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मनोरंजन

थप्‍पड़ से पहले इन फिल्‍मों में महिलाओं ने किया घरेलू हिंसा का विरोध

थप्‍पड़ से पहले इन फिल्‍मों में महिलाओं ने किया घरेलू हिंसा का विरोध
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तापसी पन्‍नू की फिल्‍म थप्‍पड़ रिलीज हो गई है. यह फिल्‍म एक थप्‍पड़ के इर्द-गिर्द घूमती है. लेकिन यह महज एक थप्‍पड़ नहीं बल्‍क‍ि घर की चारदीवारी में घरेलू हिंसा की शुरुआत की कहानी है. फिल्‍म में तापसी पन्‍नू ने थप्‍पड़ का विरोध किया है. थप्‍पड़ से पहले भी बॉलीवुड में ऐसी फिल्‍मों पर काम हो चुका है जिनमें महिलाओं ने खुद के लिए खड़ा होना सीखा. एक नजर उन फिल्‍मों पर डालें.


थप्‍पड़ से पहले इन फिल्‍मों में महिलाओं ने किया घरेलू हिंसा का विरोध
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राजा की आएगी बारात
1997 में आई 'राजा की आएगी बारात' फिल्‍म में रानी मुखर्जी ने मुख्‍य भूमिका निभाई थी. यह फिल्‍म बदले की भावना पर आधारित है जिसमें एक आदमी थप्‍पड़ मारने की वजह से लड़की का रेप कर देता है. बाद में कोर्ट आरोपी को लड़की से शादी करने का आदेश देता है. इस फैसले से लड़की अपने ही रेप के आरोपी के साथ जिंदगी बिताने को मजबूर हो जाती है. शादी के बाद पूरा परिवार उसे प्रताडि़त करता है लेकिन लड़की सबका डटकर मुकाबला करती है.

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खून भरी मांग
रेखा की यह मशहूर फिल्‍म एक औरत की शक्‍त‍ि को दिखाती है. फिल्‍म में आरती (रेखा) एक ऐसे आदमी संजय (कबीर बेदी) के प्‍यार में फंस जाती है जिसकी नजर उसकी प्रॉपर्टी पर है. शादी के कुछ सालों बाद संजय उसे मारने की कोश‍िश करता है. किसी तरह आरती बच जाती है और जिंदा रहकर अपना बदला लेती है. इस फिल्‍म में रेखा के कैरेक्‍टर को काफी सराहना मिली थी.


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मेहंदी
फिल्‍म में पूजा (रानी मुखर्जी) की शादी निरंजन से कर दी जाती है. लेकिन शादी के बाद उसे दहेज के लिए प्रताड़‍ित किया जाता है और उसे मारने की कोश‍िश की जाती है. अपने ससुराल वालों और पति के ख‍िलाफ कैसे पूजा लड़ती है यह देखने लायक है.

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दमन
शादी के बाद पति द्वारा पत्‍नी के रेप पर बनी इस फिल्‍म में समाज और शादी की कुछ कड़वी सच्‍चाईयों को दिखाया गया है. 2001 में आई इस फिल्‍म में रवीना टंडन (दुर्गा) लीड रोल में हैं. फिल्‍म में संजय अपनी पत्‍नी दुर्गा को काफी प्रताड़‍ित करता है. जब पानी सिर से ऊपर हो जाता है तब दुर्गा कुछ बड़ा करने को मजबूर हो जाती है.
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सात खून माफ
फिल्‍म एक ऐसी पत्‍नी की कहानी को दर्शाती है जिसमें उसका पति उससे गाली-गलौज करता है और उसके साथ गलत बर्ताव करता है. आख‍िर में वह अपने पति को मार देती है.

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अग्‍न‍ि साक्षी
फिल्‍म में मनीषा कोइराला एक ऐसी पत्‍नी का किरदार निभाती हैं जो एक ऐसी शादी से पीछ़ा छुड़ाना चाहती हैं जिसमें उसके साथ सिर्फ मार-पीट होती है. भागते-भागते वह एक पागल के साथ रहने लगती हैं. उसका पति उसे ढूंढ लेता है लेकिन इस बार वह (मनीषा) उसकी प्रताड़नाओं को सहने की बजाय उसके ख‍िलाफ केस कर देती है.
 

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विदेश
डायरेक्‍टर दीपा मेहता की इस फिल्‍म में भारतीय दुल्‍हन पर किए जाने वाले अत्‍याचार को दिखाया गया है. फिल्‍म में प्रीति जिंटा लीड रोल में थीं.

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