असम के लोकसंगीत के माध्यम से हिंदी फिल्मों में जादुई असर पैदा करने वाले ब्रह्मपुत्र के कवि भूपेन हजारिका ने दिल हूम हूम करे और ओ गंगा बहती हो में अपनी विलक्षण आवाज से भी लाखों लोगों को अपना प्रशंसक बना लिया.
पेशे से कवि, संगीतकार, गायक, अभिनेता, पत्रकार, लेखक, निर्माता और स्वघोषित यायावर हजारिका ने असम की समृद्ध लोक संस्कृति को गीतों के माध्यम से पूरी दुनिया में पहुंचाया.
उनके निधन के साथ ही देश ने संस्कृति के क्षेत्र की एक ऐसी शख्सियत खो दी, जो ढाका से लेकर गुवाहाटी तक में एक समान लोकप्रिय थी.
भूपेन की गायकी से जुडा एक मजेदार वाक्या है. एक बार उन्हें कॉलेज में आए नए विद्यार्थियों के लिए रखे गए स्वागत समारोह में एक भाषण पढ़ना था. भूपेन के पिता ने उन्हें वो भाषण लिख कर भी दिया था. लेकिन स्टेज पर आते ही भूपेन वह भाषण भूल गए और वहां उन्होंने एक गाना सुनाया.
1993 में असोम साहित्य सभा के अध्यक्ष भी रहे.
भूपेन हजारिका ने न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की.
भूपेन ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया. वहां से उन्होंने 1946 में राजनीति विज्ञान में एम ए किया.
भूपेन हजारिका ने 1942 में गुवाहाटी के कॉटन कॉलेज से इंटरमीडिएट किया.
बहुमुखी प्रतिभा के धनी भूपने हजारिका ने केवल 13 साल 9 महीने की उम्र में मैट्रिक की परीक्षा तेजपुर से की और आगे की पढ़ाई के लिए गुवाहाटी के कॉटन कॉलेज में दाखिला लिया. यहां उन्होंने अपने मामा के घर में रह कर पढ़ाई की.
‘गांधी टू हिटलर’ फिल्म में महात्मा गांधी के प्रसिद्ध भजन ‘वैष्णव जन’ को भूपेन हजारिका ने ही अपनी आवाज दी.
भूपेन हजारिका को नेशनल अवॉर्ड एज दि बेस्ट रीजनल फिल्म (1975), पद्म भूषण (2011), असोम रत्न (2009) और संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड (2009) जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है.
छियासी साल के हजारिका को 1992 में सिनेमा जगत के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया.
भूपेन हजारिका ने असमिया भाषा में निर्मित दूसरी फिल्म इंद्रमालती के लिए 1939 में काम किया.
असमिया भाषा की फिल्मों से भी उनका नाता बचपन में ही जुड़ गया था.
बचपन में ही भूपेन हजारिका ने अपना पहला गीत लिखा और दस वर्ष की आयु में उसे गाया भी.
भूपेन हजारिका एक बहुमुखी प्रतिभा संपन्न कलाकार थे.
अद्भुत प्रतिभा वाले इस कलाकार का जन्म 8 सितंबर, 1926 को भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम के सादिया में हुआ.
भूपेन हजारिका ने कविता लेखन, पत्रकारिता, गायन, फिल्म निर्माण आदि अनेक क्षेत्रों में काम किया है.
भूपेन हजारिका को दक्षिण एशिया के श्रेष्ठतम जीवित सांस्कृतिक दूतों में से एक माना जाता है.
भूपेन हजारिका भारत के ऐसे विलक्षण कलाकार है जो अपने गीत खुद लिखते हैं, संगीतबद्ध करते हैं और गाते हैं.