उन 'ज्ञानी' पुरुषों से बचिए जो लड़कियों के बारे में कुछ स्थायी
धारणाएं पाल लेते हैं और फिर उन शगूफों के प्रचार में जुट जाते हैं.
लड़कियां क्या सोचती हैं, क्या चाहती हैं, कैसे हंसती हैं, क्या
खाती-पीती हैं, सब का ठेका इन्हीं ज्ञानियों के जिम्मे है. लड़कियों के
बारे में लड़के और खुद लड़कियां भी ये 'स्टीरियोटाइप' जेहन में बैठा
लेते हैं और उसे पत्थर की लकीर समझने लगते हैं. प्रेमियों के प्रेमी
बाबा टिनटिन का मानना है कि नए दौर में इस बैगेज को पीछे छोड़े
जाने की जरूरत है.
गोलगप्पे, चटर-पटर: जिंदगी का मजा खट्टे में है और इस तरह
से जिंदगी का खट्टेपन के साथ मजा लेते हुए सबसे ज्यादा लड़कियां
देखी जाती हैं. ये मानने वाले खुद की जुबां के उस स्वाद को भूल
जाते हैं, जब शादी के पंडाल में घुसते ही वो गोलगप्पे, भल्ले का पत्ता
उठा लेते हैं.
शॉपिंग, शॉपिंग, शॉपिंग: टेंशन कम करने से लेकर ब्वॉयफ्रेंड के
साथ लड़कियों की सबसे बड़ी जरूरत शॉपिंग को समझा जाता है.
लड़कियों के हाथों में राशन के झोले की तरह लटकते हुए शॉपिंग बैग्स
को उनकी पहचान से जोड़ लिया जाता है. पर दिल पर हाथ रखकर
लड़कों को ये भी याद करना होगा कि उनके लिए सबसे प्यारी शर्ट,
जीन्स किसी लड़की ने ही खरीदी होगी.
लड़की का कुक होना जरूरी: मर्द के दिल का रास्ता पेट से होकर
गुजरता है और दिल तक पहुंचने का काम लड़की को करना है तो उसे
खाना बनाना जरूरी है. अगर लड़की खाना नहीं बनाना जानती है तो
इसे उसकी बचपन की गलतियों में शुमार कर लिया जाता है. पर
लड़के ये नहीं सोचते कि क्या मैगी के अलावा उनको भी कुछ बनाना
आता है.
रोती बहुत हो: सुंदरता और भावुकता का संबंध होता है. शायद
इसीलिए ज्यादातर लड़कियों के बारे में कहा जाता है कि लड़कियां रोती
बहुत हैं. और वही रोने वाली लड़की अगर रिलेशनशिप तोड़ने की बात
कह दे, तो लड़के खुद भी निरुपा रॉय की तरह आंसू बहाने लगते हैं.
बोलती बहुत है यार: अगर आपको लगता है कि हर लड़की बोलने
वाली होती है तो इसका एक ही मतलब है कि चुप रहने वाली या
संतुलित मात्रा में बोलने वाली कन्याओं से आपका पाला नहीं पड़ा है.
ऐसी लड़कियां भी हैं जो जानती हैं कि उन्हें कब, कहां और कितना
बोलना है.
आओ बहन चुगली करें: घरों की बालकनी से लटकते हुए या फिर
बीच क्लास में अकसर लड़कियां समाजिक मुद्दों पर चर्चा करती हुई
देखी जाती हैं, जिसे दुनिया ने चुगली का नाम दिया है. ऐसे में हमें
उन लड़कियों की भी नहीं भूलना चाहिए जो मन में अपने दुख समेटे
रहती हैं.
पिंक मतलब लड़की: गुलाबी गालों को गुलाबी पोशाक से जोड़कर
देखने वालों का मानना है कि लड़कियों का पसंदीदा रंग गुलाबी होता
है. हिंदी फिल्मों और आर्चीज गैलरी का इसमें खासा योगदान है. पर
गुलाबी रंग के फेर में आप अपनी प्रियतमा को काले रंग की खूबसूरत
ड्रेस में देखकर भी लार टपका देते हैं.
