मीडिया ने इस बार असली हीरो को पहचानने में थोड़ी देर लगाई लेकिन नतीजों से कुछ दिन पहले अखिलेश ने हवा का रूप लेना शुरू कर दिया था. पहले खबरें उसके बाद इंटरव्यू और फिर अखिलेश पर अलग-अलग पैकेज बनने लगे.
यूपी के इस युवा चेहरे ने कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी तक की हवा निकाल दी.
कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने लोहिया के विचारों की इस पार्टी को बदलने का बीड़ा उठाया.
अंग्रेजी और कंम्प्यूटर से बैर करने वाली सपा ने अपने घोषणा पत्र में इनको ना केवल तरजीह दी बल्कि छात्रों को मुफ्त लैपटॉप देने का वादा भी किया.
मुलायम के इकलौते बेटे अखिलेश की पढ़ाई धौलपुर मिलिट्री स्कूल से हुई.
मैसूर के श्री जयचमराजेंद्र कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इंजीनियरिंग करने वाले 38 वर्षीय अखिलेश ने पूरे प्रचार के दौरान संयमित भाषा का प्रयोग किया.
इटावा के सैफई में पैदा होने वाले अखिलेश ने जीत के बाद राहुल के मेहनत पर उन्हें बधाई भी दी और कहा कि राजनीति में जीत-हार का खेल चलता रहता है.
अखिलेश यादव ने जीत की खुशी पर बोलते हुए कहा कि जनता ने हमें जाति-धर्म से ऊपर उठकर वोट दिया.
अखिलेश का कहना है कि लोगों को रोजगार देने के लिए उद्योग कारखाने लगाने वाले उद्योगपतियों का स्वागत किया जाएगा.
यूपी का विधानसभा चुनाव जीतने के असल नायक हैं अखिलेश यादव.
ये जमाना भी कुछ और था...जया प्रदा सपा में हुआ करतीं थी और अखिलेश सबसे किनारे खड़ा रहा करते थे.
फुरसत के पल में अखिलेश यादव.
अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि सत्ता में आने पर पार्टी अपने घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करने की जिम्मेदारी निभाएगी.
समाजवादियों की लाल टोपी ही लोहिया की पार्टी की पहचान है.
अखिलेश यादव ने मतगणना में पार्टी को मिले भारी बढ़त के लिए सूबे की जनता को धन्यवाद दिया. उन्होंने इस जीत का श्रेय पार्टी कार्यकर्ताओं को दिया और कहा कि चुनाव नतीजे के बाद पार्टी के विधायक दल की बैठक का समय मुलायम सिंह यादव तय करेंगे.
भारी भीड़ को संबोधित करते अखिलेश यादव.
सपा के कद्दावर नेता आजम खान को लाल टोपी सौंपते अखिलेश.
नेताजी के साथ आजम खान और मुलयाम सिंह यादव. पीछे कार्यकर्ताओं की भारी भीड़.
अपने विशेष रथ से हाथ हिलकार लोगों को संबोधित करते अखिलेश यादव.
अपने विशेष रथ में अपनी बड़ी बेटी के साथ अखिलेश यादव.
प्रचार के दौरान लोगों के हूजूम को संबोधित करते अखिलेश यादव.
बेटी और पिता के प्यार को दिखाती यह तस्वीर.
अखिलेश यादव अपने फोन और लोगों के बीच संतुलन बनाते हुए.
सीएम के सवाल पर उन्होंने कहा कि पूरी पार्टी और कार्यकर्ता चाहते हैं कि मुलायम सिंह यादव ही मुख्यमंत्री बनें.
मुलायम सिंह यादव को नई तकनीक से रूबरू कराते अखिलेश यादव.
अखिलेश का एक खास अंदाज है. करीब करीब हमेशा सफेद कुर्ते के ऊपर अचकन पहनते हैं.
अखिलेश यादव अपने सहयोगी के साथ संसद भवन के प्रांगण में.
अखिलेश ने कहा कि सपा की सरकार में न तो किसी हाथी की मूर्ति को छेड़ा जाएगा और न ही मुख्यमंत्री मायावती की किसी मूर्ति को तोड़ा जाएगा.
बीजेपी के सांसद मुख्तार अब्बास नकवी के साथ हाथ मिलाते अखिलेश यादव.
साइकिल के साथ फोटोशूट कराते अखिलेश यादव.
अखिलेश ने कहा कि सपा बदले की भावना के तहत कार्रवाई नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि अगर पार्को और स्मारकों की खाली पड़ी जगह में शिक्षण संस्थान खुल जाएं तो इससे लोगों को फायदा होगा.
