दक्षिण मुंबई स्थित राज्य सचिवालय के चौथे तल पर मंत्रालय भवन में गुरुवार की दोपहर भीषण आग लग गई.
अग्निशमन विभाग के सूत्रों ने कहा कि राकांपा के मंत्री बबनराव पचपुते के कार्यालय में आग लगी.
अग्निशमन विभाग के सूत्रों ने कहा कि घटनास्थल के लिए छह अग्निशमन दस्ते रवाना हुए हैं.
आग में अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
महाराष्ट्र के मुख्य सचिव ने पूरे भवन को तुरंत खाली करने के निर्देश दिए.
आग छठे तल पर स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय तक फैल गई है.
चौथे तल का धुआं भवन के दो उपरी तलों तक पहुंच गया है.
आग लगने की खबर के तुरंत बाद भवन को खाली करा लिया गया लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार शार्ट सर्किट के कारण आग लगी.
कुछ लोग धुंए के कारण बेहोश हो गए.
चौथी मंजिल से छठी मंजिल तक पहुंच गई आग.
मुख्यमंत्री के दफ्तर में भी आग लग गई.
मुख्यमंत्री का दफ्तर मंत्रालय के छठी मंजिल पर स्थित है.
लोग खुद को बचाने के लिए बिल्डिंग की पाईप के जरिए भी बाहर निकलने की कोशिश करते देखे गए.
आग बुझाने के लिए दमकलकर्मी मौके पर पहुंच गए हैं.
मुंबई के मंत्रालय में लगी आग में चार पुलिसवालों समेत 6 लोग जख्मी हुए हैं. इनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है.
आग की लपटों को देखकर अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं था कि आग कितनी भीषण लगी थी. वहां आसमान काले धुएं से भर गया और इमारत से लगातार निकल रही थीं आग की लपटें.
आग मुंबई के सबसे ताकतवर इमारत में लगी. ताकतवार इसलिए क्योंकि यहां सूबे के सीएम से लेकर तमाम मंत्रियों और सचिवों का दफ्तर है.
दोपहर दो बजकर पचास मिनट पर मुंबई के मंत्रालय की तीसरी मंजिल पर ट्राइबल मिनिस्ट्री में चिन्गारी उठी. लेकिन इससे पहले कि मामले की गंभीरता कोई समझ पाता आग विकराल हो उठी और तीसरी-पांचवीं, छठी मंजिल से नीचे उतरने का रास्ता बंद हो चुका था.
दोपहर 03.05 बजे
आग लगने के पंद्रह मिनट के अंदर फायर ब्रिगेड की गाड़ियों का सायरन गूंजने लगा और आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियों के साथ-साथ जवान भी तैनात हो गए. आपको बता दें कि इसी बिल्डिंग में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का छठी मंजिल पर दफ्तर है और आग लगी तो वो भी इसमें फंस गए.
दोपहर 03.05 बजे
फायर ब्रिगेड ने रस्सियों के सहारे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और लोगों को बिल्डिंग से निकाला जाने लगा. जबकि इसके साथ ही जारी था आग बुझाने का काम.
दोपहर 04.00 बजे
फायर ब्रिगेड की एक घंटे तक लगातार कोशिशों के बावजूद आग काबू में नहीं आई और तीसरी मंजिल की आग से चौथा-पांचवा फ्लोर भी धधक उठा.
शाम 04.56 बजे
आखिर आग लगने के करीब एक घंटे से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद मंत्रालय भवन पर नेवी का हेलिकॉप्टर मंडराने लगा. जवानों ने मंत्रालय के छत पर चप्पे-चप्पे का जायजा लिया. लेकिन शुक्र था कि कोई इंसान छत पर नहीं फंसा था. जबकि मौके पर मारकोस और रैपिड एक्शन फोर्स को भी रेस्क्यू के लिए बुला लिया गया.
आदिवासी विकास मंत्री बाबन राव पचपुते के मुताबिक तीसरी मंजिल पर आग भड़कते ही एयरकंडिशनर में ब्लास्ट शुरू हो गया. वो अपने दफ्तर से भागे. अपने सहयोगी कैबिनेट मंत्री जयंत पाटिल को तीसरी मंजिल से साथ में लिया और बिल्डिंग से बाहर निकल आए.
बीस मिनट के अंदर मंत्रालय का अधिकतर हिस्सा आग की लपटों से घिर चुका था. शक था कि आग से बचने के लिए कुछ लोग छत पर छिपे हो सकते हैं.
