मोहम्मद रफी पर लिखी गई किताब के लॉन्च के मौके पर महानायक अमिताभ बच्चन ने कहा कि बेहद अद्भुत बात है कि रफी साहब ने बिना किसी तकनीकी मदद के इतना सुरीला गाना गाया.
मोहम्मद रफी पर लिखी गई किताब पर ऑटोग्राफ देते अमिताभ बच्चन.
अमिताभ ने रफी की बहू यासमिन रफी द्वारा लिखी किताब 'मोहम्मद रफी माइ अब्बा- ए मेमोयर' के अनावरण के दौरान रफी की खूब तारीफ की.
अमिताभ ने कहा, जब ऐसे महान काम को देखते हैं जो वह छोड़ गए हैं, हम हैरान रह जाते हैं क्योंकि रफी साहब ने इन गानों को तब पेश किया था जब तकनीक का सहयोग नहीं मिलता था.
अमिताभ ने कहा, आज के संगीत निर्देशकों, तकनीकनीशियनों और गायकों के पास तकनीक उपलब्ध है, आप जरा सा बेसुरा गाते हैं कि तकनीक आपको सुर में ला देती है.
अमिताभ ने रफी की बहुमुखी प्रतिभा पर भी बात की. उनके मुताबिक रफी में अभिनेताओं के मुताबिक अपनी आवाज बदलने की कला थी.
गायक मोहम्मद रफी पर उनकी बहू द्वारा लिखी गई किताब के लॉन्च पर अमिताभ बच्चन.
बिग बी ने कहा कि किसी अभिनेता के लिए गाने से पहले वह पूछा करते थे कि वह किस के लिए गा रहे हैं? तब वह अपनी आवाज बदलते और कुछ और करते थे.
अमिताभ ने कहा चाहे वे शम्मीजी के लिए गा रहे हों या दिलीप कुमार के लिए, आप उन्हें महसूस करते थे कि दिलीप या शम्मी गा रहे हैं. यह ऐसा गुण है जो कुछ पाश्र्व गायकों में देखने को मिलता है.
रफी 'चौदवीं का चांद', 'तेरी आखों के सिवा' और 'तुम जो मिल गए हो' जैसे कई बेहतरीन गाने के लिए जाने जाते हैं.