दक्षिण भारतीय फिल्म अभिनेता और राजनेता चिरंजीवी 22 अगस्त को अपना जन्मदिन मना रहे हैं. देश-दुनिया में फैले उनके प्रशंसक उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दे रहे हैं. देखिए कैसा रहा चिरंजीवी का अब तक का सफर...
22 अगस्त 1955 को जन्मे चिरंजीवी जाने-माने अभिनेता और राजनेता हैं.
चिरंजीवी ने मुख्य रूप से तेलुगू फिल्मों में काम किया है, लेकिन उन्होंने कई कन्नड़ और हिंदी फिल्में भी की हैं.
चिरंजीवी की पहचान न केवल टॉलीवुड में, बल्कि पूरे भारत में है.
चिरंजीवी को 'मेगास्टार' भी कहा जाता है.
इसकी वजह यह है कि चिरंजीवी ने कई ऐसी फिल्में की हैं, जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर खूब धूम मचाई.
चिरंजीवी का असली नाम कोणिदेल शिव शंकर वर प्रसाद है.
चिरंजीवी ने 1978 में फिल्म ‘पुनाधिराल्लु’ से अपना करियर शुरू किया. हालांकि बॉक्स ऑफिस पर रिलीज होने वाली उनकी पहली फिल्म बनी ‘प्रणाम खारिदु’.
चिरंजीवी ने अपने करियर के दौरान साउथ के 9 फिल्म फेयर अवार्ड हासिल किए.
किसी तेलुगू कलाकार द्वारा फिल्म फेयर पुरस्कार पाने के मामले में यह एक रिकार्ड है.
चिरंजीवी को देश के तीसरे सबसे प्रतिष्ठित सम्मान 'पद्मभूषण' से भी नवाजा गया है. इसके साथ ही उन्हें आंध्र विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी दी गई है.
चिरंजीवी का जन्म आन्ध्र-प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले में हुआ था.
चिरंजीवी को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था.
आंध्र-प्रदेश से 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद चिरंजीवी ने कॉमर्स से स्नातक किया.
ग्रेजुएशन के बाद चिरंजीवी चेन्नई आ गए.
चेन्नई में उन्होंने एक्टिंग सीखने के लिए मद्रास फिल्म इंस्टिट्यूट में एडमिशन लिया.
वर्ष 1980 में चिरंजीवी ने अल्लू राम लिंगइया की बेटी सुरेखा के साथ परिणय सूत्र में बंध गए.
चिरंजीवी की दो बेटियां हैं, सुष्मिता और स्रीजा.
चिरंजीवी के पुत्र रामचरण तेजा तेलुगु फिल्म के अभिनेता हैं.
अपनी पहली हिंदी फिल्म 'प्रतिबंध' के लिए भी चिरंजीवी को फिल्मफेयर अवॉर्ड के लिए नामित किया जा चुका है.
चिरंजीवी ने 'पुनाधिरल्लू' फिल्म के साथ करियर की शुरुआत की.
हालांकि 'प्रणाम खरीदू' फिल्म पहले प्रदर्शित हुई.
निर्देशक बापू की फिल्म 'मना पूरी पंडावुलू' से चिरंजीवी को घर-घर में पहचान मिली.
वर्ष 1979 और 1980 चिरंजीवी के लिए खास साबित हुआ.
वर्ष 1979 में चिरंजीवी की 8 और 1980 में 14 बड़ी फिल्में प्रदर्शित हुईं.
चिरंजीवी के कुछ फिल्मों में निगेटिव रोल भी किए हैं.
चिरंजीवी ने 'मोसागडू', 'रानी कसुला रंगम्मा' जैसी फिल्मों में निगेटिव रोल किए हैं.
1980 और 1990 का दशक चिरंजीवी के लिए बहुत अहम साबित हुआ.
चिरंजीवी ने वर्ष 1997 में 'हिटलर' फिल्म में शानदर अभिनय कर खूब सुर्खियां बटोरीं.
चिरंजीवी ने अपनी शोहरत को सियासी दुनिया में भुनाने का प्रयास किया, जिसमें में सफल भी रहे.
वर्ष 2008 में चिरंजीवी ने आन्ध्र-प्रदेश में 'प्रजा राज्यम' पार्टी की स्थापना की.
वर्ष 2009 में हुए विधानसभा चुनावों में चिरंजीवी की पार्टी को 18 सीटों पर विजय प्राप्त हुई.
दक्षिण भारत में चिरंजीवी की पहचान एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी है.
चिरंजीवी समाजसेवा के काम में भी पूरी तत्परता के साथ जुड़े हैं.
साल 2011 में उनकी पार्टी का आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस में औपचारिक विलय हो गया.
चिरंजीवी चैरिटी ट्रस्ट की स्थापना चिरंजीवी ने 1998 में की थी.
चिरंजीवी चैरिटी ट्रस्ट का एक ब्लड बैंक और कई आई बैंक हैं.
आंध्र प्रदेश सरकार ने चिरंजीवी चैरिटी ट्रस्ट को सबसे ज्यादा ब्लड जमा करने के लिए पुरस्कार भी दिए हैं. इसके अलावा चिरंजीवी को राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार मिले हैं.
2002 में रिलीज फिल्म 'इन्द्र'' बेहद कामयाब साबित हुई. सियासत में कदम रखने से पहले चिरंजीवी आखिरी फिल्म थी 'शंकर दादा जिंदाबाद'.
चिरंजीवी के प्रशंसक चाहते हैं कि वे एक बार फिर बड़े पर्दे पर दिखें.