अराधना (1969)
निर्देशक: शक्ति सामंत
कलाकार: शर्मिला टैगोर, राजेश खन्ना, सुजीत कुमार, फरीदा जलाल
अराधना ने राजेश खन्ना को रातों रात सुपर स्टार बना दिया और अभिनेत्री शर्मिला टैगोर को उनका पहला फिल्मफेयर अवार्ड मिला. साथ ही किशोर कुमार को भी इस फिल्म के लिए पहला फिल्मफेयर अवार्ड मिला.
एन इवनिंग इन पेरिस (1967)
निर्देशक: शक्ति सामंत
कलाकार: शर्मिला टैगोर, शम्मी कपूर, प्राण
70 का दशक और अभिनेत्री बिकनी में दिखीं. पहली बार शर्मिला ने बॉलीवुड के पर्दे पर बिकनी पहन कर सनसनी फैला दी. शम्मी कपूर एक रोमांटिक गाने में हेलीकॉप्टर में दिखे. यह गाना बहुत ही पॉपुलर हुआ.
ज्वेल थीफ (1967)
निर्देशक: विजय आनंद
कलाकार: देव आनंद, वैजयंतीमाला, अशोक कुमार, तनुजा
विजय आनंद की सुपर हिट रोमांटिक थ्रिलर, जिसके गाने आज भी लोगों की जबान में हैं.
राम और श्याम (1967)
निर्देशक: तापी चाण्क्य
कलाकार: दिलीप कुमार, वहीदा रहमान, मुमताज, प्राण
जुड़वा भाईयों को लेकर बॉलीवुड में बनाई गई पहली फिल्म, जो जन्म के बाद अलग हो जाते हैं. राम और श्याम ने आने वाले सालों में कई जुड़वा भाईयों और बहनों को लेकर बनाई फिल्मों की नींव रखी. जिनमें प्रमुख हैं..सीता और गीता, चालबाज, किशन कन्हैया, जुड़वा.
तीसरी मंजिल (1966)
निर्देशक: विजय आनंद
कलाकार: शम्मी कपूर, आशा पारेख
फिल्म एक ऐसे लड़की के चारों ओर घूमती है जो यह सोचती है कि उसके बहन का कातिल एक नाइट क्लब में गाना गाने वाला शख्स है लेकिन नियति उसे उसी शख्स से प्रेम में जा पहुंचाती है. आरडी बर्मन का संगीत इस क्लासिकल फिल्म की खूबसूरती और बढ़ा देता है.
मेरा साया (1966)
निर्देशक: राज खोसला
कलाकार: सुनील दत्त, साधना, प्रेम चोपड़ा
एक पति जो अपनी पत्नी से बेइंतहा प्यार करता है, उसकी मौत हो जाती है लेकिन वह मरी हुई महिला अपने पति के पास वापस आ जाती है. फिल्म का सस्पेंस और इसके गाने लोगों को बांध के रखते हैं. टाइटल ट्रैक मेरा साया, नैनों में बदरा छाया और झुमका गिरा रे कुछ बेहतरीन गाने हैं.
गाइड (1965)
निर्देशक: विजय आनंद
कलाकार: देव आनंद, वहीदा रहमान, लीला चिटनीस
भारत ही नहीं विश्व सिनेमा में भी गाइड का अहम स्थान है. आरके नारायण की किताब पर बनी इस फिल्म ने 7 फिल्मफेयर अवार्ड जीते. आनंद भाईयों की यह फिल्म सचमुच क्लासिकल है. वहीदा रहमान ने एक नृत्यांगना के रूप में अपने अभिनय का लोहा मनवाया.
संगम (1964)
निर्देशक: राज कपूर
कलाकार: राज कपूर, राजेंद्र कुमार, वैजयंतीमाला
प्रेम त्रिकोण पर बनी राज कपूर की यह पहली रंगीन फिल्म थी. राज कपूर ने पहली बार इस फिल्म में अंग्रेजी का गाना, आई लव यू को शामिल किया.
तेरे घर के सामने (1963)
निर्देशक: विजय आनंद
कलाकार: देव आनंद, नूतन
यह दो ऐसे लोगों की कहानी है अपना घर का विस्तार दूसरे के घर तक करना चाहते हैं. इस रोमांटिक कॉमेडी में नूतन और देव आनंद ने गजब का अभिनय किया है.
बंदिनी (1963)
निर्देशक: बिमल रॉय
कलाकार: नूतन, अशोक कुमार, धर्मेंद्र
यह फिल्म एक ऐसी लड़की की कहानी है जो हत्या के जुर्म में जेल से सजा काटकर लौटी है. फिल्म को नूतन के सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अवार्ड के सहित कुल 6 फिल्मफेयर अवार्ड मिले.
मेरे महबूब
निर्देशक: हरनाम सिंह
कलाकार: राजेंद्र कुमार, साधना, निम्मी, अशोक कुमार, प्राण जॉनी वाकर
समकालीन मुस्लिम समाज का तहजीब इस फिल्म में उभर कर आया है. एक गरीब गीतकार जिसे एक बुर्का पहनने वाली लड़की से प्यार हो जाता है लेकिन वह उसे पहचान नहीं पता क्योंकि उसने हमेशा उसके हाथ ही देखे हैं. इसके गाने बेहद रोमांटिक हैं.
