डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम इंसा की फिल्म लगातार विवादों में बनी रही. कभी सेंसर बोर्ड ने MSG 'द
मैसेंजर' को रिलीज की मंजूरी देने से इंकार कर दिया था. कई संगठनों द्वारा इस फिल्म पर रोक लाने की मांग की जा
रही थी. उनके मुताबिक फिल्म में संत राम रहीम सिंह को भगवान के तौर पर दिखाया गया है. उन्हें फिल्म में
चमत्कार करते हुए दिखाया गया है. चौंकाने वाली बात है कि इससे पहले सेंसर बोर्ड ऐसी ही कई फिल्मों को पास कर चुका है. और
इन पर कभी विरोध नहीं जताया गया. जानिए कौन सी हैं यह फिल्में:
2003 में बनी हॉलीवुड फिल्म 'ब्रूस एलमाइटी' की भद्दी नकल 'गॉड तुस्सी ग्रेट' हो में एक्टर अमिताभ बच्चन को भगवान दिखाया गया. जबकि फिल्म में सलमान खान के पास दिव्य शक्तियां होती हैं
हालांकि दो सुपरपावर होने के बाद भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह जा गिरी
बॉलीवुड में ऐसी कई फिल्में भी आईं हैं जिनमें बड़ी से बड़ी बीमारी चमत्कारिक ढंग से ठीक होती दिखाईं गईं उनमें से
एक फिल्म थी 'मजबूर'. 1974 में रिलीज हुई इस फिल्म में अमिताभ बच्चन को कैदी दिखाया गया है जिसे ब्रेन ट्यूमर
है. अमिताभ फिल्म में चमत्कारिक रूप से ठीक हो जाते हैं. हालांकि ये भी 1970 में हॉलीवुड फिल्म ज़िग ज़ैग की
नकल है.
राम रहीम सिंह इकलौते दिव्य पुरुष नहीं है, बल्कि बॉलीवुड फिल्मों में कई डॉक्टर भी ऐसी भूमिकाओं में नजर आए
हैं, जिन्होनें अनोखे चमतकार किए हैं. फिल्म 'दीया और तूफान' में डॉक्टर का किरदार निभाने वाले सुरेश ओबरॉय ऑपरेशन के जरिए मरे हुए मिथुन के दिमाग का ट्रांसप्लांट कर एक्ट्रेस मधु के लगा देते हैं. जो बाद में मिथुन की मौत का बदला लेती है.
मिथुन चक्रवर्ती के बेटे की पहली फिल्म 'जिम्मी' में भी मिमोह को ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित दिखाया गया है. इसमें भी मिमोह बेहद बेहद साधारण तरीके से खतरनाक बीमारी से निजात पा लेते हैं.
'हेलो ब्रदर' फिल्म में सलमान खान के दिल को घायल पुलिस वाले अरबाज खान के लगा दिया जाता है और इसके बाद
अरबाज को एक्ट्रेस रानी मुखर्जी से प्यार हो जाता है.
2004 में रिलीज हुई फिल्म 'दिल ने जिसे अपना कहा' में सलमान खान की पत्नी प्रीति जिंटा की मौत हो जाती है और
उसका दिल भूमिका चावला को लगा दिया जाता है. इसके बाद भूमिका, सलमान से प्यार करने लगती है.