राजनीति में हाथ टाइट: आलिया भट्ट के राष्ट्रपति का नाम न बता
पाने की अपार सफलता के बाद और पहले भी लड़कियों का राजनीति
से जुड़ी बातों में हाथ टाइट समझा जाता है. लेकिन ऐसे वक्त में हम
मलाला यूसफजई की समझ और संयुक्त राष्ट्र में लखनऊ के स्कूल की
युगरत्ना श्रीवास्तव का ग्रीन क्लाइमेट पर दिया भाषण भूल जाते हैं.
प्रपोज करने में गरीब: प्यार का इजहार करने का दायित्व लड़कों
के जिम्मे ही होता है. लड़कियों का आमतौर पर कहा जाने वाला कटु
कथन कि लड़कियां प्रपोज कैसे कर सकती हैं. कोई इस पर भी ध्यान
दो भाई कि तुम्हारे एक बार प्रपोज करने के बाद रिश्ते को लंबे वक्त
तक चलाने और बालक जैसे हठ को झेलने का काम भी तो लड़कियां
ही करती हैं.
ड्राइविंग में लुप-लुप: धूम फिल्मों से प्रेरणा लेने वाले लोग लड़कियों
को ड्राइविंग में बेहतर नहीं मानते हैं. पर ऐसे में हम सुनीता
विलियम्स और कल्पना चावला की अंतरिक्ष की यात्रा को भूला देते हैं.
श्रृंगार का रिप्ले: अपनी चांद सी सूरत बार-बार देखने पर भी
लड़कियों को चिढ़ाया जाता है. लेकिन ऐसी भी बहुत सी लड़की हैं, जो
बिना मेकअप अपनी मासूम मुस्कान से कड़ी धूप में भी बारिश जैसी
ठंडक देने का बूता रखती हैं.
आज नकद कल उधार: लड़कियां होटल, रेस्टॉरेंट में बिल का
भुगतान करने से बचती है. जिसकी वजह से सारा भार नर पक्ष पर
आ जाता है, अगर आप भी ऐसा सोचते हैं, तो अपने घर की तरफ
रुख कीजिए, जब आप अपनी बहन या सबसे अच्छी दोस्त से पैसे
मांगते हैं. लड़कियां पैसे बचाती हैं तो आपको ही देती हैं.
आई लव दिस टैडी, चॉकलेट: गले से चिपकाकर, सिरहाने नानी
मां की तरह टैडी रखना हर लड़की को पसंद है. अब तो जाहिल से
जाहिल लड़का ये कहने लगा है कि किसी लड़की को खुश करने का
रास्ता टैडी और चॉकलेट है. लेकिन खुद सिगरेट पीने के बाद खाई
जाने वाली सेंट्राफ्रेश को भूल जाते हैं.
संवरने में वक्त: पूरा चांद भी 30 दिन बाद दिखता है. लेकिन
लड़कियों के तैयार होने में लगने वाले मामूली तीन-चार घंटों को
जालिम दुनिया सजने में ज्यादा वक्त से जोड़कर देखती है. पर उन्ही
लड़कियों की खूबसूरती की वजह से दोस्तों में अपनी जमाई धाक को
कोई जोड़कर नहीं देखता.
नॉनवेज जोक्स: लड़कियों को नॉनवेज जोक्स पसंद नहीं हैं और
बहुत से लड़के नॉनवेज जोक्स को अपनी प्रॉपर्टी समझने लगते हैं और
मानते हैं कि लड़कियां बहुत नाजुक होती हैं. लेकिन ऐसे लोगों को ये समझ लेना चाहिए कि नॉनवेज जोक्स पर किसी का कॉपीराइट नहीं है.
प्यार नहीं पैसा: मुझे प्यार नहीं पैसा चाहिए. लड़कियों के बारे में
कहा जाता है कि सभी लड़कियों को पैसे वाले लड़के से ही शादी करनी
है. ऐसे में बीपीएल से नीचे वाले लड़कों से मेरा बस एक सवाल है कि
क्या आप भी एक अच्छे पैकेज में नौकरी नहीं चाहते हैं.