकती है.

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लोग करते थे जज
सपना आगे कहती हैं, लोग आपको आपके काम के हिसाब से जज करना शुरू कर देते हैं. अगर कोई मुर्दाघर में काम कर रहा है, तो उससे डरने लगते हैं. ऐसा ही मेरे साथ हुआ था. मैं जब डांस करती थी, तो लोग मेरे कैरेक्टर पर सवाल उठाते थे. अब जाकर उन्हें अक्ल आई है कि किसी के कैरेक्टर को उसके प्रफेशन से जज नहीं कर सकते हैं. अगर ये डांसर है, स्टेज पर परफॉर्म करती है, तो इसका ये मतलब नहीं है कि ये कहीं बिछने के लिए तैयार हो जाएगी, किसी के साथ भी निकल लेगी. मैंने यह सोच लोगों की बदली है. मैंने समझाया है कि हमारा भी सेल्फ रिस्पेक्ट होता है.

वो कहती हैं कि मेरी बात तो अलग है, मेरे परिवार वालों को भी नहीं छोड़ा. मेरा भाई बाहर जाता था, तो उसे कई तरह की कमेंट्स सुनने को मिलते थे. हालांकि, उसने कभी भी बाहर की बात घर में आने नहीं दी. मैं लोगों की सोच को देखकर परेशान हो जाती थी, तो कहता था कि तुझे जो करना है, वो कर. तू कैसी है, वो मुझे बाहर वालों से सुनने की जरूरत नहीं है. मेरे परिवार ने मुझे कभी निगेटिव नहीं होने दिया. मेरे परिवार वालों ने भी दूरियां बना ली थी. मेरी मामी ने मां को एक बार कहा था कि अपनी बेटी को हमारे यहां लेकर मत आया कर क्योंकि मेरे बच्चों के रिश्ते नहीं होंगे. मेरी मां ने जवाब दिया कि मेरी बेटी तो ठाठ से आएगी. अगर तुम्हारे बच्चों के रिश्ते नहीं हो रहे, तो तुम्हारे बच्चों में कमी है.

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अपना दर्द बयां करते हुए सपना ने बताया कि मैंने बचपन से फाइनैंसियली खुद की हेल्प की है. लोगों से मदद मांगो, तो मुंह पर न कर चले जाते हैं. मैंने पहला काम एल्बम के लिए किया था. इसके लिए मुझे 800 रुपये मिले थे. इस एल्बम के लिए मुझसे 8 दिन काम करवाया गया था. मुझे लग रहा था कि इतने दिन काम किया है, तो काफी पैसे मिल जाएंगे. पेमेंट के दिन 800 रुपये देकर ये कह दिया कि आप नए हो, और नए लोगों को बस किराया देते हैं. सच में 700 रुपये तो मेरा किराया ही लग गया था. मेरी पहली कमाई का एक्स्पीरियंस बहुत ही गंदा था. कुछ चीजें याद करना पसंद नहीं है.

मुंबई रास नहीं आया कभी
बिग बॉस में एक लंबे समय के रहने के बाद मैंने सोचा, चलो मुंबई में ही अपने करियर को एक नया मोड़ देते हैं. सच कहूं, तीन दिन रही मुंबई में, उसी में समझ आ गई कि यह शहर मेरे लिए नहीं है. शो खत्म होने के बाद मुझे कुछ म्यूजिक एल्बम ऑफर भी हुए, लेकिन बिना पैसे के. वो कहते कि हम इतने बड़े ब्रांड हैं, तुम्हें फायदा मिलेगा. मैंने उन प्रोजेक्ट्स को रिजेक्ट दिया और कहा कि मैं बिना पैसे के काम नहीं कर सकती हूं. वहीं दूसरी ओर जो कंटेस्टेंट मेरे दोस्त बनें, वो वहां पार्टियां, सिगरेट-दारू ये सब करते थे. मुझे इनमें से किसी भी चीज का शौक नहीं था. इसलिए सोचा जितनी जल्दी यहां से निकल जाऊं, मेरे लिए उतना बेहतर है. बस फिर यहीं आकर मैं अपना काम कर रही हूं.

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बिग बॉस से खट्टी-मिठी यादें
मैं जब बिग बॉस के घर पहुंची थी, तो वो मेरे लिए वो एक अलग ही दुनिया रही है. मैं आजतक अपने परिवार के बिना हरियाणा से बाहर निकली थी. मेरे पापा इजाजत ही नहीं देते थे. मैं एक ऐसी लड़की थी, जिसने दुनियादारी देखी ही नहीं थी. मेरे लिए सारी चीजें नई थी. मैं पढ़ी-लिखी नहीं थी. वहां मुझे अकेले रहना था. लोग भी काफी अलग थे. बिग बॉस को लेकर मेरी यादें खट्टी-मिठी रही हैं. इस प्लैटफॉर्म ने सपना चौधरी को पूरे देश में फेमस कर दिया था. आज हर स्टेट के लोग मुझे जानते हैं, तो इसका क्रेडिट बिग बॉस को तो जाता है.

सपना का कहना है कि बिग बॉस में ही उन्हें बोलने का तरीका आया. वो अपना स्टैंड लेने लगीं. इस शो से पता चला कि वो बोल ही नहीं, बल्कि दहाड़ भी सकती हूं. वो बताती हैं कि यहां के लोग मुझे अच्छे नहीं लगे, वो बहुत ही फेक और निगेटिव थे. मेरे लिए वाइब बहुत मैटर करता है. निगेटिव वाइब आता है, तो दूरी बना लेती हूं.

 

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