साल 2014 से रूस और यूक्रेन के बीच चल रही निरंतर लड़ाई अब और भी हिंसात्मक रूप ले चुकी है. दोनों देशों रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की स्थिति बन चुकी है. रूस ने यूक्रेन को तीन तरफ से घेर लिया है, 1.30 लाख सैनिक यूक्रेन की सीमा पर तैनात कर दिए गए हैं. रूस के सैनिकों ने जंग का बिगुल बजाने की पूरी तैयारी कर ली है.
युद्ध का नाम लेते ही दिमाग में भयावह तस्वीरें उभरने लगती है और इससे भी डरावने होते हैं इसके परिणाम. भले ही हम युद्ध के मैदान में इन डरावने नतीजों का गवाह ना बनते हों पर इन हालातों से वाकिफ जरूर हैं. इन्हीं दर्दनाक परिथस्थितियों को बड़े पर्दे पर भी कुछ फिल्मों ने दिखाने की कोशिश की है.
पूर्वी यूक्रेन के डोनबास इलाके में युद्ध के कारण अब तक 13 हजार लोगों से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1.4 मिलियन लोग बेघर हो चुके हैं. यूक्रेन की आवाम के लिए हर एक दिन दशकों के बराबर है जिससे बड़ा हो या बच्चा, हर शख्स को गुजरना पड़ता है. लोगों के दर्द, बेबसी, युद्ध के खत्म होने की आस, मौत का इंतजार, हर तरह की लाचारी को दिखाती कुछ फिल्में यूक्रेन के मूवी प्लेटफॉर्म Takflix पर देखा जा सकता है.
ये आठ फिल्में रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे जंग को दर्शाती है. ये सभी फिल्में Takflix पर उपलब्ध है.
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Cyborgs
सितंबर 2014, यूक्रेन की मिलिट्री वॉलंटियर्स और सैनिकों ने Donetsk Airport को 242 दिनों तक सुरक्षित रखा था. इन जाबांजों के नाम पर 2017 में रिलीज इस फिल्म का नाम 'Cyborgs' रखा गया है. फिल्म में इन सिपाहियों की जांबाजी का जश्न मनाया गया है. यह कहानी युद्ध का आंखों देखा हाल है जिसे एक गवाह ने सुनाया.
Cyborgs में एक्शन सीन्स हैं पर इसका मुख्य विषय यूक्रेन की आवाम है. पांच वॉलंटियर्स, सभी अलग अलग बैकग्रांउड से, क्षतिग्रस्त एयरपोर्ट पर फंस जाते हैं. ये पांचों पूरी हिम्मत के साथ अपने देश को बचाने के लिए लड़ते हैं. हर एक शख्स अलग अलग सामाजिक स्तर और पेशे से हैं. Cyborgs का निर्देशन Akhtem Seitablayev ने किया है.
No Obvious Signs
2018 में रिलीज इस फिल्म की कहानी Oksana नाम की महिला के इर्द-गिर्द घूमती है. Oksana युद्ध से लौटती है पर उसे अभी एक और लड़ाई का सामना करना होता है. उसे पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिस्ऑर्डर (PTSD), पैनिक अटैक्स, युद्ध के भयावह यादों से सामना करना होता है. वह जंग के मैदान से बाहर खुद की पहचान के लिए लड़ती है.
फिल्म में युद्ध के बाद के हालातों पर रोशनी डाली गई है. इसका निर्देशन Alina Gorlova ने किया है.
Bad Roads
Natalia Vozozhbit के निर्देशन में बनी फिल्म बैड रोड्स 2020 में रिलीज हुई थी. Natalia ने चार महीनों तक वॉर जोन में घूम घूमकर सैनिकों और आम नागरिकों की कहानियां इकट्ठा की. और फिर Bad Roads से डायरेक्टोरियल डेब्यू किया. इस फिल्म को वेनिस फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर किया गया था.
बैड रोड्स पांच उपन्यासों का कलेक्शन है, इन सभी में एक बात कॉमन है, स्थान- या तो जंग का मैदान, या कोई शहर या डोनबास इलाका. हर उपन्यास में एक अलग किरदार है, सैनिकों से लेकर पत्रकार तक, कोई आक्रामक है कोई परेशान है.
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Train Kyiv- War
Korniy Grytsiuk के निर्देशन में बनी यह फिल्म 2020 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म में Kyiv से लेकर Kostiantynivka तक ट्रेन के सफर को दिखाया गया है. यह मंजिल वॉर जोन के नजदीक मौजूद एक छोटा सा औद्योगिक (Industrial) शहर है. सफर 12 घंटे का होता है और हर रोज कई लोग युद्ध के मैदान से यह सफर तय करते हैं. इन्हीं लोगों में कई बातें होती है.
