बॉलीवुड फिल्मों में साइकोलॉजिकल थ्रिलर मूवीज काफी समय पहले से बनती आ रही
है. लोगों को इस जॉनर की फिल्में हमेशा से रोमांचित करती है. बहुत जल्द 7
फरवरी को सिनेमाघरों में मलंग रिलीज होने वाली है. मलंग के अलावा बॉलीवुड
की कुछ और भी फिल्में हैं जो साइकोलॉजिकल और रोमांटिक थ्रिलर दोनों से
भरे हैं.
डर (1993)यश चोपड़ा निर्देशित डर एक जबरदस्त साइकोलॉजिकल प्लस थ्रिलर मूवी है. इसमें शाहरुख खान (राहुल) जूही चावला (किरण) के लिए इतना पागल हो जाते हैं कि उन्हें पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. अपना प्यार पाने के लिए राहुल लोगों को मारना भी जायज समझने लगते हें.
दिल से (1998)
शाहरुख खान और मनीषा कोईराला स्टारर फिल्म दिल से नॉर्थ ईस्ट इंडिया में हुए बवाल के बैकड्रॉप पर बनी है. फिल्म में अमर नाम का एक जनर्लिस्ट एक महिला के प्यार में पड़ जाता है जो अलग ही है. यह महिला कई मायने में रहस्यमयी होती है.
डार्लिंग (2007)
राम गोपाल वर्मा के निर्देशन में बनीं यह हॉरर थ्रिलर मूवी आदित्य नाम के एक आदमी की कहानी है. आदित्य का अपनी सेक्रेटरी गीता के साथ अफेयर है, जो कि बेहद अजीब नेचर की हैं. जबकि आदित्य की शादी हो चुकी है और उसका एक बेटा भी है. वह गीता से वादा करता है कि वह अपनी पत्नी से तलाक ले लेगा लेकिन बाद में मुकर जाता है.
बाजीगर (1993)
यह फिल्म एक मर्डर मिस्ट्री के आसपास घूमती है. फिल्म में शाहरुख प्यार का ढ़ोंग कर शिल्पा शेट्टी को मार देते हैं. इस मर्डर को छिपाने के लिए शाहरुख कई झूठ बोलते हैं और लोगों को मारते भी हैं.
गुप्त (1997)
तीन लोगों की यह कहानी एक मर्डर के आस-पास घूमती है. मर्डर के आरोप में बॉबी देओल को गिरफ्तार कर लिया जाता है, लेकिन असली कातिल कोई और होता है. दरअसल, बॉबी से प्यार जीतने के लिए काजोल यह सब कुछ करती है ताकि बॉबी जिससे प्यार करता है (मनीषा कोईराला) से दूर हो सके. यह एक एक्शन थ्रिलर मूवी है.
नो स्मोकिंग (2007)
अनुराग कश्यप निर्देशित नो समोकिंग एक ऐसे आदमी की कहानी है जो अपनी शादी को बचाने के लिए सिगरेट छोड़ने का फैसला करता है. इस चक्कर में वो बाबा बंगाली के पास जाता है लेकिन सिगरेट छोड़ने की प्रक्रिया में कई अनचाही घटनाओं का सामना करना पड़ता है.