बॉलीवुड के बेहतरीन सिंगर्स में से एक अरिजीत सिंह का आज बर्थ डे है. 25 अप्रैल,
1987 में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में जन्में अरिजीत सिंह बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान रखते हैं. आज उन्हें रोमांटिक गानों का सरताज माना जाता है लेकिन यहां तक पहुंचने का उनका ये सफर इतना आसान नहीं था.
आइए जानें, अरिजीत की जिंदगी के अनजाने पल...
अरिजीत की म्यूजिक की ट्रेनिंग घर हुई क्योंकि उनकी दादी सिंगर हैं और उनकी आंटी क्लासिकल म्यूजिक टीचर हैं. उन्होंने संगीत अपनी मां से भी सीखा जो कि गाने के साथ साथ तबला वादन भी करती हैं.
अरिजीत ने भारतीय क्लासिकल संगीत राजेंद्र प्रसाद हजारी से सीखा और तबला वादन धीरेंद्र प्रसाद हजारी से सीखा. वहीं बीरेंद्र प्रसाद हजारी ने उन्हें रवींद्र और पॉप संगीत सिखाया.
रियलिटी शो ‘फेम गुरुकुल’ के फाइनल तक पहुंचकर अरिजीत हार गए थे. इसके बाद अरिजीत ने रिएलिटी शो '10
के 10 ले गए दिल’ में भाग लिया जिसमें ‘फेम गुरुकुल’ और ‘इंडियन आइडल’ के
विजेताओं के बीच कॉम्पटीशन था और इस बार वे जीत गए.
फिल्मों में सिंगिग शुरू करने से पहले अरिजीत भजन गाते थे. साल 2010 में अरिजीत ने प्रीतम चक्रवर्ती के साथ तीन फिल्में गोलमाल 3, क्रुक, और एक्शन रिप्ले से काम किया. साल 2011 में अरिजित ने अपना बॉलीवुड म्यूजिक डेब्यू मिथुन के बनाए गाने मर्डर-2 का ‘फिर मोहब्बत’ के साथ किया.
इसके बाद उन्होंने फिल्म एजेंट विनोद का ‘राबता’ गाना गाया. एजेंट विनोद के अलावा अरिजीत ने प्रीतम के लिए तीन और फिल्मों के लिए गाने डब किए जिसमें प्लेयर्स, कॉकटेल और बरफी जैसी फिल्में शामिल हैं.
फिल्म शंघाई में विशाल-शेखर के लिए ‘दुआ’ गाने को अपनी आवाज दी जिसके लिए उन्हें मिर्ची म्यूजिक अवार्ड में अपकमिंग मेल प्लेबैक सिंगीर का अवार्ड मिला.
फिल्म बर्फी के गाने ‘फिर ले आया दिल’ के लिए नोमिनेट किया गया था. लेकिन अरिजीत को सबसे ज्यादा लोकप्रियता साल 2013 में ‘आशिकी 2’ के ‘तुम ही हो’ गाने से मिली. इस गाने के लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले जिसमें फिल्मफेयर पुरस्कार के बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर का नोमिनेशन भी शामिल है.
अरिजीत ने हिंदी के अलावा बंगाली, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मराठी भाषाओं में भी गाने गाये. इसके अलावा उनके कई अन्य गाने जैसे समझांवां, हमदर्द, मनवा लागे, मुस्कुराने की वजह, सुनो ना संगमरमर, मस्त मगन जैसे गाने गाए जो कि सुपरहिट रहे और चार्टबस्टर्स में भी छाए रहे.