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मनोरंजन

मुंबई में गांव वालों की ऐसे खातिरदारी करते थे 'डैडी'

मुंबई में गांव वालों की ऐसे खातिरदारी करते थे 'डैडी'
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शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्म फिल्म डैडी में अर्जुन रामपाल अंडरवर्ल्ड डॉन से नेता बने जिस अरुण गवली की भूमिका निभा रहे हैं, उसका मध्यप्रदेश के खंडवा से खास कनेक्शन है. गवली की मां लक्ष्मीबाई खंडवा की रहने वाली हैं. गवली का भी अपने ननिहाल से खास लगाव है. 'डैडी' के ममेरे भाई त्रिलोक यादव ने Aajtak.in को बताया कि गवली का अपने ननिहाल के साथ कैसा रिश्ता है और वो किस तरह से मदद करता रहा है.
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त्रिलोक यादव ने बताया, अरुण गवली मुंबई पहुंचने वालों का खास ख्याल रखता था. अरुण गवली मुझसे 8-10 साल बड़े हैं. उन्होंने बताया, 'वो बचपन में 15-15 दिन तक खंडवा अपने मामा के यहां रुकते थे. हम साथ में क्रिकेट खेलते थे. उन्हें क्रिकेट पसंद है. गवली को ननिहाल से खास लगाव रहा है. जब वे पेरोल पर जेल से रिहा होते हैं तो अपने मामाओं को सबसे पहले मिलने के लिए फोन करते हैं.'

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त्रिलोक ने बताया, जब गवली मुंबई में काफी मशहूर थे, तब वो खंडवा से पहुंचने वाले हर शख्स की बेहतरीन खातिरदारी करते थे. हर किसी को फ्लाइट बुलाते थे और मुफ्त में मुंबई दर्शन कराते थे. गवली के घर का रास्ता मुस्लिम बस्ती से होकर जाता था. यदि कोई बाहर से आने वाला मुस्लिम बस्ती में गवली का पता पूछता था तो दाऊद इब्राहिम से गवली की दुश्मनी के बावजूद वह उसे उसके (गवली) घर तक छोड़ने जाता था.

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गवली के यहां होने वाले पारिवारिक आयोजनों में त्रिलोक यादव अक्सर शामिल होते हैं. मई, 2015 में वे गवली के बेटे महेश की शादी में भी पहुंचे थे. इसमें करीब 750 मेहमान शामिल हुए थे. इस दौरान त्रिलोक यादव गवली की मां से भी मिले थे.
(अरुण गवली के बेटे की शादी में बेटे के साथ त्रिलोक यादव)

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त्रिलोक ने बताया कि गवली की इच्छा अपने समाज के लिए दो करोड़ रुपए देने की है, ताकि गांव में समाज की धर्मशाला बन सके. गवली हर साल एक लाख रुपए समाज के विवाह सम्मेलनों के लिए खर्च करता है. वह कई दूसरी तरह की भी मदद करता है.
(गवली की मां के साथ त्रिलोक यादव)
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