संगीत कई बार हमारी जिंदगी में एक Shock Absorber का काम करता है. कलाकारों के लिए तो संगीत एक साधना है, लेकिन कद्रदानों के लिए ये सुकून देने वाली एक आदत है. 77 के दशक में गायक भूपिंदर ने दर्द और अकेलेपन में डूबे रहने वाले हिंदुस्तानियों को अपनी आवाज़ से बहुत सुकून दिया था. 82 साल की उम्र में उनकी सांसें थम चुकी हैं. लेकिन उनकी आवाज़ हमेशा उनके गीतों में गूंजती रहेगी. भूपिंदर सिंह फिल्मों में गा रहे थे, लेकिन वो गिटारिस्ट भी थे. देखें जब भूपिंदर सिंह ने बजाया था पहला सोलो गिटार.
In the 77's, Veteran singer Bhupinder Singh gave a lot of comfort to the Indians who were immersed in pain and loneliness with his voice. At the age of 82, he took his last breath. But his voice will always resonate in his songs.