आग लगने के तीन घंटे बाद फायर ब्रिगेड ने राहत भरी खबर दी.
तीन घंटे बाद फायर ब्रिगेड ने राहत भरी खबर दी. तीसरी, चौथी, पांचवी मंजिल पर आग पर कुछ हद तक काबू पा लिया गया.
आग की शुरुआत हुई मंत्रालय की चौथी मंजिल पर बने जनजाति विकास मंत्री बाबन राव पचपुते के दफ्तर से. बाबन राव पचपुते एनसीपी कोटे से मंत्री हैं.
जैसे जैसे आग फैली वैसे वैसे आग की खबर फैली पूरे मंत्रालय़ में हड़कंप मच गया.
लोगों में इमारत से बाहर निकलने की होड़ लग गई. जिसको जैसे रास्ता मिला- जान बचाने की कोशिश करने लगा.
चौथी से छठी मंजिल तक लगी आग.
धू-धू कर जल उठी मंत्रालय की ईमारत.
फायर ब्रिगेड मंत्रालय से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर है लेकिन उसे पहुंचने में भी देर हुई.
उप-मुख्यमंत्री का भी दफ्तर छठी मंजिल पर है.
आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया गया.
आग बुझाने के लिए दमकल की 16 गाड़ियां मौके पर पहुंच गई.
आग लगने के बाद मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान भी मौके पर तुरंत पहुंच गए.
एंबुलेस की 6 गाड़ियां भी मौके पर मौजूद थीं.
किसी भी राज्य का आईना माना जाता है मंत्रालय. लेकिन मंत्रालय में ही आग बुझाने के इंतजाम इतने नाकाफी कैसे हो सकते हैं. ये ही वजह है कि मुंबई में मंत्रालय की चौथी मंजिल से भड़की आग में साजिश की बू नजर आने लगी है.
आशंका है कि चौथी मंजिल पर रखी आदर्श और लवासा घोटाले की फाइलें खाक हो गई हैं. उधर सीबीआई सूत्रों ने आदर्श की फाइलों को सुरक्षित बताया है.
इस आग ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं:
मंत्रालय के दस्तावेजों का क्या हुआ?
आग में कौन से अहम दस्तावेज हुए खाक?
कहीं खाक तो नहीं हुए आदर्श घोटाले के सबूत?
आग की लपटों ने बख्श दी लवासा की फाइलें?
मंत्रालय की इस इमारत की चौथी मंजिल से भड़की आग बहुत कुछ कहती है. जिस कमरे से ये आग भड़की है, वो जनजाति विकास मंत्री बाबन राव पचपुते के दफ्तर की है. और चौथे मंजिल पर ही है शहरी विकास मंत्रालय. इस बिल्डिंग के पांचवें मंजिल पर है चीफ सेक्रेटरी का दफ्तर और छठे मंजिल पर मुख्यमंत्री का दफ्तर है.
मंत्रालय की चौथी मंजिल के पूरी तरह से खाक होने के बाद सवाल उठने लगे हैं साजिश के. चौथी मंजिल पर ही शहरी विकास मंत्रालय था और बताया जा रहा है कि शहरी विकास मंत्रालय के दफ्तर में दो अहम घोटालों की फाइलें रखी थी. एक है मुंबई का आदर्श सोसाइटी घोटाला और दूसरा है पुणे की पहाड़ियों पर लवासा टाउनशिप का विवाद. बहुत मुमकिन है कि इसी आग में दोनों ही घोटालों की फाइलें जलकर खाक हो चुकी हैं.
इस आशंका को और मजबूत कर रही है मंत्रालय में आग बुझाने के उपायों में की गई घोर लापरवाही. एक राज्य की सबसे अहम इमारत होने के बावजूद मंत्रालय में आग बुझाने के सामान्य उपाय भी नहीं दिखे. चश्मदीदों के मुताबिक जो लोग जान बचाने के लिए छत पर चढ़ गए थे. उनके उतरने का रास्ता तक नहीं मिला और फायर ब्रिगेड के कर्मचारी आग बुझाने ऊपर चढ़े तो ऊपर ही फंस गए. कुछ ही महीने पहले गृह सचिव ने मंत्रालय की सुरक्षा का जायजा लिया था और सुरक्षा के लिहाज से 18 मामलों पर चर्चा की गई थी. लेकिन इसके बाद तैयार हुई रिपोर्ट सिर्फ कागजों में ही रह गई और अब मंत्रालय में लगी आग ने सरकार की नीयत को सवालों के घेरे में ला दिया है.