अब ये बातें क्या है, ये कौन से लोग हैं, इनकी बातों के क्या मायने हैं, यही फिल्म में दिखाया गया है. अलग अलग विचारों वाला हर शख्स अलग अलग बातें करता है पर सभी की बातें युद्ध की चर्चा पर ही खत्म होती है. भले ही इनके ख्यालात अलग हो पर सभी शांति चाहते हैं.
War Note
2021 में रिलीज फिल्म वॉर नोट का निर्देशन Roman Lyubig ने किया है. यह फिल्म युद्धक्षेत्र में खड़े सैनिकों और वॉलंटियर्स की हर रोज की जिंदगी को दिखाती है. फिल्म में यूक्रेनियन सैनिकों द्वारा लिए गए पर्सनल वीडियोज हैं. वॉर नोट फ्रंटलाइन पर खड़े सिपाहियों के हालात को दिखाती है जो सर्दी-गर्मी हर मौसम में अपने देश के लिए लड़ रहे हैं. इसमें असल भावनाओं, युद्ध के बाद बदली जिंदगी को दिखाता है.
Blindfold
Taras Dron के निर्देशन में बनी यह फिल्म 2020 में रिलीज हुई थी. यह एक स्पोर्ट्स ड्रामा है जिसकी कहानी यूलिया नाम की 25 वर्षीय लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है. यूलिया मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स फाइटर हे जिसने युद्ध में अपने मंगेतर को खो दिया. वो इस गम को भूलना चाहती है पर आसपास के लोग उसे बार-बार वही पुरानी बातें याद दिलाते हैं. कुछ समय बाद जब यूलिया की जिंदगी में एक नया शख्स आता है तब यूलिया अपने एथलेटिक करियर से सन्यास लेकर नई जिंदगी बनाने की ओर बढ़ चलती है. लेकिन एक दिन अचानक यूलिया के मंगेतर की मां को संदेश मिलता है कि उनका बेटा जिंदा है और सर्जरी के लिए पैसों की जरूरत है. यह संदेश यूलिया के लिए एक परीक्षा होती है कि क्या वाकई यूलिया अपने बीते हुए कल को भूल पाएगी या नहीं.
फिल्म की पृष्ठभूमि यूक्रेन के भविष्य पर बनी है जिसमें युद्ध खत्म हो चुका है. हालांकि युद्ध शब्द और इसका ट्रॉमा आज भी वहां जिंदा बचे लोगों में मौजूद है. Blindfold में ये दिखाने की कोशिश की गई है कि कैसे लोग अपनी भावनाओं के साथ समझौता करने को मजबूर होते हैं और कैसे युद्ध के पश्चात इसके खौफनाक परिणाम को स्वीकार करना होता है.
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The Cacophony of the Donbas
1930 में Donbas Symphony नाम की पहली यूक्रेनियन साउंड डॉक्यूमेंट्री बनी थी, जिसमें डोनबास को एक ताकतवर इंडस्ट्रियल इलाके के तौर पर दिखाया गया था. 88 साल बाद 2018 में रिलीज डायरेक्टर Igor Minaiev की फिल्म The Cacophony of the Donbas इस इलाके की सच्चाई को दिखाती है.
क्षेत्र में खनिकों (miners) की दर्दनाक मौत पर रोशनी डालते हुए फिल्म में डोनबास इलाके की सच्ची तस्वीर दिखाई गई है. कहानी रूस के वर्तमान दुष्प्रचार और सोवियत प्रोपागैंडा के बीच संबंध पर भी प्रकाश डालती है.
Unavailable
Lyuba जंग में गए अपने बेटे को कॉल करने की कोशिश करती है पर हर बार उसे फोन पर एक ही आवाज सुनाई देती है. 'The subscriber you are trying to reach is currently not reachable. Please try again later.' आखिरकार Lyuba अपने बेटे को ढूंढने की ठानती है. 2018 में रिलीज इस फिल्म को डायरेक्टर Nikon Romanchenko ने बनाया है.
यह एक शॉर्ट फिल्म है जिसमें युद्ध बेहद जटिल है जिसका सिर्फ आभास है. इस फिल्म को Molodist Kyiv International Film Festival में स्पेशल जूरी अवॉर्ड मिला था.
खून-खराबे, लोगों की मौत, दिल दहला देने वाले सीन्स से भरी इन फिल्मों को देखने के लिए थोड़ी हिम्मत चाहिए, पर अगर यूक्रेन के गंभीर हालात और वहां की हकीकत को जानना है तो ये फिल्में सही जरिया हैं.