संसद भवन में टीवी पत्रकारों से मुखातिब होते हुए अखिलेश यादव.
पिछली विधानसभा चुनाव के समय जब बसपा को पूर्ण बहुमत मिली थी तब अखिलेश ने नादानीवश कह दिया था कि मायावती की इस सोशल इंजीनियरिंग का कोई तोड़ नहीं है.
लखनऊ दफ्तर में आराम फरमाते अखिलेश यादव.
सत्तारूढ़ बसपा की संभावित पराजय के बारे में यादव ने कहा कि जो हार गए, उनके बारे में क्या कहें, वे खुद स्वीकार कर रहे हैं. प्रदेश की जनता ने बसपा को सूबे को खुशहाली के रास्ते पर ले जाने का अच्छा मौका दिया था मगर उसने पत्थर लगवाने पर सारा पैसा लगा दिया.
पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ प्रचार में निकले अखिलेश यादव.
अखिलेश ने दोहराया कि उनकी पार्टी की सरकार बनने पर गुंडागर्दी करने वाले को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा और ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
चाय की चुस्की का आनंद उठाते हुए एक खास अंदाज में अखिलेश यादव.
सपा सूत्रों के अनुवार चुनाव प्रचार की रणनीति बनाने का काम इस बार अखिलेश यादव ने ही किया था.
बीजेपी के मुस्लिम चेहरे शाहनवाज हुसैन से हाथ मिलाते अखिलेश यादव.
बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन के साथ अखिलेश यादव.
अपने साथी सांसदों के साथ अखिलेश यादव.
पत्रकारों का अभिवादन करते हुए अखिलेश यादव.
प्रचार के दौरान अपने प्रशंसकों से मिलते हुए अखिलेश यादव.
साइकिल की सवारी और अपने ब्लैकबेरी पर बात करते अखिलेश यादव.
अपने पिता मुलायम सिंह यादव के साथ मंच पर बैठे अखिलेश यादव.
अखिलेश ने जीत के बाद कहा कि मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ही बनेंगे.
कुर्सी पर आराम फरमाते अखिलेश यादव.
संसद में जाते हुए अखिलेश यादव.
न्यूक्लियर मुद्दे पर कांग्रेस का साथ देने के बाद टीवी पत्रकार से बात करते अखिलेश यादव.
इस जीत के बाद पार्टी सहित अखिलेश का मनोबल काफी ऊंचा होगा, जिससे वह 2014 के आम चुनावों में जमीन पर उतारने की कोशिश करेंगे.
अखिलेश यादव ने अब तक 4 बार लोकसभा का चुनाव जीता है.
बहू डिंपल और बेटे अखिलेश के बीच में खड़े नेताजी.
पार्टी चुनाव चिन्ह साइकिल में सवार होकर प्रचार के लिए निकले अखिलेश यादव.
किसी जमाने में सपा के करीबी रहे अमर सिंह के साथ अखिलेश. अखिलेश आज भी उन्हें चाचा कह कर संबोधित करते हैं.
अखिलेश यादव उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी से हाथ मिलाते हुए.
अपने तीनों बच्चों के साथ अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव.
अखिलेश और डिंपल के तीन बच्चे हैं. अदिति यादव, टीना यादव और अर्जुन यादव.
अखिलेश की पत्नी डिंपल फिरोजाबाद में हुए 2009 के उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार राज बब्बर से हार गई थी.
अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव अपने बेटे अर्जुन के साथ.
उनका कहना है कि समाजवादी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में किसानों और नौजवानों की खुशहाली, अच्छी सड़कों, दवाई और रोजगार के लिए अपने घोषणा पत्र में जो वादा किया है, उसी के कारण बहुमत मिलने जा रहा है.
अखिलेश का कहना है कि जनता ने इतना समर्थन दिया है कि बहुमत की सरकार बनेगी.
अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने पिछले पांच साल लगातार संघर्ष किया, बड़े पैमाने पर कार्यकर्ता सरकार की ओर से अपमानित किए गए. अब परिणाम आने वाले हैं. हमें भरोसा है कि सपा के पक्ष में परिणाम आएंगे और सरकार बनेगी.
1 जुलाई 1973 को जन्में अखिलेश की पढ़ाई सिडनी से हुई है लेकिन विधानसभा प्रचारों के दौरान मीडिया के हर अंग्रेजी सवालों का जवाब वो हिंदी में देते रहे. ये उनकी रणनीति का हिस्सा था.