अमेरिका में ब्लैक लाइव्स मैटर के बाद भारत में भी इसे लेकर चर्चा का दौर चला. इसी दौरान शुक्रवार को फेयर एंड लवली कंपनी अपने ब्रांड से फेयर यानी कि गोरापन शब्द हटाने के बारे में कहा. इस खबर के बाद कई लोगों ने अपनी त्वचा के रंग, सांवलेपन को लेकर बातें की. एक्ट्रेस बिपाशा बसु ने भी सांवलेपन को लेकर एक पोस्ट लिखा और बताया कि इस वजह से उन्हें बचपन से लेकर आजतक क्या कुछ सुनना-सहना पड़ा.
बिपाशा बसु ने इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा, 'जब मैं बड़ी हो रही थी तो एक बात हमेशा सुनती थी. 'बोनी सोनी से ज्यादा सांवली है, वो काफी सांवली-काली है ना?' हालांकि मेरी मां भी सांवली सुंदरता वाली हैं और मैं काफी हद तक उनकी तरह ही दिखती हूं. लेकिन मैं ये कभी समझ नहीं पाई कि जब मैं बच्ची थी तो मेरी दूर के रिश्तेदारों में शरीर के रंग को लेकर ये चर्चाएं क्यों हुआ करती थीं?'
उन्होंने कहा,'जैसे ही मैं 15-16 साल की हुई मैंने मॉडलिंग शुरू कर दी और सुपरमॉडल का खिताब भी जीत लिया. सभी न्यूजपेपर में यही छपा- कोलकाता की सांवली लड़की (डस्की लड़की) बनी विजेता. मुझे फिर इस बात का बुरा लगा कि आखिर मुझे ऐसे नामों, विशेषणों से क्यों संबोधित किया जा रहा है.'
बिपाशा ने कहा, 'इसके बाद मैं न्यूयॉर्क, पेरिस गई अपने मॉडिलंग के कामकाज के सिलसिले में और वहां मुझे एहसास हुआ कि वहां मेरा रंग काफी उत्तेजक था और मुझे ज्यादा काम और अटेंशन मिली. मेरे शरीर के रंग को लेकर ये मेरी एक अलग खोज थी जो वहां पता चली.'
बिपाशा बसु ने कहा,'एक बार फिर मैं भारत वापस आ गई और फिल्मों के ऑफर आने शुरू हो गए...फिर मैंने अपनी पहली फिल्म की, अजनबी के साथ मैंने इस हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की अजनबी दुनिया में कदम रखा. मुझे सबने स्वीकार किया और प्यार दिया, लेकिन मेरे साथ वे डस्की वाला संबोधन हमेशा ही जुड़ा रहा. हालांकि, तब तक मैं अपने सांवलेपन से प्यार करने लगी थी. डस्की गर्ल पहली ही फिल्म में दर्शकों को अच्छी लगी.'
उन्होंने कहा,'इसके बाद जो आर्टिकल्स छपते थे उनमें ज्यादातर में मेरे सांवलेपन के बारे में ज्यादा चर्चा होती थी. इसे मेरी सेक्स अपील से भी जोड़ दिया गया. और इस बात को बॉलीवुड में बड़े पैमान पर स्वीकार किया जाने लगा. हालांकि मुझे कभी ये समझ नहीं आया. मेरे हिसाब से सेक्सी होना एक पर्सनाल्टी है, ये सिर्फ आपकी त्वचा का रंग भर नहीं है.'
'क्यों उस वक्त की एक्ट्रेस के बीच मुझे मेरे शरीर के रंग के कारण अलग रखा
गया. लेकिन यह इसी तरह से था. मुझे हमेशा इसमें कुछ ज्यादा अंतर नजर नहीं
आया लेकिन उम्मीद है कि लोगों ने देखा. सुंदरता को लेकर बहुत ही कड़े विचार
थे कि एक एक्ट्रेस को कैसे दिखना चाहिए और कैसे बिहेव करना चाहिए. उस वक्त
मुझे काफी डिफरेंट रखा गया था. हालांकि, ये सब मुझे कभी वो करने से नहीं
रोक पाया जो मैं करना चाहती थी.'
राज जैसी शानदार फिल्म देने वाली बिपाशा ने कहा,'मैं हमेशा से ही विश्वास से भरी थी और बचपन से ही मुझे अपने आप पर गर्व था. मेरे शरीर का रंग मुझे डिफाइन नहीं कर सकता, हालांकि, मैं इससे प्यार करती हूं और इसमें कोई अंतर नहीं चाहती फिर भी ये रंग मेरी पहचान भर नहीं है. जब मैं 18 साल की थी तो कई सारी कंपनियों ने स्कीन केयर एंडोर्समेंट ने मुझे ऑफर दिया था (टेम्पटेटिंग तरीके से) पर मैं हमेशा अपने सिद्धांतों पर डटी रही.'
उन्होंने कहा,'ये सब रोकने की जरूरत है. ये जो बुरे सपने हमें बेच
रहे हैं जहां हम ये बात करते हैं कि सिर्फ गोरापन ही प्यारा और सुंदरता है,
खासकर उस देश में जहां सबसे ज्यादा सांवले रंग के लोग रहते हैं. ये जड़ों
में काफी अंदर तक है. हालांकि, एक ब्रांड ने आखिरकार ये कदम उठाया
है और भी बाकी ब्रांड्स को इसी तरह कदम उठाने चाहिए.'
फोटो- बिपाशा बसु इंस्टाग्राम