पद्मावती की रिलीज का जमकर विरोध किया जा रहा है. राजपूत करणी सेना ने इसमें तथ्यात्मक
खामियां बताई हैं. फिल्म का चित्तौड़गढ़ में विरोध हुआ है. इस सब को देखते हुए संजय लीला भंसाली
फिल्म से होने वाले नुकसान से भयभीत हैं. बॉम्बे टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, फिल्म का बीमा कराया
गया है. एक यूनिट मेंबर के अनुसार, ये कुल 160 करोड़ रुपए का है.
इस बीमा पॉलिसी के तहत यदि पद्मावती की रिलीज के बाद टिकट बिक्री के दौरान विरोध होता है, या
कोई विवाद, हड़ताल और तोड़फोड़ होती है तो नुकसान की भरपाई की जाएगी.
उधर, जयपुर में सिनेमा हॉल के मालिकों को फिल्म के विरोधियों की धमकियां मिल रही हैं. डिस्ट्रीब्यूटर
राज भंसल के अनुसार, जयपुर में फिल्म का अभी तक कोई डिस्ट्रीब्यूटर नियुक्त नहीं किया गया है.
पद्मावती की रिलीज का विरोध भाजपा नेता उमा भारती, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला और करणी सेना ने किया है. राजपूत समाज का कहना है कि फिल्म की पहले उनके समक्ष स्क्रीनिंग की जाए. करणी सेना के संरक्षक लोकेंद्र सिंह ने कहा है 'पद्मावती के रूप में दीपिका
पादुकोण को नाच-गान करते हुए दिखाने से राजपूत समाज आक्रोशित है. पद्मिनी को अलाउद्दीन की
प्रेमिका के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, लेकिन चित्तौड़गढ के इतिहास को लेकर लिखी गई किताबों
और किवदंतियों में इसका कहीं उल्लेख नहीं है.
केंद्रीय मंत्री उमा भारती भी अब पद्मावती की रिलीज को लेकर चल रहे विवाद में कूद पड़ी हैं. उन्होंने
टि्वटर पर एक खुला खत शेयर किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि अलाउद्दीन खिलजी एक व्यभिचारी
हमलावर था. उसकी बुरी नजर पद्मावती पर थी.
उधर, दूसरी ओर चुनाव आयोग ने उस मांग को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि गुजरात में विधानसभा चुनाव के चलते फिल्म पद्मावती की रिलीज पर रोक लगाई जाए या इसे आगे बढाया जाए. ये मांग भाजपा की प्रदेश ईकाई ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर की थी. टीवी रिपोर्ट्स के अनुसार, चुनाव आयोग ने संजय लीला भंसाली की इस फिल्म पर बैन लगाने या इसकी रिलीज को आगे बढ़ाने से इंकार किया है.