बीस साल बाद (1962)
निर्देशक: बीरेन नाग
कलाकार: बिश्वजीत, वहीदा रहमान, मदन पुरी, असित सेन
शरलॉक होम्स के द हाउंड ऑफ बास्केरविले पर बनी यह फिल्म अपने हिट गानों और थ्रिलिंग सस्पेंस के लिए जानी जाती है.
जंगली (1961)
निर्देशक: सुबोध मुखर्जी
कलाकार: शम्मी कपूर, सायरा बानो, शशिकला
याहू ने फिल्म जंगली को सुपर हिट बना दिया. हल्की फुल्की कॉमेडी और रोमांटिक अदाओं के लिए फिल्म जानी जाती है.
गंगा जमुना (1961)
निर्देशक: नीतिन बोस
कलाकार: दिलीप कुमार, वैजयंतीमाला, नासिर खान, अजरा और लीला चिटनीस
दो भाईयों की कहानी गंगा जमुना जो असलियत में दो भाई हैं, दिलीप कुमार और नासिर खान. गंगा जुमना सुपर हिट रही.
नवरंग (1959)
निर्देशक: वी शांताराम
कलाकार: आगा, चंद्रकांत, महिपाल, संध्या, उल्हास और वत्सला देशमुख
बहुत ही अनोखी कहानी है फिल्म नवरंग की. संध्या ने इस फिल्म में बेहतरीन अभिनय किया है. फिल्म का एक गाना अरे जा रे हट नटखट ने इस फिल्म को और भी खास बना दिया.
चलती का नाम गाड़ी (1958)
निर्देशक: सत्येन बोस
कलाकार: किशोर कुमार, मधुबाला, अशोक कुमार और अनूप कुमार
तीनों गांगुली भाई एक साथ इस फिल्म में दिखे. चलती का नाम गाड़ी एक कॉमेडी फिल्म है, जिसने और ना जाने कितने फिल्मों को प्रेरणा दी. आशा और किशोर के गाए गाने बेहतरीन हैं.
मधुमति (1958)
निर्देशक: बिमल रॉय
कलाकार: दिलीप कुमार, वैजयंतीमाला, जॉनी वॉकर और प्राण
पुर्नजन्म पर बनी इस फिल्म ने 10 फिल्मफेयर अवार्ड जीत, जिसको 37 साल बाद डीडीएलजे ने तोड़ा. फिल्म के गाने बेहतीन लिखे गए हैं.
प्यासा (1957)
निर्देशक: गुरु दत्त
कलाकार: गुरु दत्त, माला सिन्हा, वहीदा रहमान, जॉनी वॉकर
एक गीतकार जो इस बेरहम दुनिया में अपने आप को स्थापित करना चाहता है. कहा जाता है कि यह शाहिर लुधियानवी के अधूरे प्रेम पर बनी फिल्म है.
नया दौर (1957)
निर्देशक: बीआर चोपड़ा
कलाकार: दिलीप कुमार, वैजयंतीमाला, अजीत, चांद उस्मानी और जीवन
आर्थिक तरक्की ने लोगों को मालामाल किया तो कुछ को बरबाद. ऐसी एक कहानी को बताती यह फिल्म बेहतरीन अभिनय और कहानी के लिए जानी जाती है.
मदर इंडिया (1957)
निर्देशक: महबूब खान
कलाकार: नरगिस, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार और राज कुमार
सभी क्लासिकल फिल्मों में सर्वश्रेष्ठ कहलाने वाली मदर इंडिया मबबूब खान की ही फिल्म औरत का रीमेक है. राधा जिसको उसके पति ने छोड़ दिया है वह अपने बच्चों का पालती है. इसी फिल्म के बार नरगिस और सुनीत दत्त की शादी हुई.
श्री 420 (1955)
निर्देशक: राज कपूर
कलाकार: राज कपूर, नरगिस और नादिरा
बड़े शहर की चकाचौंध में फंसा फिल्म का हीरो, राज कपूर चार्ली चैपलिन को कॉपी करता दिखता है. इसके कई गाने आज भी लोग गुनगुनाते हैं.
दो बीघा जमीन (1953)
निर्देशक: बिमल रॉय
कलाकार: बलराज साहनी, निरुपा रॉय, रतन कुमार, जगदीप, मुराद और मीना कुमारी
यह फिल्म इटालियन फिल्ममेकर की फिल्म विटटोरियो डी सिकास बाइसाइकल थिव्स की रीमेक है. यह पहली भारतीय फिल्म है जिसको कान्स फिल्म फेस्टिवल में अवार्ड मिला था.
आवारा (1951)
निर्देशक: राज कपूर
कलाकार: पृथ्वीराज कपूर, नरगिस, राज कपूर, लीला चिटनीस, केएन सिंह और शशि कपूर
यह फिल्म ना केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में हिट हुई और राज कपूर को बॉलीवुड का शोमैन कहा जाने लगा. फिल्म में राज कपूर के दादा दीवान बाश्वनाथ कपूर के साथ उनके पिता राजकपूर, शशि कपूर और राज कपूर ने अभिनय किया था.