शाहरुख खान और काजोल की फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' जब रिलीज हुई थी तो इसने बॉलीवुड में कई रिकॉर्ड तोड़ डाले. राज और सिमरन की लव स्टोरी ने यंगस्टर्स को प्यार करना सिखाया और साथ ही घरवालों को मनाना भी. 20 अक्टूबर 1995 को रिलीज हुई ये फिल्म दिसंबर में अपने 1000 सप्ताह पूरे करने वाली है. फिल्म ने हमें ऐसे 10 सबक सिखाए जो आज भी यंगस्टर्स फॉलो करते हैं.
बजाना तो आना ही चाहिए बॉस...
दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे में राज मेंडोलिन बजाते नजर आते हैं और उनकी इस अदा पर सिमरन अपना दिल हार जाती है. इस फिल्म ने हमें सिखाया कि भारत की लड़कियां अव्वल दर्जे की संगीत प्रेमी होती हैं और अगर उन्हें पटाना है तो आपको कुछ तो बजाना आना ही चाहिए...
नशे में भी लड़की की इज्जत पर न डालें हाथ...
यूरोप की ट्रिप हो, जवान लड़का लड़की दोनों शराब के नशे में हों और साथ ही होटल में रुके हों लेकिन लड़का इतना शरीफ हो कि लड़की की इज्जत पर हाथ ना डाले. सिमरन यूरोप ट्रिप पर राज के साथ अकेले रुक भले जाती हो लेकिन उसे भी सबसे बड़ा डर अपनी वर्जिनिटी बनाए रखने का ही होता है. तो लड़कों के लिए यह था डीडीएलजे सबक नंबर टू...
'पॉप्स' की चाहत लेकिन मिलते हैं 'बाऊजी'
फिल्म में दो बाप हैं, एक राज के सुपर कूल पॉप्स और दूसरे सिमरन के खड़ूस बाऊजी. पॉप्स के लिए अपने बेटे की खुशी सबकुछ है और वो बेटे के फेल होने पर भी नाराज नहीं होता, वहीं बाऊजी के लिए संस्कार, समाज और घर की इज्जत से बढ़कर कुछ नहीं है. पॉप्स में देश के यंगस्टर्स को खुद के पिता नजर आए लेकिन ट्रैजडी ये रही कि पॉप्स की जगह ज्यादातर युवाओं को बाऊजी जैसे पिता ही नसीब हुए....
पलट कहना बन गया ट्रेंड...
फिल्म में सिमरन जाती है और राज कहता है कि अगर ये तुझसे प्यार करती है तो पलट कर जरूर देखेगी. और वो धीरे-धीरे बोलता रहता पलट... पलट... डीडीएलजे के जमाने से लड़कों ने पलट का सबक तो गांठ बांध लिया और लड़की पटाने के नुस्खों में इसको शुमार कर लिया.
सरसों के खेत में प्यार...
फिल्म इंडस्ट्री हो या उस दौर के यंगस्टर्स सबने सरसों के खेत में प्यार से बड़ा सबक लिया. सरसों के खेत में खाद, कीचड़ को भूलकर राज और सिमरन एक-दूसरे से लिपट गए. हालांकि सरसों के खेत का प्यार 'देव डी' फिल्म आते-आते थोड़ा मॉडीफाइड हो गया और फिल्म की हिरोइन सरसों के खेत में गद्दा लेकर पहुंच गई.
करवाचौथ का फंडा...
ऐसा नहीं है कि डीडीएलजे से पहले लोग करवाचौथ नहीं मनाते थे. लेकिन करवाचौथ को फिल्मी बनाने का श्रेय तो इसी फिल्म को जाता है. सिमरन करवाचौथ रखती है और राज के हाथों पानी पीकर ही इसे तोड़ती है. करवाचौथ इस फिल्म से लिया गया अहम सबक है...
बाऊजी को पटाना है तो बाऊजी जैसे बन जाओ...
फिल्म में सिमरन के बाऊजी को पटाने के लिए राज कई हथकंडे अपनाता है. इनमें से एक उनके शौक को अपना शौक बना लेना भी था. बाऊजी चिड़ियों को दाना डालते हैं तो राज भी उनके साथ उनके जैसे कपड़े पहनकर ऐसा करता है. इस सीन को भी यंगस्टर्स ने सबक के तौर पर लिया.
लड़की को पटाने के लिए उसकी छोटी बहन को दो गिफ्ट...
अब ये सबक तो सबसे जरूरी है. लड़की पटी पटाई है लेकिन उसके दिल में अपने लिए और जगह बनानी है तो उसकी छोटी बहन या बेस्ट फ्रेंड के लिए गिफ्ट ले जाओ. राज इस फिल्म में सिमरन की छोटी बहन छुटकी के लिए गिफ्ट लेकर जाता है.
कड़क मिजाज बाप को देर से आती है अकल!
फिल्म में सिमरन के बाऊजी बने अमरीश पुरी को शुरू से कड़क मिजाज बाप दिखाया गया है जो प्यार व्यार के खिलाफ है. सिमरन की शादी अपने दोस्त के बेटे से तय कर दी और उससे पूछा भी नहीं. लेकिन फिल्म के अंत में बाऊजी को अकल आती है और वो सिमरन से कहते हैं, 'जा सिमरन जी ले अपनी जिंदगी' फिल्म का ये डायलॉग तो सबसे बड़ा सबक बन गया.
ट्रेन के दरवाजे पर लटकना सीख गया हर 'राज'
डीडीएलजे फिल्म जब रिलीज हुई, उसके बाद हर लड़का खुद को राज समझने लगा. फिल्म का जादू ऐसा चला कि हर राज ट्रेन के दरवाजे से लटकना सीख गया. इसी आस में कि कब कोई सिमरन ट्रेन पकड़ने के लिए उसे अपना हाथ दे दे. ये सबक तो लोगों के सिर ऐसा चढ़ा कि लोग इस तरह के पोज देकर फोटो भी क्लिक कराने लगे और इसे डीडीएलजे पोज के नाम से मशहूर कर दिया...